हैदराबाद : कोरोना संकट की दूसरी लहर के बीच देश के ज्यादातर राज्यों में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी हो गई है. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. संकट की इस घड़ी में देश के कई उद्योगपति सामने आए हैं और ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
जामनगर तेल रिफाइनरियों में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी प्रतिदिन 700 टन से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है. कंपनी इसे कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को मुफ्त में आपूर्ति कर रही है.
कंपनी के गुजरात के जामनगर रिफाइनरियों ने शुरुआत में 100 टन मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन होता था, जिसे 700 टन से अधिक उत्पादन तक बढ़ा दिया गया. कंपनी की योजना है कि मेडिकल-ग्रेड की ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता को 700 टन से बढ़ाकर 1,000 टन करने की है.
कई राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. रिलायंस फाउंडेशन ने कहा, वह गुजरात के जामनगर में ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ ही कोविड-19 के मद्देनजर 1000 बेड व देखभाल सुविधा स्थापित कर रहा है, जहां सभी सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाएंगी.
कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने और ऑक्सीजन की मांग बढ़ने पर रिलायंस कंपनी ने यहां ऑक्सीजन उत्पादन के उपकरण लगाए और मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति शुरू कराई.
टाटा ग्रुप
टाटा समूह ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा कि वह कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में मदद करने के लिए 'जितना संभव हो उतना काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
टाटा समूह ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा, टाटा समूह तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए 24 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात कर रहा है और देश में ऑक्सीजन की कमी को कम करने में मदद कर रहा है.
टाटा स्टील ने कहा, कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए दैनिक ऑक्सीजन आपूर्ति की बढ़ाकर 700 टन प्रतिदिन कर दिया है. हम ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने और लोगों की जान बचाने के लिए भारत सरकार और राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड
संकट के समय में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने ट्वीट करके बताया है कि उन्होंने एमपी, दिल्ली और राजस्थान के सीएम से बात की है और उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई का भरोसा दिया है.
जेएसपीएल कॉरपोरेट के आंगुल प्लांट में 500 टन से ज्यादा लिक्विड ऑक्सीजन तैयार है. कंपनी जरूरत पड़ने पर किसी भी सरकार को रोज 100 टन ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकती हैय
जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना सहित कई राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए तरल ऑक्सीजन भेजा जा सके.
इंडियन ऑयल लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) भी अपनी रिफाइनरियों में मेडिकल फील्ड में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर उसका वितरण प्रभावित राज्यों को कर रही हैं. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न अस्पतालों में बिना किसी शुल्क के IOC ने 150 टन पर तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की.
वेदांता
स्टरलाइट कॉपस के तूतीकोरन प्लांट में ऑक्सीजन बनाने वाले दो संयंत्र हैं. इनकी कुल क्षमता प्रतिदिन 1,000 टन ऑक्सीजन बनाने की है. कंपनी इस क्षमता का उपयोग सरकार को मदद देने के लिए करना चाहती है ताकि देश में ऑक्सीजन की कमी ना हो. उन्होंने तमिलनाडु सरकार से भी सिर्फ ऑक्सीजन के निर्माण के लिए संयंत्र को दोबारा चालू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) भी ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए आगे आई है. SAIL द्वारा देशभर में अब तक 35,000 टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जा चुकी है. सेल ने बोकारो, भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर और बर्नपुर स्थित अपने स्टील प्लांट्स से यह आपूर्ति की है. इस्पात मंत्रालय के मुताबिक सरकारी और निजी क्षेत्र की स्टील कंपनियों के 28 ऑक्सीजन प्लांट रोजाना 1500 टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं.
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
सरकारी क्षेत्र के उपक्रम राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) ने विशाखापत्तपनम कारखाने से चिकित्सकीय उपयोग लायक 100 टन आक्सीजन महाराष्ट्र के लिए प्रस्थान कर चुकी है. आरआईएनएल अब तक हर रोज 100 टन तरल ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों को भेजा. एक सप्ताह में कंपनी ने उपचार के काम के लिए करीब 800 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, हम मांग आने पर प्रतिदिन 100 से 150 टन आक्सीजन की आपूर्ति कर सकते हैं.
आईटीसी लिमिटेड (ITC)
कंपनी ने एक बयान में कहा कि आईटीसी लिमिटेड ने लिंडे इंडिया लिमिटेड के साथ एशियाई देशों से 24 क्रायोजेनिक कंटेनरों को हवाई जहाज से मंगाने के लिए समझौता किया है. इन कंटेनरों की प्रत्येक की क्षमता 20 टन है और इनका इस्तेमाल देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए किया जाएगा.
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (IFFCO)
सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनी इफको (IFFCO) ने कहा कि उसका दूसरा ऑक्सीजन संयंत्र उत्तर प्रदेश के बरेली में बन रहा है और 30 मई से परिचालन में आ जाएगा. इस संयंत्र से राज्य और आसपास के क्षेत्रों में अस्पतालों को मुफ्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी.
इफको देश में करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से चार ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कर रही है. दो ऑक्सीजन संयंत्र उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे. इसमें एक बरेली और दूसरा प्रयागराज के फूलुपर में स्थापित किया जाएगा.
यह ऑक्सीजन प्लांट उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा में स्थापित किए जाएंगे. यह संयंत्र कलोल (गुजरात), आंवला और फूलपुर (उत्तर प्रदेश) और परदीप (ओडिशा) में लगाए जाएंगे.
प्रदीप फॉस्फेट्स लिमिटेड (PPL)
प्रदीप फॉस्फेट्स लिमिटेड (PPL) कंपनी ने ओडिशा में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में तीन प्रेशर स्विंग सोखना (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है.
एमआई (MI)
Xiaomi ने तीन करोड़ से अधिक रुपये एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के लिए दिए. कंपनी ने कहा है कि वह अस्पतालों या राज्य सरकारों को सिलेंडर दान करेगी. जहां भी आवश्यकता अधिक होगी, हम मदद पहुंचाएंगे.