मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एक जानेमाने यूट्यूबर ए. शंकर उर्फ ‘सवक्कु’ शंकर को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया और छह महीने जेल की सजा सुनाई. अदालत ने शंकर के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला चलाया था. न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की पीठ ने शंकर से पूछा था कि उन्हें न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा उसे “अपमानित” करने का दोषी क्यों न ठहराया जाए.
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Madurai bench of Madras High Court has sentenced YouTuber Savukku Shankar to six months imprisonment in suo motu contempt proceedings initiated against him for his alleged controversial remarks against higher judiciary.
— ANI (@ANI) September 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 15, 2022Madurai bench of Madras High Court has sentenced YouTuber Savukku Shankar to six months imprisonment in suo motu contempt proceedings initiated against him for his alleged controversial remarks against higher judiciary.
— ANI (@ANI) September 15, 2022
अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने कृत्य पर कोई दुख व्यक्त नहीं किया था और उस तरह के बयान देना स्वीकार किया था जिनके चलते उसे आरोपित किया गया. पीठ ने कहा कि इस पर भी गौर किया जाना चाहिए कि अवमाननाकर्ता ने सभी आरोपित बयान देने की बात स्वीकार की है. यह निष्कर्ष निकालने के लिए किसी फोरेंसिक जांच की भी जरूरत नहीं है कि ये पूर्व दृष्टया निंदनीय हैं और इन्होंने न्यायपालिका संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.
शंकर ने बयान दिया था कि पूरी न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. पीठ ने कहा, 'अवमाननाकर्ता के पास भ्रष्टाचार घटनाओं का उल्लेख करने का अधिकार है, लेकिन इनके समर्थन में साक्ष्य भी होने चाहिए. कुछ घटनाओं के लिए पूरे संस्थान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसका अर्थ लक्ष्मण रेखा को लांघने जैसा होगा.'