बागेश्वर/देहरादून: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से एक अजीब मामला सामने आया है. यहां एक गृहस्थ महिला कविता जोशी पर स्थानीय किन्नरों के इलाके को ढाई करोड़ में बाहरी किन्नरों को बेचने का आरोप लगा है. स्थानीय किन्नरों ने जिलाधिकारी और एसपी से शिकायत कर क्षेत्र में बाहरी किन्नरों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा था, जिसमें चर्चित किन्नर नेता रजनी रावत रुपयों की गड्डियां और चेक का लेन-देन करती दिख रही हैं. वीडियो में ढाई करोड़ रुपयों में इलाका देने का जिक्र हो रहा है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों बागेश्वर में देहरादून की चर्चित किन्नर रजनी रावत और बागेश्वर के कुछ किन्नरों के बीच गृहस्थ महिला कविता जोशी का होना बताया जा रहा है, जिसका किन्नर समाज से कोई लेना-देना नहीं है. स्थानीय किन्नर और कथित गुरू गद्दी की वारिस आरती किन्नर और उसके साथियों ने कहा कि वह लंबे अरसे से अपनी गुरू रेखा रानी के सानिध्य में बधाई मांगती रही हैं. गुरू के निधन के बाद वह गद्दी की एकमात्र उत्तराधिकारी हैं. घटबगड़ वार्ड के पास गोमती नदी किनारे उनके गुरू की गद्दी है, जिसे उन्होंने अपने श्रम और जन सहयोग से स्थापित किया है.
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उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोस की कविता जोशी, जो कि गृहस्थ महिला है, वो जबरन गुंडों के साथ मिलकर किन्नरों को डराती है और वसूली के तौर पर कमाई गई रकम को अपने पास रख लेती है. ऐसे में गद्दी को हड़पने की साजिश हो रही है. यह गद्दी राज्य सरकार की भूमि पर गोमती नदी किनारे उनकी गुरू मां ने परिश्रम से बनाई थी. इस पूरे मामले पर आरती किन्नर व उनके साथियों ने रजनी रावत पर उनके क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का गंभीर आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि रजनी रावत ने बागेश्वर में किन्नरों की एक बड़ी भूमि तकरीबन ढाई करोड़ में ऐसी महिला से खरीदी है जो किन्नरों में अधिकृत नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय किन्नरों ने बागेश्वर एसपी और जिलाधिकारी को शिकायत कर जांच की मांग की है.
जब रजनी रावत से पैसे लेने वाली महिला कविता जोशी से इस बारे में जब पूछा गया तो, उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया है. इसके अलावा किन्नर नेता रजनी रावत ने भी वायरल वीडियो मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
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इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने जब देहरादून में मौजूद किन्नर नेता रजनी रावत से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. कई बार उन्हें फोन करने पर उनके द्वारा किसी भी तरह का रिस्पांस नहीं दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रजनी रावत देहरादून स्थित अपने आवास पर मौजूद थीं और जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया और उनके लोगों द्वारा बताया गया कि वह बाहर गई हैं. देहरादून स्थित उनके आवास पर मौजूद लोगों ने भी इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया.
वहीं, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद सिंह कोंडे ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.