ETV Bharat / bharat

संसद में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा : सरकार ने कहा, कार्बन उत्सर्जन पर भारत सजग, अन्य देशों की गंभीरता पर सवाल

संसद में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा के बाद केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन कम करने पर भारत सरकार सजग है. उन्होंने कहा कि अन्य देशों की गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं.

author img

By

Published : Mar 31, 2022, 6:04 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 8:09 PM IST

bhupendra yadav
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

नई दिल्ली :कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिये भारत ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यूरोपीय देश कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के निपटने के प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिखते. यह कहना है केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का. उन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान लोक सभा में नियम 193 के तहत चर्चा का जवाब दिया. जलवायु परिवर्तन से निपटने में सरकार के कदमों को रेखांकित करते हुए वन, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया के समक्ष इस महत्वपूर्ण चुनौती से निपटने के लिये विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों से किये वादों को पूरा करना चाहिए तथा अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.

विस्तार से हुई चर्चा के बाद केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav Minister of Environment Forest and Climate) ने सांसदों की चिंता और उनकी ओर से उठाई गई बातों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में 'जलवायु न्याय' एक महत्वपूर्ण तत्व है और इसे ध्यान में रखते हुए विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए. भूपेंद्र यादव ने कहा कि कोपेनहेगन में बैठक में दुनिया के विकसित देशों ने अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया था. इन देशों ने शपथ ली थी कि इन प्रयासों में विकासशील देशों को 100 अरब डालर सहायता देनी चाहिए.

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि स्वभाविक रूप से जब विकसित एवं विकासशील देशों को मिलकर लक्ष्य हासिल करना है, ऐसे में विकसित देशों को विकासशील देशों को जलवायु वित्त पोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से सुविधाएं देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'विकसित देशों ने विकासशील देशों से जो वादे किये हैं, उन्हें पूरा करना चाहिए. उन्हें अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.' भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर चल रहे प्रयासों में पिछले 50 वर्षो में भारत की भूमिका हमेशा समाधानकारक देश की रही हैं .

संसद में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा का जवाब देते केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक : उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में प्लास्टिक को हटाओ का आह्वान किया और इसी दिशा में एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक लगाने की हाल ही में अधिसूचना जारी की गई है. मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में दुनिया के देशों ने इस विषय पर साझा लेकिन एक दूसरे से अलग जिम्मेदारियों के तहत अपनी राष्ट्रीय जरूरतों के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की थी.

भारत ने समय से पहले पूरा किया लक्ष्य : उन्होंने कहा कि इसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि हम तापमान को नियंत्रित करने के लिये क्या पहल कर सकते हैं ? यादव ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल था जिसने इन चुनौतियों के अनुरूप लक्ष्य घोषित किये और उन्हें समय से पहले पूरा किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है. दुनिया में हमारी आबादी 17 प्रतिशत जबकि ग्लोबल वार्मिंग में हमारी हिस्सेदारी केवल चार प्रतिशत है. इसके बावजूद ग्लास्गो में हमने विकासशील देशों की आवाज उठाई. विकसित देशों को अपना दायित्व समझना ही होगा.

'ग्रीन बजट' भावी जरूरतों के मुताबिक : भूपेंद्र यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के जरिये प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसी कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है जिससे हम भविष्य में भारत के ऊर्जा क्षेत्र को अच्छे ढंग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने जो बजट रखा है वो 'ग्रीन बजट' है तथा यह भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों ने अपने ऐतिहासिक जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया, ऐसे में हमें अपनी बात रखनी चाहिये . उन्होंने कहा कि देश की जैविक विविधता को बचाने की जरूरत है और सरकार इसको लेकर काम कर रही है. यादव ने कहा, 'हमारी सरकार विकास और आम लोगों के जीवन में परिवर्तन दोनों को साथ लेकर चल रही है.' उन्होंने कहा कि भारत की जीवनशैली दुनिया को यह बता रही है कि प्रकृति के साथ कैसे जीया जा सकता है.

इससे पहले भाजपा सांसद जलवायु परिवर्तन को देश एवं दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित करने सहित कई कदम उठाये हैं लेकिन अन्य देश इस विषय पर अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे जो चिंता का विषय है.

चर्चा की शुरुआत केरल के साथ : गौरतलब है कि लोक सभा में नियम 193 के तहत जलवायु परिवर्तन के विषय पर चर्चा की शुरुआत केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने की. उन्होंने पर्यावरण के मद्देनजर केरल में केंद्र सरकार की कुछ परियोजनाओं पर सवाल खड़े किए. बता दें कि पिछले कुछ समय से केरल की के रेल या सिल्वर लाइन परियोजना की आलोचना हो रही है.

भारत ने कई क्षेत्रों में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया : इसके बाद चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि दुनिया के सामने आज यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न संकट, कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव जैसी चुनौतियां हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या है जो आने वाले समय के लिये भी बड़ी चुनौती बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया है और जलवायु परिवर्तन के विषय पर जारी प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

कार्बन उत्सर्जन से मुक्त वातावरण : जयंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा तथा उत्सर्जन में कमी लाने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं जो ऐतिहासिक हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि भारत का कदम विकास के साथ साथ कार्बन उत्सर्जन से मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में अहम है. ऐसा कदम अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, कोरिया जैसे देशों ने भी नहीं उठाये.

समुद्र के पानी के गर्म होने का असर : सिन्हा ने एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 200 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है और ऐसा अनुमान है कि आने वाले 80 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्सियस की और वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और इसके कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि का काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हिमनद के पिघलने से नदियों के प्रवाह प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण रेगिस्तान का दायरा बढ़ रहा है और समुद्र के पानी के गर्म होने के कारण चक्रवात एवं समुद्री तूफान के चक्र एवं ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.

नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में काम : भाजपा सांसद ने कहा कि भारत ने तो दुनिया के सामने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रख दिया और इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम भी कर रहा है लेकिन इस दिशा में निवेश एवं कार्यक्रमों पर नजर डालें तब दुनिया के दूसरे देश अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत बढ़ाने और 500 गिगावाट नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में काम करने की रूपरेखा तैयार की है. सिन्हा ने कहा कि हमें विकास का मॉडल बदलना होगा. उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब द्वितीय विश्व युद्ध के समय बनाई गई संस्थाओं में बदलाव करते हुए नयी तरह की संस्थाएं एवं व्यवस्थाएं तैयार करनी होंगी.

क्लाइमेट चेंज के चैलेंज से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास : असम की कलियाबोर सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की. उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय की परियोजनाओं के संबंध में पूछा कि सरकार को बताना चाहिए कि लगातार बढ़ रहे निर्माण कार्य में कार्बन उत्सर्जन से निपटने के क्या उपाय किए जा रहे हैं. तमिलनाडु की तिरुपुर लोक सभा सीच से निर्वाचित सीपीआई सांसद के सुब्बारायण, उत्तर प्रदेश की बिजनौर सीट से निर्वाचित बसपा सांसद मलूक नगर, महाराष्ट्र की मुंबई दक्षिण लोक सभा सीट से निर्वाचित शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी चर्चा में भाग लिया. सावंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के चैलेंज से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है.

तमिलनाडु की चिदंबरम लोक सभा सीट से निर्वाचित वीसीके पार्टी के सांसद थोल थिरुमावलवन, हरियाणा की अंबाला लोक सभी सीट से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया और पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने भी चर्चा में भाग लिया. पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर लोक सभा सीट से भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया, यूपी की बुलंदशहर लोक सभी सीट से निर्वाचित बीजेपी सांसद भोला सिंह ने भी भाग लिया.

यह भी पढ़ें-

बिहार की सारण लोक सभा सीट से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी चर्चा में भाग लिया. राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बारे में सबसे अहम बात ये है कि आम जनता को आसान या आम बोलचाल की भाषा में जलवायु परिवर्तन जैसे जटिल विषय के बारे में कैसे जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से लोक सभा क्षेत्र व अन्य जगहों पर जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.

(इनपुट- पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली :कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिये भारत ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यूरोपीय देश कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के निपटने के प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिखते. यह कहना है केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का. उन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान लोक सभा में नियम 193 के तहत चर्चा का जवाब दिया. जलवायु परिवर्तन से निपटने में सरकार के कदमों को रेखांकित करते हुए वन, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया के समक्ष इस महत्वपूर्ण चुनौती से निपटने के लिये विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों से किये वादों को पूरा करना चाहिए तथा अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.

विस्तार से हुई चर्चा के बाद केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav Minister of Environment Forest and Climate) ने सांसदों की चिंता और उनकी ओर से उठाई गई बातों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में 'जलवायु न्याय' एक महत्वपूर्ण तत्व है और इसे ध्यान में रखते हुए विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए. भूपेंद्र यादव ने कहा कि कोपेनहेगन में बैठक में दुनिया के विकसित देशों ने अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया था. इन देशों ने शपथ ली थी कि इन प्रयासों में विकासशील देशों को 100 अरब डालर सहायता देनी चाहिए.

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि स्वभाविक रूप से जब विकसित एवं विकासशील देशों को मिलकर लक्ष्य हासिल करना है, ऐसे में विकसित देशों को विकासशील देशों को जलवायु वित्त पोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से सुविधाएं देनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'विकसित देशों ने विकासशील देशों से जो वादे किये हैं, उन्हें पूरा करना चाहिए. उन्हें अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए.' भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर चल रहे प्रयासों में पिछले 50 वर्षो में भारत की भूमिका हमेशा समाधानकारक देश की रही हैं .

संसद में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा का जवाब देते केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक : उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में प्लास्टिक को हटाओ का आह्वान किया और इसी दिशा में एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोक लगाने की हाल ही में अधिसूचना जारी की गई है. मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में दुनिया के देशों ने इस विषय पर साझा लेकिन एक दूसरे से अलग जिम्मेदारियों के तहत अपनी राष्ट्रीय जरूरतों के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की थी.

भारत ने समय से पहले पूरा किया लक्ष्य : उन्होंने कहा कि इसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि हम तापमान को नियंत्रित करने के लिये क्या पहल कर सकते हैं ? यादव ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल था जिसने इन चुनौतियों के अनुरूप लक्ष्य घोषित किये और उन्हें समय से पहले पूरा किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है. दुनिया में हमारी आबादी 17 प्रतिशत जबकि ग्लोबल वार्मिंग में हमारी हिस्सेदारी केवल चार प्रतिशत है. इसके बावजूद ग्लास्गो में हमने विकासशील देशों की आवाज उठाई. विकसित देशों को अपना दायित्व समझना ही होगा.

'ग्रीन बजट' भावी जरूरतों के मुताबिक : भूपेंद्र यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के जरिये प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसी कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है जिससे हम भविष्य में भारत के ऊर्जा क्षेत्र को अच्छे ढंग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने जो बजट रखा है वो 'ग्रीन बजट' है तथा यह भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि विकसित देशों ने अपने ऐतिहासिक जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया, ऐसे में हमें अपनी बात रखनी चाहिये . उन्होंने कहा कि देश की जैविक विविधता को बचाने की जरूरत है और सरकार इसको लेकर काम कर रही है. यादव ने कहा, 'हमारी सरकार विकास और आम लोगों के जीवन में परिवर्तन दोनों को साथ लेकर चल रही है.' उन्होंने कहा कि भारत की जीवनशैली दुनिया को यह बता रही है कि प्रकृति के साथ कैसे जीया जा सकता है.

इससे पहले भाजपा सांसद जलवायु परिवर्तन को देश एवं दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित करने सहित कई कदम उठाये हैं लेकिन अन्य देश इस विषय पर अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे जो चिंता का विषय है.

चर्चा की शुरुआत केरल के साथ : गौरतलब है कि लोक सभा में नियम 193 के तहत जलवायु परिवर्तन के विषय पर चर्चा की शुरुआत केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने की. उन्होंने पर्यावरण के मद्देनजर केरल में केंद्र सरकार की कुछ परियोजनाओं पर सवाल खड़े किए. बता दें कि पिछले कुछ समय से केरल की के रेल या सिल्वर लाइन परियोजना की आलोचना हो रही है.

भारत ने कई क्षेत्रों में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया : इसके बाद चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि दुनिया के सामने आज यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न संकट, कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव जैसी चुनौतियां हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या है जो आने वाले समय के लिये भी बड़ी चुनौती बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया है और जलवायु परिवर्तन के विषय पर जारी प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

कार्बन उत्सर्जन से मुक्त वातावरण : जयंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा तथा उत्सर्जन में कमी लाने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं जो ऐतिहासिक हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि भारत का कदम विकास के साथ साथ कार्बन उत्सर्जन से मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में अहम है. ऐसा कदम अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, कोरिया जैसे देशों ने भी नहीं उठाये.

समुद्र के पानी के गर्म होने का असर : सिन्हा ने एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 200 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है और ऐसा अनुमान है कि आने वाले 80 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्सियस की और वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और इसके कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि का काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हिमनद के पिघलने से नदियों के प्रवाह प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण रेगिस्तान का दायरा बढ़ रहा है और समुद्र के पानी के गर्म होने के कारण चक्रवात एवं समुद्री तूफान के चक्र एवं ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.

नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में काम : भाजपा सांसद ने कहा कि भारत ने तो दुनिया के सामने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रख दिया और इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम भी कर रहा है लेकिन इस दिशा में निवेश एवं कार्यक्रमों पर नजर डालें तब दुनिया के दूसरे देश अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत बढ़ाने और 500 गिगावाट नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में काम करने की रूपरेखा तैयार की है. सिन्हा ने कहा कि हमें विकास का मॉडल बदलना होगा. उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब द्वितीय विश्व युद्ध के समय बनाई गई संस्थाओं में बदलाव करते हुए नयी तरह की संस्थाएं एवं व्यवस्थाएं तैयार करनी होंगी.

क्लाइमेट चेंज के चैलेंज से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास : असम की कलियाबोर सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की. उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय की परियोजनाओं के संबंध में पूछा कि सरकार को बताना चाहिए कि लगातार बढ़ रहे निर्माण कार्य में कार्बन उत्सर्जन से निपटने के क्या उपाय किए जा रहे हैं. तमिलनाडु की तिरुपुर लोक सभा सीच से निर्वाचित सीपीआई सांसद के सुब्बारायण, उत्तर प्रदेश की बिजनौर सीट से निर्वाचित बसपा सांसद मलूक नगर, महाराष्ट्र की मुंबई दक्षिण लोक सभा सीट से निर्वाचित शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी चर्चा में भाग लिया. सावंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के चैलेंज से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है.

तमिलनाडु की चिदंबरम लोक सभा सीट से निर्वाचित वीसीके पार्टी के सांसद थोल थिरुमावलवन, हरियाणा की अंबाला लोक सभी सीट से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया और पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने भी चर्चा में भाग लिया. पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर लोक सभा सीट से भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया, यूपी की बुलंदशहर लोक सभी सीट से निर्वाचित बीजेपी सांसद भोला सिंह ने भी भाग लिया.

यह भी पढ़ें-

बिहार की सारण लोक सभा सीट से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी चर्चा में भाग लिया. राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बारे में सबसे अहम बात ये है कि आम जनता को आसान या आम बोलचाल की भाषा में जलवायु परिवर्तन जैसे जटिल विषय के बारे में कैसे जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से लोक सभा क्षेत्र व अन्य जगहों पर जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.

(इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 31, 2022, 8:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.