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मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम के लिए रवाना

अक्षय तृतीया के अवसर पर मां यमुना की डोली भाई शनि महाराज की डोली के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई. प्रदेश सरकार की एसओपी के अंतर्गत ग्रामीणों ने अपने घरों से ही मां यमुना को विदाई दी.

मां यमुना की डोली
मां यमुना की डोली
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Published : May 14, 2021, 11:51 AM IST

उत्तरकाशी: शुक्रवार यानी आज यमुनोत्री धाम कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. कोरोना के चलते इस बार भी बिना श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. चारधाम यात्रा यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 12 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो जाएगी.

अक्षय तृतीया के अवसर पर मां यमुना की भोगमूर्ति डोली अपने भाई शनि महाराज की डोली के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई. प्रदेश सरकार की एसओपी के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रशासन की मौजूदगी में मां यमुना की डोली रवाना हुई.

ये भी पढ़े : आज खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट, पुजारी समेत 25 लोग होंगे शामिल

मां यमुना की डोली ढोल-दमाऊ के साथ विशेष पूजा-अर्चना के बाद भाई शनि महाराज की डोली के साथ आज सुबह 9 बजे यमुनोत्री धाम के लिए शीतकालीन प्रवास खरसाली से रवाना हुई.

वहीं प्रदेश सरकार की एसओपी के अंतर्गत ग्रामीणों ने अपने घरों से ही मां यमुना को विदाई दी. मां यमुना के साथ यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ 25 पुरोहित और प्रशासन की टीम यमुनोत्री धाम रवाना हुई.

ये भी पढ़ें : क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया, जानें इसकी कथा और महत्व

यमुनोत्री धाम में विशेष पूजा-अर्चना और विधि विधान से अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर 6 माह के लिए खोल दिए जाएंगे. हालांकि यह दूसरी बार हुआ है, जब चारधाम यात्रा का आगाज बिना श्रद्धालुओं की मौजूदगी के हुआ.

यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित प्रदीप उनियाल का कहना है कि मां यमुना की जो भी अक्षया तृतीया और भैयादूज के दिन पूजा अर्चना और दर्शन करता है. उसको यम यातना और शनि महाराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.

उत्तरकाशी: शुक्रवार यानी आज यमुनोत्री धाम कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. कोरोना के चलते इस बार भी बिना श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. चारधाम यात्रा यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 12 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो जाएगी.

अक्षय तृतीया के अवसर पर मां यमुना की भोगमूर्ति डोली अपने भाई शनि महाराज की डोली के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई. प्रदेश सरकार की एसओपी के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रशासन की मौजूदगी में मां यमुना की डोली रवाना हुई.

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मां यमुना की डोली ढोल-दमाऊ के साथ विशेष पूजा-अर्चना के बाद भाई शनि महाराज की डोली के साथ आज सुबह 9 बजे यमुनोत्री धाम के लिए शीतकालीन प्रवास खरसाली से रवाना हुई.

वहीं प्रदेश सरकार की एसओपी के अंतर्गत ग्रामीणों ने अपने घरों से ही मां यमुना को विदाई दी. मां यमुना के साथ यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ 25 पुरोहित और प्रशासन की टीम यमुनोत्री धाम रवाना हुई.

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यमुनोत्री धाम में विशेष पूजा-अर्चना और विधि विधान से अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर 6 माह के लिए खोल दिए जाएंगे. हालांकि यह दूसरी बार हुआ है, जब चारधाम यात्रा का आगाज बिना श्रद्धालुओं की मौजूदगी के हुआ.

यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित प्रदीप उनियाल का कहना है कि मां यमुना की जो भी अक्षया तृतीया और भैयादूज के दिन पूजा अर्चना और दर्शन करता है. उसको यम यातना और शनि महाराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.

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