ETV Bharat / bharat

जाने कौन हैं देविका सैगल, जिन्होंने एम2एम फेरी की शुरुआत कर लिखी कामयाबी की इबारत

महाराष्ट्र के मुंबई और मांडवा के बीच का फासला जो पहले तीन घंटे का हुआ करता था वह अब एक घंटे से भी कम का हो गया है. इसके पीछे वजह है एम 2 एम फेरीज (M2M ferries). इसकी शुरुआत करने वाली देविका सैगल (devika saigal) बताती हैं अपने सफर के बारे में. आइए जानते हैं..

devika saigal
देविका सैगल
author img

By

Published : Jul 18, 2022, 8:58 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र में अपने समुद्र तट के लिए मशहूर मांडवा गांव, यहां के पोर्ट के लिए भी जाना जाता है. यहां से मुंबई की दूरी 100 किलोमीटर की है जिसे पूरा करने में पहले तीन घंटे का समय लगता था. लेकिन अब लोग इस दूरी को एक घंटे से भी कम समय में तय करते हैं. इस दूरी को 19 किलोमीटर कम करने के पीछे हैं देविका सैगल (devika saigal), जो मांडवा पोर्ट से एम 2 एम फेरीज (M2M ferries) सेवा संचालित करती हैं. इस क्षेत्र में फेरी सेवा संचालित करने वाली वह पहली महिला हैं.

कुछ साल पहले मांडवा पोर्ट को पुराने शिपिंग कंटेनरों को रखने के लिए उपयोग में लाया जाता था, लेकिन 2016 में सरकार ने निजी कंपनियों से इस जगह को विकसित करने के लिए संपर्क किया. ऐसे में देविका, (जिन्होंने इंग्लैंड से इंटरनेशनल मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की हुई है) ने मौके की नजाकत को समझते हुए अपने पिता से बात की जो एक शिपिंग कंपनी चलाते हैं. बस फिर क्या था, उनके मार्गदर्शन में देविका ने इस पोर्ट को विकसित करना शुरू कर दिया.

devika-saigal
देविका सैगल

अपने फेरी सेवा को शुरू करने के सफर के बारे में देविका बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले 20 कंटेनरों को दुकानों में परिवर्तित कराया और वहां एटीएम और पब्लिक टायलेट्स की व्यवस्था करवाई. इस जगह को उन्होंने 'बीच बॉक्स' नाम दिया. इसके अलावा उन्होंने एम्फीथिएटर भी बनवाए, जहां संगीत कार्यक्रम, नाटक आदि का आयोजन किया गया जिससे यहां आम लोगों का आना शुरू हुआ. शुरुआत में साप्ताहांत में करीब दो हजार लोग यहां आते थे, लेकिन महज एक साल के भीतर ही यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 60 हजार हो गई. इसके बाद उन्होंने 2020 की शुरुआत में फेरी सेवा शुरू करनी चाही लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते उनकी योजना काफी प्रभावित हुई. हालांकि उसी साल अगस्त में उन्होंने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के साथ मिलकर एम 2 एम फेरी सेवा शुरू की. यह फेरी 500 लोगों के साथ 120 चौपहिया वाहन और 60 दोपहिया वाहनों को ले जाने में सक्षम है.

यह भी पढ़ें- इस तारीख को विशाखापट्टनम से चलेगी क्रूज शिप एम्प्रेस, जानें कैसे करें बुकिंग

देविका आगे बताती हैं, यह फेरी सेवा सुबह सात बजे से शुरू होती है. यह उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है जो यहां से काम करने मुंबई जाते हैं. फेरी के टिकट का मूल्य 400 रुपये से लेकर 1,500 रुपये के बीच है. वहीं गाड़ियों के लिए अलग शुल्क देना होता है. हमने फेरी के लिए 75 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वे बताती हैं कि इसके संचालन के पहले दिन इस फेरी से 100 लोगों ने यात्रा की थी. वहीं 2021 में 5.5 लाख से अधिक लोगों के साथ एक लाख चारपहिया वाहन और 30 हजार दो पहिया वाहनों ने फेरी का सफर किया. हालांकि कोरोना काल में करीब एक साल घाटा हो रहा था लेकिन हमने हार नहीं मानी. इस साल भी मई में 65 हजार लोगों ने फेरी सेवा का लुत्फ उठाया और जल्द ही ऐसी फेरी सेवा को अन्य पोर्ट से भी शुरू करने की योजना है.

मुंबई: महाराष्ट्र में अपने समुद्र तट के लिए मशहूर मांडवा गांव, यहां के पोर्ट के लिए भी जाना जाता है. यहां से मुंबई की दूरी 100 किलोमीटर की है जिसे पूरा करने में पहले तीन घंटे का समय लगता था. लेकिन अब लोग इस दूरी को एक घंटे से भी कम समय में तय करते हैं. इस दूरी को 19 किलोमीटर कम करने के पीछे हैं देविका सैगल (devika saigal), जो मांडवा पोर्ट से एम 2 एम फेरीज (M2M ferries) सेवा संचालित करती हैं. इस क्षेत्र में फेरी सेवा संचालित करने वाली वह पहली महिला हैं.

कुछ साल पहले मांडवा पोर्ट को पुराने शिपिंग कंटेनरों को रखने के लिए उपयोग में लाया जाता था, लेकिन 2016 में सरकार ने निजी कंपनियों से इस जगह को विकसित करने के लिए संपर्क किया. ऐसे में देविका, (जिन्होंने इंग्लैंड से इंटरनेशनल मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की हुई है) ने मौके की नजाकत को समझते हुए अपने पिता से बात की जो एक शिपिंग कंपनी चलाते हैं. बस फिर क्या था, उनके मार्गदर्शन में देविका ने इस पोर्ट को विकसित करना शुरू कर दिया.

devika-saigal
देविका सैगल

अपने फेरी सेवा को शुरू करने के सफर के बारे में देविका बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले 20 कंटेनरों को दुकानों में परिवर्तित कराया और वहां एटीएम और पब्लिक टायलेट्स की व्यवस्था करवाई. इस जगह को उन्होंने 'बीच बॉक्स' नाम दिया. इसके अलावा उन्होंने एम्फीथिएटर भी बनवाए, जहां संगीत कार्यक्रम, नाटक आदि का आयोजन किया गया जिससे यहां आम लोगों का आना शुरू हुआ. शुरुआत में साप्ताहांत में करीब दो हजार लोग यहां आते थे, लेकिन महज एक साल के भीतर ही यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 60 हजार हो गई. इसके बाद उन्होंने 2020 की शुरुआत में फेरी सेवा शुरू करनी चाही लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते उनकी योजना काफी प्रभावित हुई. हालांकि उसी साल अगस्त में उन्होंने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के साथ मिलकर एम 2 एम फेरी सेवा शुरू की. यह फेरी 500 लोगों के साथ 120 चौपहिया वाहन और 60 दोपहिया वाहनों को ले जाने में सक्षम है.

यह भी पढ़ें- इस तारीख को विशाखापट्टनम से चलेगी क्रूज शिप एम्प्रेस, जानें कैसे करें बुकिंग

देविका आगे बताती हैं, यह फेरी सेवा सुबह सात बजे से शुरू होती है. यह उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है जो यहां से काम करने मुंबई जाते हैं. फेरी के टिकट का मूल्य 400 रुपये से लेकर 1,500 रुपये के बीच है. वहीं गाड़ियों के लिए अलग शुल्क देना होता है. हमने फेरी के लिए 75 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वे बताती हैं कि इसके संचालन के पहले दिन इस फेरी से 100 लोगों ने यात्रा की थी. वहीं 2021 में 5.5 लाख से अधिक लोगों के साथ एक लाख चारपहिया वाहन और 30 हजार दो पहिया वाहनों ने फेरी का सफर किया. हालांकि कोरोना काल में करीब एक साल घाटा हो रहा था लेकिन हमने हार नहीं मानी. इस साल भी मई में 65 हजार लोगों ने फेरी सेवा का लुत्फ उठाया और जल्द ही ऐसी फेरी सेवा को अन्य पोर्ट से भी शुरू करने की योजना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.