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ओडिशाः कोविड गाइडलाइन के बीच निकली भगवान लिंगराज की रुकुणा रथयात्रा - अशोकाष्टमी के मौके पर भगवान की रुकुणा रथयात्रा

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के श्री लिंगराज मंदिर में अशोकाष्टमी के मौके पर भगवान की रुकुणा रथयात्रा का आयोजन किया गया. हालांकि, रथ स्थानीय गोसारेश्वर चौर पर अटक कर रह गई और आगे नहीं बढ़ी. इसलिए बुधवार को दुबारा रथ खिंचकर मंदिर तक लाया जाएगा.

भगवान लिंगराज की रुकुणा रथयात्रा
भगवान लिंगराज की रुकुणा रथयात्रा
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Published : Apr 21, 2021, 9:26 AM IST

भुवनेश्वर (ओडिशा) : अशोकाष्टमी के मौके पर मंगलवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित श्री लिंगराज मंदिर से भगवान की रुकुणा रथयात्रा निकाली गई. पूर्व निर्धारित समय से 45 मिनट देरी से रथयात्रा हुई. हालांकि, रथ गोसारेश्वर चौक पर अटक कर रह गई थी. बुधवार को दुबारा रख को खिंचकर मंदिर तक लाया जाएगा. वहीं, रथ के चारों तरफ धारा 144 जारी करने के साथ लोगों को रथ के करीब नहीं जाने का निर्देश था.

जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में पहली बार रुकुणा रथयात्रा बिना भक्त के निकाली गई. इस दौरान कोविड दिशानिर्देशों का पालन किया गया था. जिसके तहत भगवान के रथ को केवल मंदिर के सेवायतों और पुलिस कर्मचारियों को मास्क पहने हुए खिंचते देखा गया.

भगवान लिंगराज की रुकुणा रथयात्रा

पढ़ेंः ओडिशा: पोस्को ने मेगा स्टील प्लांट स्थापित करने को दिखाई रुचि, 90 हजार करोड़ के निवेश की योजना

रथ पर श्री लिंगराज (चंद्रशेखर), देवी रुकमणि और भगवान वासुदेव (दोलगोविंद) विराजमान थे. रथयात्रा के दौरान किसी श्रद्धालु को रथ के करीब तक जाने नहीं दिया गया. श्रद्धालुओं ने अपने घर के आगे या छत से ही भगवान के दर्शन किये.

रथ के गुजरने के मार्ग पर सीमित संख्या के लोग ही नजर आए थे.

भुवनेश्वर (ओडिशा) : अशोकाष्टमी के मौके पर मंगलवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित श्री लिंगराज मंदिर से भगवान की रुकुणा रथयात्रा निकाली गई. पूर्व निर्धारित समय से 45 मिनट देरी से रथयात्रा हुई. हालांकि, रथ गोसारेश्वर चौक पर अटक कर रह गई थी. बुधवार को दुबारा रख को खिंचकर मंदिर तक लाया जाएगा. वहीं, रथ के चारों तरफ धारा 144 जारी करने के साथ लोगों को रथ के करीब नहीं जाने का निर्देश था.

जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में पहली बार रुकुणा रथयात्रा बिना भक्त के निकाली गई. इस दौरान कोविड दिशानिर्देशों का पालन किया गया था. जिसके तहत भगवान के रथ को केवल मंदिर के सेवायतों और पुलिस कर्मचारियों को मास्क पहने हुए खिंचते देखा गया.

भगवान लिंगराज की रुकुणा रथयात्रा

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रथ पर श्री लिंगराज (चंद्रशेखर), देवी रुकमणि और भगवान वासुदेव (दोलगोविंद) विराजमान थे. रथयात्रा के दौरान किसी श्रद्धालु को रथ के करीब तक जाने नहीं दिया गया. श्रद्धालुओं ने अपने घर के आगे या छत से ही भगवान के दर्शन किये.

रथ के गुजरने के मार्ग पर सीमित संख्या के लोग ही नजर आए थे.

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