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प्रोत्साहन पैकेज में ऋण गारंटी पर जोर, वास्तविक वित्तीय बोझ सरकार के आकलन से कम

सरकार ने समर्थन उपायों का मूल्य 6.29 लाख करोड़ रुपये आंका है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वास्तविक राजकोषीय निहितार्थ (actual fiscal implication) केवल 80,000 करोड़ रुपये से 1,20,000 करोड़ रुपये के बीच होगा.

वास्तविक वित्तीय बोझ
वास्तविक वित्तीय बोझ
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Published : Jun 29, 2021, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : केवल एक महीने पहले प्रोत्साहन पैकेज (stimulus package) की घोषणा करने से इनकार करने के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कोविड वायरस की दो लहरों से प्रभावित अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वास्तविक राजकोषीय निहितार्थ (actual fiscal implication) केवल 80,000-1,20,000 करोड़ रुपये के बीच होगा.

कोरोना महामारी ने तीन करोड से अधिक लोगों को संक्रमित किया और लगभग 4,00,000 लोगों की जान ले ली. कोरोना की वजह से पिछले साल देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3% की गिरावट आई. हालांकि सरकार ने समर्थन उपायों का मूल्य 6.29 लाख करोड़ रुपये आंका है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वास्तविक राजकोषीय निहितार्थ केवल 80,000 करोड़ रुपये से 1,20,000 करोड़ रुपये के बीच होगा.

प्रोत्साहन पैकेज आपूर्ति पक्ष और निर्यात को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्रा और पर्यटन क्षेत्र (travel and tourism sector) का समर्थन करने के लिए ऋण और बीमा गारंटी प्रदान (credit and insurance guarantees) करने के इर्द-गिर्द घूमता है.

सीतारमण ने घोषित पैकेज में कुछ अन्य उपायों को भी पेश किए, जिसमें सब्सिडी वाली खाद्यान्न योजना (subsidised food grain scheme) को पांच महीने के लिए विस्तार करना भी शामिल है, जबकि सरकार ने क्रेडिट गारंटी योजना (credit guarantee scheme), ECLGS को 50% बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये से 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, उन्होंने 1.1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए 50,000 करोड़ रुपये और अन्य क्षेत्रों के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है.

इस संबंध में वित्तीय सेवा विभाग (department of financial services) के सचिव देबाशीष पांडा (Debasish Panda) ने बताया कि 3 लाख करोड़ रुपये के ECLGS की घोषणा पिछले साल कंपनियों की कार्यशील पूंजी ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी, जिसका लगभग पूरी तरह से उपयोग किया जा चुका है, क्योंकि 2.73 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें लगभग 2.1 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया है.

वहीं, इस मामले में बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist of the YES Bank) इंद्रनैल पान (Indranail Pan) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि नीतिगत घोषणाओं को आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने और महामारी के आजीविका प्रभाव को रोकने के लिए निर्देशित किया गया है, जबकि कुछ नई योजनाएं को शुरू किया गया है और कुछ को आगे बढ़ाया गया.

पान ने कहा कि उपाय अर्थव्यवस्था के सबसे जरूरतमंद क्षेत्रों को ऋण देने का प्रयास करते हैं, जो महामारी का खामियाजा भुगत रहे हैं, लेकिन इन उपायों में खपत को बढ़ावा देने के प्रयासों का अभाव है.

उन्होंने कहा कि इन उपायों में खपत के लिए कोई प्रत्यक्ष समर्थन शामिल नहीं है, हम वित्त वर्ष 22 के लिए अपने वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान को 8.6% पर बनाए रखेंगे.

पढ़ें- सरकार ने दिया 6.29 लाख करोड़ का राहत पैकेज : वित्त मंत्री

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आसान ऋण

हालांकि 50,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी (credit guarantee) का उद्देश्य निश्चित रूप से गैर-मेट्रो शहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी (health infrastructure) ढांचे को बढ़ावा देना है, जिसमें विस्तार परियोजनाओं के लिए ऋण का 50% और नई परियोजनाओं के लिए 75% तक अधिकतम 100 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है.

हालांकि, सरकार ने कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है कि योजना के तहत कितने बेड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर या ऑक्सीजन प्लांट जोड़े जाएंगे. इसे आठ मेट्रो शहरों के बाहर निजी क्षेत्र के अस्पतालों ( private sector hospitals) और गैर-सेवारत और कम सेवा वाले क्षेत्रों के बैंकों पर छोड़ दिया गया है.

इंद्रनील पान,राधिका पिपलानी (Radhika Piplani) और संजना शाह द्वारा लिखित एक शोध रिपोर्ट में, लेखकों ने कहा कि हालांकि घोषित उपायों के केंद्र में क्रेडिट गारंटी बनी हुई है, लेकिन वे किसी वास्तविक वित्तीय परिव्यय के समान नहीं हैं.

उन्होंने कहा, 'क्रेडिट गारंटी केवल तभी प्रदान की जा सकती है जब गारंटी रद्द कर दी जाती है.'

6.29 लाख करोड़ रुपये का पैकेज?

भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) ने कहा, 'आज और पहले की गई घोषणाओं का राजकोषीय प्रभाव रैखिक नहीं है क्योंकि पैकेज का पर्याप्त हिस्सा आकस्मिक देनदारियां हैं.'

घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, 'तत्काल प्रभाव 1.23 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक होगा, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.6% है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आज महामारी के लिए आर्थिक राहत से संबंधित घोषणा में व्यापक रूप से चार क्षेत्रों, स्वास्थ्य, पर्यटन, एमएफआई और कृषि पर जोर दिया गया है, जबकि अन्य उपायों ने पहले से मौजूद व्यवस्था को ठीक करने की घोषणा की है.

नई दिल्ली : केवल एक महीने पहले प्रोत्साहन पैकेज (stimulus package) की घोषणा करने से इनकार करने के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कोविड वायरस की दो लहरों से प्रभावित अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वास्तविक राजकोषीय निहितार्थ (actual fiscal implication) केवल 80,000-1,20,000 करोड़ रुपये के बीच होगा.

कोरोना महामारी ने तीन करोड से अधिक लोगों को संक्रमित किया और लगभग 4,00,000 लोगों की जान ले ली. कोरोना की वजह से पिछले साल देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3% की गिरावट आई. हालांकि सरकार ने समर्थन उपायों का मूल्य 6.29 लाख करोड़ रुपये आंका है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वास्तविक राजकोषीय निहितार्थ केवल 80,000 करोड़ रुपये से 1,20,000 करोड़ रुपये के बीच होगा.

प्रोत्साहन पैकेज आपूर्ति पक्ष और निर्यात को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्रा और पर्यटन क्षेत्र (travel and tourism sector) का समर्थन करने के लिए ऋण और बीमा गारंटी प्रदान (credit and insurance guarantees) करने के इर्द-गिर्द घूमता है.

सीतारमण ने घोषित पैकेज में कुछ अन्य उपायों को भी पेश किए, जिसमें सब्सिडी वाली खाद्यान्न योजना (subsidised food grain scheme) को पांच महीने के लिए विस्तार करना भी शामिल है, जबकि सरकार ने क्रेडिट गारंटी योजना (credit guarantee scheme), ECLGS को 50% बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये से 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, उन्होंने 1.1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए 50,000 करोड़ रुपये और अन्य क्षेत्रों के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है.

इस संबंध में वित्तीय सेवा विभाग (department of financial services) के सचिव देबाशीष पांडा (Debasish Panda) ने बताया कि 3 लाख करोड़ रुपये के ECLGS की घोषणा पिछले साल कंपनियों की कार्यशील पूंजी ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी, जिसका लगभग पूरी तरह से उपयोग किया जा चुका है, क्योंकि 2.73 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें लगभग 2.1 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया है.

वहीं, इस मामले में बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist of the YES Bank) इंद्रनैल पान (Indranail Pan) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि नीतिगत घोषणाओं को आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने और महामारी के आजीविका प्रभाव को रोकने के लिए निर्देशित किया गया है, जबकि कुछ नई योजनाएं को शुरू किया गया है और कुछ को आगे बढ़ाया गया.

पान ने कहा कि उपाय अर्थव्यवस्था के सबसे जरूरतमंद क्षेत्रों को ऋण देने का प्रयास करते हैं, जो महामारी का खामियाजा भुगत रहे हैं, लेकिन इन उपायों में खपत को बढ़ावा देने के प्रयासों का अभाव है.

उन्होंने कहा कि इन उपायों में खपत के लिए कोई प्रत्यक्ष समर्थन शामिल नहीं है, हम वित्त वर्ष 22 के लिए अपने वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान को 8.6% पर बनाए रखेंगे.

पढ़ें- सरकार ने दिया 6.29 लाख करोड़ का राहत पैकेज : वित्त मंत्री

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आसान ऋण

हालांकि 50,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी (credit guarantee) का उद्देश्य निश्चित रूप से गैर-मेट्रो शहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी (health infrastructure) ढांचे को बढ़ावा देना है, जिसमें विस्तार परियोजनाओं के लिए ऋण का 50% और नई परियोजनाओं के लिए 75% तक अधिकतम 100 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है.

हालांकि, सरकार ने कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है कि योजना के तहत कितने बेड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर या ऑक्सीजन प्लांट जोड़े जाएंगे. इसे आठ मेट्रो शहरों के बाहर निजी क्षेत्र के अस्पतालों ( private sector hospitals) और गैर-सेवारत और कम सेवा वाले क्षेत्रों के बैंकों पर छोड़ दिया गया है.

इंद्रनील पान,राधिका पिपलानी (Radhika Piplani) और संजना शाह द्वारा लिखित एक शोध रिपोर्ट में, लेखकों ने कहा कि हालांकि घोषित उपायों के केंद्र में क्रेडिट गारंटी बनी हुई है, लेकिन वे किसी वास्तविक वित्तीय परिव्यय के समान नहीं हैं.

उन्होंने कहा, 'क्रेडिट गारंटी केवल तभी प्रदान की जा सकती है जब गारंटी रद्द कर दी जाती है.'

6.29 लाख करोड़ रुपये का पैकेज?

भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) ने कहा, 'आज और पहले की गई घोषणाओं का राजकोषीय प्रभाव रैखिक नहीं है क्योंकि पैकेज का पर्याप्त हिस्सा आकस्मिक देनदारियां हैं.'

घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, 'तत्काल प्रभाव 1.23 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक होगा, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.6% है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आज महामारी के लिए आर्थिक राहत से संबंधित घोषणा में व्यापक रूप से चार क्षेत्रों, स्वास्थ्य, पर्यटन, एमएफआई और कृषि पर जोर दिया गया है, जबकि अन्य उपायों ने पहले से मौजूद व्यवस्था को ठीक करने की घोषणा की है.

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