बेंगलुरु: कर्नाटक में लोकायुक्त पुलिस ने भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और उनके बेटे और राज्य भाजपा उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों के खिलाफ बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) अनुबंध देने के लिए एक नई प्राथमिकी दर्ज की है. येदियुरप्पा के खिलाफ उनके 2019-21 के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप में यह पहली प्राथमिकी है. यह विजेन्द्र के खिलाफ भी पहली प्राथमिकी है. एक निजी चैनल द्वारा 2020 में एक स्टिंग ऑपरेशन प्रसारित करने के बाद यह मुद्दा सार्वजनिक हो गया था.
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प्राथमिकी में कहा गया है कि तत्कालीन बीडीए आयुक्त जीसी प्रकाश जो एक आरोपी भी हैं ने मामले में येदियुरप्पा की ओर से 666.22 करोड़ रुपये के बीडीए समूह आवास अनुबंध के लिए चंद्रकांत रामलिंगम से 12 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसे सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर के आग्रह पर अनुबंध मिला था. रामलिंगम ने डॉ. प्रकाश को 12 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. लेकिन बातचीत जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया था कि पैसा विजयेंद्र तक नहीं पहुंचा था, टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था.
बुधवार को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने उनके खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए थे. उन पर बीडीए आवास घोटाले में संलिप्त होने का आरोप है. जनप्रतिनिधियों के मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया था. याचिकाकर्ता ने अदालत से जांच का आदेश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि येदियुरप्पा के परिवार के सदस्यों ने बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) के आवास परियोजना अनुबंध को देने के लिए नकद और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से रामलिंगम कंस्ट्रक्शन कंपनी से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले पर पुनर्विचार करने के लिए सांसद/विधायकों के लिए विशेष अदालत को निर्देश दिये थेय जिसके एक हफ्ते बाद अदालत ने यह आदेश दिया था. येदियुरप्पा को हाल ही में भाजपा, केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकायों के लिए नामित किया गया था.