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अयोध्या पहुंचे पत्थरों से भगवान राम के बालक स्वरूप का पहले बनेगा डेमो, मूर्ति के लिए यह चित्र हुआ फाइनल

अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के बालक स्वरूप प्रतिमा के लिए मूर्तिकार विशेषज्ञों ने पत्थरों का मंथन शुरू कर दिया है. पहले मूर्ति का डेमो बनाया जाएगा. इसके लिए मूर्ति का चित्र फाइनल कर लिया गया है.

lord ram child statue
lord ram child statue
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Published : Mar 19, 2023, 10:27 AM IST

Updated : Mar 19, 2023, 11:10 AM IST

चित्रकार विश्वनाथ कामत ने बताया, भगवान राम के बालक स्वरूप का पहले बनेगा डेमो

अयोध्याः अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर में विराजमान होने वाली रामलला की बालक स्वरूप मूर्ति निर्माण को लेकर मंथन का दौर शुरू हो चुका है. अब तक रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नेपाल के गंडकी नदी के अलावा कर्नाटक और राजस्थान से मिलाकर करीब 11 पत्थर अयोध्या आ चुके हैं. इन शिलाओं से ही भगवान रामलला की अचल मूर्ति का निर्माण किया जाना है. मूर्तिकला में सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार विश्वनाथ कामत रामलला की मूर्ति का निर्माण करेंगे.

भगवान राम बालक स्वरूप में धनुर्धारी रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. मूर्ति का स्वरूप लगभग 51 इंच का होगा, जो कमल दल पर सवार होगी. हालांकि, अभी तक जितने भी पत्थर आयोध्या आए हैं. उन पत्थरों में कुछ कमी भी सामने आई है. जैसे- श्याम रंग के कर्नाटक से आए पत्थरों को मूर्ति विशेषज्ञों ने आगे चलकर काला होने की संभावना व्यक्त की है. संगमरमर के पत्थर को मूर्ति के मानक को पूरा करते हुए देखा जा रहा है. लेकिन, उसमें भी मूर्ति विशेषज्ञों ने कुछ कमी बताई है. इसके कारण भगवान रामलला के अचल मूर्ति के निर्माण से पहले मूर्ति का डेमो बनाया जाएगा. इसके बाद सबसे सर्वश्रेष्ठ मूर्ति को भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने का मौका मिलेगा.

रामलला की प्रतिमा का चित्र हुआ फाइनलः भगवान रामलला के अचल प्रतिमा की चित्रकारी लगभग फाइनल हो गई है. मशहूर चित्रकार विश्वनाथ कामत के लाए हुए चित्रपट को ट्रस्ट ने कुछ बदलाव के साथ स्वीकार कर लिया है. करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक रामसेवक पुरम में मूर्ति को लेकर बैठकों का दौर चला. इस दरमियान ट्रस्ट के पदाधिकारी और मूर्तिकला के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी. इसके साथ ही राम नगरी पहुंचे पत्थरों पर रिसर्च टीम की भी राय ली गई.

बालक के रूप में दर्शन देंगे रामललाः भगवान राम की अचल मूर्ति का स्वरूप निर्माण करने वाले प्रख्यात मूर्तिकार विश्वनाथ कामत ने बताया कि भगवान रामलला की अचल मूर्ति खड़ी प्रतिमा होगी. भगवान राम लला के हाथ में तीर और कमान होगा, जो 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में होगा. भगवान राम के बालक स्वरूप की प्रतिमा 51 इंच की होगी. यह कमल दल पर सवार होगी. चित्रकार विश्वनाथ कामत ने बताया कि उनके द्वारा एक मॉडल प्रस्तुत किया गया है, जो ट्रस्ट को पसंद आया है. लेकिन, उसमें अभी कुछ बदलाव किए जाने हैं.

जल्द ही प्रतिमा के लिए पत्थरों का होगा चयनः श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने कहा कि वे पत्थरों को टटोल रहे हैं. कर्नाटक से पत्थर आए हैं. उनमें स्काई ब्लू दिख भी रहा है. लेकिन, मूर्ति विशेषज्ञों ने संभावना व्यक्त की है कि वह आगे चलकर पूर्णकाला हो सकता है. मार्बल के पत्थर में भी थोड़ा सा स्काई ब्लू दिख रहा है. जोधपुर श्यामल रंग की मान्यताओं को पूरा कर सकता है. ऐसा मूर्ति विशेषज्ञों को लगता है. मूर्तिकार ने यह दावा किया है कि वह पूरा स्काई ब्लू संगमरमर दिखाते हैं. वहीं, उड़ीसा से आने वाले पत्थर कब तक आएंगे यह नहीं कहा जा सकता. लेकिन, एक माह के अंदर जितने भी पत्थर आएंगे. उन्हें ही अचल मूर्ति के लिए स्वीकार किया जाएगा. इसके बाद विचार नहीं हो सकेगा.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी विकास कार्यों की समीक्षा करने आज पहुंचेंगे अयोध्या, ये है पूरा कार्यक्रम

चित्रकार विश्वनाथ कामत ने बताया, भगवान राम के बालक स्वरूप का पहले बनेगा डेमो

अयोध्याः अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर में विराजमान होने वाली रामलला की बालक स्वरूप मूर्ति निर्माण को लेकर मंथन का दौर शुरू हो चुका है. अब तक रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नेपाल के गंडकी नदी के अलावा कर्नाटक और राजस्थान से मिलाकर करीब 11 पत्थर अयोध्या आ चुके हैं. इन शिलाओं से ही भगवान रामलला की अचल मूर्ति का निर्माण किया जाना है. मूर्तिकला में सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार विश्वनाथ कामत रामलला की मूर्ति का निर्माण करेंगे.

भगवान राम बालक स्वरूप में धनुर्धारी रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. मूर्ति का स्वरूप लगभग 51 इंच का होगा, जो कमल दल पर सवार होगी. हालांकि, अभी तक जितने भी पत्थर आयोध्या आए हैं. उन पत्थरों में कुछ कमी भी सामने आई है. जैसे- श्याम रंग के कर्नाटक से आए पत्थरों को मूर्ति विशेषज्ञों ने आगे चलकर काला होने की संभावना व्यक्त की है. संगमरमर के पत्थर को मूर्ति के मानक को पूरा करते हुए देखा जा रहा है. लेकिन, उसमें भी मूर्ति विशेषज्ञों ने कुछ कमी बताई है. इसके कारण भगवान रामलला के अचल मूर्ति के निर्माण से पहले मूर्ति का डेमो बनाया जाएगा. इसके बाद सबसे सर्वश्रेष्ठ मूर्ति को भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने का मौका मिलेगा.

रामलला की प्रतिमा का चित्र हुआ फाइनलः भगवान रामलला के अचल प्रतिमा की चित्रकारी लगभग फाइनल हो गई है. मशहूर चित्रकार विश्वनाथ कामत के लाए हुए चित्रपट को ट्रस्ट ने कुछ बदलाव के साथ स्वीकार कर लिया है. करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक रामसेवक पुरम में मूर्ति को लेकर बैठकों का दौर चला. इस दरमियान ट्रस्ट के पदाधिकारी और मूर्तिकला के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी. इसके साथ ही राम नगरी पहुंचे पत्थरों पर रिसर्च टीम की भी राय ली गई.

बालक के रूप में दर्शन देंगे रामललाः भगवान राम की अचल मूर्ति का स्वरूप निर्माण करने वाले प्रख्यात मूर्तिकार विश्वनाथ कामत ने बताया कि भगवान रामलला की अचल मूर्ति खड़ी प्रतिमा होगी. भगवान राम लला के हाथ में तीर और कमान होगा, जो 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में होगा. भगवान राम के बालक स्वरूप की प्रतिमा 51 इंच की होगी. यह कमल दल पर सवार होगी. चित्रकार विश्वनाथ कामत ने बताया कि उनके द्वारा एक मॉडल प्रस्तुत किया गया है, जो ट्रस्ट को पसंद आया है. लेकिन, उसमें अभी कुछ बदलाव किए जाने हैं.

जल्द ही प्रतिमा के लिए पत्थरों का होगा चयनः श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने कहा कि वे पत्थरों को टटोल रहे हैं. कर्नाटक से पत्थर आए हैं. उनमें स्काई ब्लू दिख भी रहा है. लेकिन, मूर्ति विशेषज्ञों ने संभावना व्यक्त की है कि वह आगे चलकर पूर्णकाला हो सकता है. मार्बल के पत्थर में भी थोड़ा सा स्काई ब्लू दिख रहा है. जोधपुर श्यामल रंग की मान्यताओं को पूरा कर सकता है. ऐसा मूर्ति विशेषज्ञों को लगता है. मूर्तिकार ने यह दावा किया है कि वह पूरा स्काई ब्लू संगमरमर दिखाते हैं. वहीं, उड़ीसा से आने वाले पत्थर कब तक आएंगे यह नहीं कहा जा सकता. लेकिन, एक माह के अंदर जितने भी पत्थर आएंगे. उन्हें ही अचल मूर्ति के लिए स्वीकार किया जाएगा. इसके बाद विचार नहीं हो सकेगा.

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Last Updated : Mar 19, 2023, 11:10 AM IST
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