इंदौर : पुलवामा में हुए आतंकी हमले में जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था क्या वो ई कॉमर्स कंपनी अमेजन के जरिए वहां पहुंचाया गया था. मध्य प्रदेश के विदिशा के चेंबर ऑफ कॉमर्स ने यह आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है. जिसमें अवैध गतिविधियों में लिफ्त पाए जाने पर ई कॉमर्स कंपनी अमेजन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. इससे पहले मध्य प्रदेश (madhya pradesh) सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ई-कॉमर्स (e-Commerce company) कंपनी अमेजन (Amazon) के खिलाफ (FIR) एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दे दिए हैं.
जारी है प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री
मध्य प्रदेश व्यापार उद्योग मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजेश जैन ने आरोप लगाया है कि आश्चर्यजनक रूप से, पुलवामा हमले में भी इस कंपनी का नाम सामने आ चुका है. जांच में इस बात का भी पता चला है कि आतंकवादी संगठनों द्वारा बम बनाने के लिए आवश्यक विस्फोटक पदार्थ भी अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल से मंगाए गए थे, जिनका उपयोग पुलवामा हमले में किया गया था. हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. राजेश जैन ने इस बात का भी जिक्र किया कि अमेजन ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए कुछ रसायनों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था. बावजूद इसके अमेज़न के ई पोर्टल पर इन प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री जारी है.
इंदौर की घटना पर FIR के आदेश
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra)ने इंदौर के युवक द्वारा ऑनलाइन (Online) सल्फास के गोलियां मंगाकर सुसाइड कर लेने के मामले में अमेजन कंपनी के खिलाफ एफआईआर (FIR)दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले मेरिजुआना (Online Marijuana Smuggling) की तस्करी के मामले में एमपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विशाखापत्तनम से 4 लोगों की गिरफ्तारी भी की है. भिंड में भी ई कॉमर्स कंपनी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. ताजा मामले में एफआईआर दर्ज कर कंपनी के खिलाफ नोटिस भेजकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर नियंत्रण के लिए एक गाइडलाइन तैयार कर उसे केंद्र को भेजने का फैसला भी किया है.
कंट्रोल के लिए गाइड लाइन तैयार कर रही सरकार
इंदौर पहुंचे प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(narottam mishra) ने इस मामले में ई कॉमर्स (e-Commerce company) कंपनी अमेजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई (FIR) करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी ई-कॉमर्स (e-Commerce company) कंपनी को जहर बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस तरह तो बिजनेस के नाम पर कोई भी कंपनी हथियार और अन्य सामग्री भी बेच सकती है. जिस पर नियंत्रण होना स्वभाविक है, यही वजह है कि राज्य सरकार ई-कॉमर्स (e-Commerce company) कंपनियों पर नियंत्रण के लिए एक गाइडलइन तैयार कर रही है. मिश्रा (narottam mishra) ने बताया कि इस गाइड लाइन को स्वीकृति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. उन्होंने भिंड और इंदौर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य इलाकों में भी इस तरह की प्रतिबंधित सामाग्री की ऑनलाइन बिक्री किए जाने की सूचनाएं मिली हैं. जिनमें संबंधित अधिकारियों को कंपनी के खिलाफ सीधे तौर पर (FIR)करने के निर्देश दिए गए हैं. गृहमंत्री (narottam mishra) ने बताया कि कंपनी के प्रबंधन औरे अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा नहीं आने पर उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी.
हाल ही में सामने आए दो अलग-अलग मामले
केस नंबर -1
इंदौर में एक युवक ने अमेजन (Amazon) कंपनी से सल्फास (जहर) की गोलियां ऑनलाइन मंगाई थी. जिन्हें खाकर उसने सुसाइड कर लिया था. युवक के परिजनों ने इस पूरे मामले की शिकायत जनसुनवाई में जिला प्रशासन से की और आरोप लगाया था कि अमेजन कंपनी ने उनके बेटे को आत्महत्या करने को मजबूर किया और उसकी मदद की है.
केस नंबर -2
भिंड पुलिस ने अमेजन (Amazon) कंपनी (e-Commerce company) के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर मेरिजुआना की तस्करी करने वाले एक ड्रग पैडलर रैकेट का भी पर्दाफाश किया है. इस रैकेट ने अमेजन के प्लेटफॉर्म से स्टीविया (कढ़ी पत्ता) के पत्तों के बहाने लगभग 1 टन गांजे की बिक्री की थी. इस मामले में एमपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इस मामले में ई-कॉमर्स कंपनी पर आरोप है कि उसने अमेजन के माध्यम से 390 पैकेट की जरिए करीब 1टन गांजा एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचा है. इस मामले में छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर की शिकायत पर भिंड पुलिस ने सूरज पवैया और विजेंद्र सिंह तोमर नाम के दो लोगों को भिंड से गिरफ्तार किया है. भिंड पुलिस को इन ड्रग पैडलर्स के पास से अमेजन के खाली पैकिंग पैकेट मिले हैं. पुलिस ने इस मामले में अमेजन के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे नोटिस भी भेजा गया है.