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यौन उत्पीड़न मामला: मद्रास हाई कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए और छह सप्ताह का समय दिया

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Published : Jun 18, 2021, 10:42 PM IST

मद्रास उच्च न्यायालय ने एक निलंबित विशेष डीजीपी के खिलाफ एक अधीनस्थ महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के एक मामले जांच अधिकारी को जांच पूरी करने के लिए छह महीने का समय दिया है.

मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने एक निलंबित विशेष डीजीपी के खिलाफ एक अधीनस्थ महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के एक मामले की जांच पूरी करने के लिए शुक्रवार को जांच अधिकारी को और छह सप्ताह का समय दे दिया.

अदालत ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था और न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश के सामने पेश हुए जांच अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक विभाग से कुछ विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है और यह कार्य तीन हफ्ते में कर लिया जायेगा.

जांच अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 बी के तहत जरूरी प्रमाण पत्र भी एकत्र किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने और अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट पेश करने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

महाधिवक्ता आर षण्मुगासुंदरम ने कहा कि जहां तक आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट का सवाल है, वह पहले ही गृह सचिव को सौंपी जा चुकी है और उसके आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने 30 अप्रैल के आदेश में छह सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया था और इस अवधि में जांच पूरी न होने के संबंध में जांच अधिकारी द्वारा बताए गए कारणों से वह संतुष्ट हैं.

पढ़ें - सीबीआई देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी के जरिए शुक्ला मामले में दखल दे रही : महाराष्ट्र सरकार

जांच लगभग पूरी हो चुकी है और अब मात्र कुछ रिपोर्ट संकलित करना बाकी है जिसके बाद संबंधित अदालत में अंतिम रिपोर्ट पेश की जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने एक निलंबित विशेष डीजीपी के खिलाफ एक अधीनस्थ महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के एक मामले की जांच पूरी करने के लिए शुक्रवार को जांच अधिकारी को और छह सप्ताह का समय दे दिया.

अदालत ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था और न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश के सामने पेश हुए जांच अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक विभाग से कुछ विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है और यह कार्य तीन हफ्ते में कर लिया जायेगा.

जांच अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 बी के तहत जरूरी प्रमाण पत्र भी एकत्र किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने और अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट पेश करने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

महाधिवक्ता आर षण्मुगासुंदरम ने कहा कि जहां तक आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट का सवाल है, वह पहले ही गृह सचिव को सौंपी जा चुकी है और उसके आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने 30 अप्रैल के आदेश में छह सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया था और इस अवधि में जांच पूरी न होने के संबंध में जांच अधिकारी द्वारा बताए गए कारणों से वह संतुष्ट हैं.

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जांच लगभग पूरी हो चुकी है और अब मात्र कुछ रिपोर्ट संकलित करना बाकी है जिसके बाद संबंधित अदालत में अंतिम रिपोर्ट पेश की जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

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