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राजस्थानः गायों के बाद अब हिरणों में फैल रही लम्पी जैसी बीमारी, 15 की हुई मौत, 15 संक्रमित

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Published : Sep 28, 2022, 4:41 PM IST

गायों के बाद अब हिरणों में लम्‍पी बीमारी जैसे लक्षण सामने आए हैं. बाड़मेर के धोरीमन्ना क्षेत्र के कातरला गांव में अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान के सेंटर से ऐसे मामले सामने आए (Lumpy like disease in deer of Barmer) हैं. सेंटर के एक सदस्‍य का कहना है कि लम्‍पी जैसी बीमारी से 15 हिरणों की मौत हो चुकी है. अन्‍य 15 इसी रोग से ग्रसित हैं. हालांकि उप वन संरक्षक का कहना है कि पोस्‍टर्माटम के बाद ही मौत की सही वजह पता चलेगी.

Lumpy like disease in deer of Barmer, 15 deer died due to lumpy like disease
गायों के बाद अब हिरणों में फैल रही लम्पी जैसी बीमारी.

बाड़मेर. जिले में लम्पी स्क्रीन बीमारी के कहर की वजह से हजारों की संख्या में गायों की मौत हुई है. अब वन्य जीव भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जिले में रेस्क्यू कर वन्यजीवों को बचाने वाली एक संस्थान के सेंटर पर कई हिरण संभावित लम्पी स्किन बीमार के चपेट में आ (Lumpy like disease in deer of Barmer) गए.

पशुपालन विभाग का दावा है कि अब जिले में लम्पी स्किन बीमारी का असर कम हो रहा है, जबकि अब वन्य जीव भी लम्पी जैसे लक्षणों वाली बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. ऐसा मामला जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के कातरला गांव में अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान के सेंटर से सामने आया है. रेस्क्यू सेंटर के सदस्य घेवरचंद विश्नोई ने बताया कि वन्यजीवों को बचाकर रेस्क्यू कर सेंटर पर रखा जाता है. सेंटर में हिरणों के अलावा खरगोश, कबूतर, मोर, नीलगाय भी हैं.

गायों के बाद अब हिरणों में फैल रही लम्पी जैसी बीमारी.

पढ़ें: लंपी का प्रभाव गायों के साथ अब भैंस में भी दिखा, वैरिएंट में हो रहा बदलावः लालचंद कटारिया

उन्‍होंने बताया कि पिछले डेढ़ माह से हिरणों में लंपी स्किन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. 30 हिरण इस बीमारी की चपेट में आ गए. उनमें से 15 की तो मौत हो गई है, तो 15 हिरण इस बीमारी से जूझ रहे हैं. सरकारी की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है, इसलिए संस्थान अपने स्तर पर इन संक्रमित हिरणों का इलाज करवाया रहा है. उन्होंने बताया कि हिरणों में लम्पी बीमारी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इनमें पैरो में सूजन के बाद कीड़े पड़ना, शरीर पर गांठे बनाना जैसे लक्षण दिख रहे हैं.

पढ़ें: लंपी स्किन डिजीज, भैंसों में भी दिखा संक्रमण, बिना टेंडर होगी दवाइयों की खरीद

उप वन संरक्षक संजय प्रकाश भादु ने बताया कि आज ही हिरणों की मौत का मामला सामने आया है. जिसके बाद वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची है. जांच के बाद ही हिरणों की मौत की वजह का पता चल पाएगा. पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निर्देशक नारायण सोलंकी ने बताया कि जिले में अब तक 965388 पशुओं का सर्वे किया गया जिसमें 110284 पशु लम्‍पी से संक्रमित पाए गए. 2847 गोवंश की मौत हुई है. अब जिले में लम्पी का असर कम हो रहा है.

बाड़मेर. जिले में लम्पी स्क्रीन बीमारी के कहर की वजह से हजारों की संख्या में गायों की मौत हुई है. अब वन्य जीव भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जिले में रेस्क्यू कर वन्यजीवों को बचाने वाली एक संस्थान के सेंटर पर कई हिरण संभावित लम्पी स्किन बीमार के चपेट में आ (Lumpy like disease in deer of Barmer) गए.

पशुपालन विभाग का दावा है कि अब जिले में लम्पी स्किन बीमारी का असर कम हो रहा है, जबकि अब वन्य जीव भी लम्पी जैसे लक्षणों वाली बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. ऐसा मामला जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के कातरला गांव में अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान के सेंटर से सामने आया है. रेस्क्यू सेंटर के सदस्य घेवरचंद विश्नोई ने बताया कि वन्यजीवों को बचाकर रेस्क्यू कर सेंटर पर रखा जाता है. सेंटर में हिरणों के अलावा खरगोश, कबूतर, मोर, नीलगाय भी हैं.

गायों के बाद अब हिरणों में फैल रही लम्पी जैसी बीमारी.

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उन्‍होंने बताया कि पिछले डेढ़ माह से हिरणों में लंपी स्किन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. 30 हिरण इस बीमारी की चपेट में आ गए. उनमें से 15 की तो मौत हो गई है, तो 15 हिरण इस बीमारी से जूझ रहे हैं. सरकारी की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है, इसलिए संस्थान अपने स्तर पर इन संक्रमित हिरणों का इलाज करवाया रहा है. उन्होंने बताया कि हिरणों में लम्पी बीमारी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इनमें पैरो में सूजन के बाद कीड़े पड़ना, शरीर पर गांठे बनाना जैसे लक्षण दिख रहे हैं.

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उप वन संरक्षक संजय प्रकाश भादु ने बताया कि आज ही हिरणों की मौत का मामला सामने आया है. जिसके बाद वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची है. जांच के बाद ही हिरणों की मौत की वजह का पता चल पाएगा. पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निर्देशक नारायण सोलंकी ने बताया कि जिले में अब तक 965388 पशुओं का सर्वे किया गया जिसमें 110284 पशु लम्‍पी से संक्रमित पाए गए. 2847 गोवंश की मौत हुई है. अब जिले में लम्पी का असर कम हो रहा है.

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