नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में फूट के बीच पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान अपने चाचा व सांसद पशुपति पारस को मनाने के लिए उनके घर पहुंचे हैं. गौरतलब है कि पशुपति पारस के नेतृत्व में लोजपा के छह में से पांच सांसदों ने चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है. उन्होंने पशुपति पारस को नया नेता चुना है.
इससे पहले चिराग अपने चाचा पारस के सरकारी आवास पर पहुंचे. लेकिन पारस से मुलाकात नहीं हुई. सूत्रों के अनुसार अभी लोजपा सांसद महबूब अली केसर के दिल्ली आवास पर बैठक हुई, जिसमें पारस, सांसद प्रिंस पासवान, सांसद वीना देवी, सांसद चंदन सिंह भी मौजूद रहे. लोजपा के पांचों सांसद भी केसर के आवास पर मौजूद रहे.
- एलजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए पशुपति पारस
- एलजेपी के पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र
- चाचा पशुपति पारस के घर से निकले चिराग पासवान
- करीब 25 मिनट इंतजार करने के बाद घर में हुए दाखिल
- खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग
- बताया गया कि घर पर नहीं हैं पशुपति पारस
- काफी देर कैंपस में ही गाड़ी में बैठे रहे चिराग पासवान
- 15 मिनट तक नहीं खोला गया गेट
- चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे चिराग पासवान
पशुपति पारस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए उन्हें एक अच्छा नेता तथा विकास पुरुष बताया और इसके साथ ही पार्टी में एक बड़ी दरार उजागर हो गई क्योंकि पारस के भतीजे चिराग पासवान जद (यू) अध्यक्ष के धुर आलोचक रहे हैं.
हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, 'मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है.' उन्होंने कहा कि 'लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ पार्टी के लड़ने और विफल रहने से काफी नाखुश हैं.'
पारस ने कहा कि उनका गुट भाजपा नीत राजग सरकार को हिस्सा बना रहेगा और पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं. चिराग पासवान के खिलाफ हाथ मिलाने वाले पांच सांसदों के समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना यह निर्णय बता दिया है. हालांकि पारस ने इस संदर्भ में कोई टिप्पणी नहीं की.
सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन हुआ, कोई टूट नहीं : वीना
वहीं, बिहार से लोजपा सांसद वीना देवी ने कहा कि लोजपा में कोई टूट नहीं हुई है. हम सभी पांचों सांसद एकजुट हैं. लोजपा में सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. हमारे नेता अब पशुपति कुमार पारस हैं. वहीं संसदीय दल के नेता हैं. हम लोग उनको ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट लोजपा सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा का कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं.
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उनके करीबी सूत्रों ने जनता दल (यूनाइटेड) को इस बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था.
बेदखल होंगे चिराग पासवान?
सूत्रों के अनुसार, पशुपति पारस के हाथ पार्टी की कमान आ सकती है. बताया जा रहा है कि आज इस बात का फैसला हो जाएगा. दिल्ली में आज ही पशुपति पारस के नेतृत्व में पांचों सांसदों की बैठक होने वाली है. सहमति बन गई तो आज ही चिराग को अध्यक्ष पद से बेदखल कर पशुपति पारस को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाएगा.