नई दिल्ली: मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ ने शुक्रवार को चंद्रयान -3 मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और अंतरिक्ष क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच आगे सहयोग की आशा व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी. पीएम मोदी ने दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर अपने मॉरीशस समकक्ष जुगनौथ से मुलाकात की.
प्रधानमंत्री जुगनुथ ने जी20 प्रारूप में 'अतिथि देश' के रूप में भाग लेने के लिए मॉरीशस को दिए गए विशेष निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया. भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत जी20 कार्य समूहों और मंत्रिस्तरीय बैठकों में मॉरीशस की सक्रिय भागीदारी की पीएम मोदी ने सराहना की. दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि जी20 कार्यक्रम दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के जश्न के साथ मेल खा रहे हैं.
दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने पिछले साल 30 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों के दौरे और 23 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर के साथ द्विपक्षीय आदान-प्रदान की तीव्र गति का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां अपने मॉरीशस समकक्ष प्रविंद जुगनौथ के साथ द्विपक्षीय बैठक में ग्लोबल साउथ की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
पीएम कुमार जुगनौथ और मेरी बहुत अच्छी मुलाकात हुई. यह भारत-मॉरीशस संबंधों के लिए एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपने देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं. हमने बुनियादी ढांचे, फिनटेक, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'ग्लोबल साउथ की आवाज को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता भी दोहराई.'
इससे पहले आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ बैठक की और दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच वास्तव में विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने मॉरीशस की अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में देखे गए भारत के समर्थन पर प्रकाश डाला और कहा कि नई दिल्ली पोर्ट लुइस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश था.
मॉरीशस-भारत व्यापार संबंधों पर प्रधानमंत्री जुगनुथ ने कहा, 'भारत ने मॉरीशस के साथ अफ्रीका के पहले देश के साथ पहले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) मॉरीशस के लिए भारत के विचार का एक और प्रमाण है. यह अब खुल गया है दोनों देशों के बीच व्यापार के नए रास्ते खुले हैं. यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.'
(एएनआई)