मुंबई : राज्य के अन्य जिलों की अपेक्षा महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे, लेकिन विगत दिनों से कोरोना की रफ्तार कम हो गई है. इस बीच महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल की ओर से एक बार फिर से घोर लापरवाही सामने आई है.
महाराष्ट्र के सतारा क्षेत्र में रहने वाले एक मरीज सिद्धांत मिलिंद भोसले को कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों के कारण एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके कुछ दिनों बाद सरकारी अस्पताल से उसकी मौत की खबर सामने आई, लेकिन वह जीवित था और उसे निजी अस्पताल से छुटी भी मिल चुकी थी.
उलझन में पड़ा पूरा परिवार
बता दें महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल से सिद्धांत के पास कॉल आया और अस्पताल प्रशासन ने कहा कि कोरोना के कारण सिद्धांत की मौत हो गई है. हैरानी की बात तो यह थी कि कॉल सिद्धांत के पास ही आया था. इस कॉल से उसके परिवार में हड़कंप मच गया. सिद्धांत मिलिंद भोसले नाम के 20 वर्षीय युवक के मुताबिक वह पिछले महीने कोरोना से संक्रमित हुआ था. इसके बाद उन्होंने एक निजी अस्पताल में इलाज कराया और अब उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है.सोमवार को उन्हें सरकारी अस्पताल से फोन आया कि सिद्धांत की मौत कोरोना से हुई है. यह सुनकर युवक चौंक गया और उसने मोबाइल अपनी मां सपना को दे दिया.
अस्पताल के फोन से भ्रमित हुए परिजन
अस्पताल प्रशासन ने वही संदेश सपना को भी दिया. उसके बाद सपना ने सरकारी अस्पताल जाकर इस बारे में पूछताछ की तो कर्मचारी ने कहा कि हमें अस्पताल की ओर से सूची मिली है.