चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय (Madras HC) ने गुरुवार को तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज (Senthil Balaji Bail Rejected) कर दी. सेंथिल बालाजी को धन शोधन मामले (Money Laundering Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता का भाई फरार है और याचिकाकर्ता बिना विभाग के मंत्री के पद पर है, इसलिए वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
गौरतलब है कि बालाजी को 14 जून को ईडी ने नकदी के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. जिस समय यह घोटाले हुआ वह पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे. इस मामले में ईडी की ओर से 12 अगस्त को चेन्नई प्रिंसिपल सेशन कोर्ट में सेंथिल बालाजी के खिलाफ करीब 3 हजार पन्नों की चार्जशीट और दस्तावेज दाखिल किए गए थे. मामले में मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका मद्रास प्रिंसिपल सेशन कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई की और 20 सितंबर को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि सेंथिल बालाजी की ओर से कोई सबूत पेश नहीं किया गया. इसके बाद मंत्री की ओर से दायर जमानत याचिका उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जयचंद्रन के समक्ष सुनवाई के लिए आई. उस समय सेंथिल बालाजी की ओर से कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी के वक्त उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था, इसलिए उन्हें रिहाई मिलनी चाहिए. गिरफ्तारी से पहले न तो मंत्री सेंथिल बालाजी और न ही उनके रिश्तेदार को कारण बताया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि वो लंबे समय से उपचाराधीन हैं और उनके दिल की सर्जरी हुई है. इसलिए भी जमानत देनी चाहिए.
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