हैदराबाद : तेलंगाना के हैदराबाद में प्राणी उद्यान में रहने वाले आठ एशियाई शेर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं. यहां के सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में सलाहकार राकेश मिश्र ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख अनुसंधान संस्थान में शेरों की लार के नमूनों की अच्छी तरह से जांच की गई थी.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि वायरस के चिंतित करने वाले स्वरूप से यह संक्रमण नहीं हुआ है और सभी आठों शेरों को पृथक कर दिया गया है और उन पर इलाज का असर हो रहा है तथा वे ठीक हो रहे हैं.
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के साक्ष्य नहीं है कि पशु मनुष्यों में बीमारी को प्रसारित कर सकें. मिश्रा ने बताया, 'एशियाई शेरों की लार के नमूनों की अच्छी तरह से जांच की गई और उनमें संक्रमण पाया गया. वे पास-पास रहते हैं, इसलिए उनमें संक्रमण फैल गया होगा.'
उन्होंने बताया, 'अब हम उनके मल के नमूनों की जांच करने की पद्धति विकसित कर रहे हैं. यह पद्धति भविष्य में उपयोगी होगी, क्योंकि हर बार जंगली जानवर की लार का नमूना लेना संभव नहीं होता है.'
मिश्रा ने कहा कि नेहरू प्राणी उद्यान के शेरों में पाया गया वायरस नए स्वरूप का नहीं है. उन्होंने कहा, 'उनमें हल्के लक्षण हैं और वे अच्छे से खाना खा रहे हैं और वे ठीक हैं.'
एक सवाल का जवाब देते हुए मिश्र ने कहा कि पशुओं के संक्रमित होने की संभावना है, क्योंकि वे मनुष्यों की तरह ही स्तनधारी हैं. उन्होंने कहा कि इन शेरों को चिड़िया घर के कर्मियों से संक्रमण हुआ होगा.
प्राणी उद्यान की क्यूरेटर सुभद्रा देवी ने बताया, 'लायन सफारी बाड़े में रखे गए शेरों की नाक में से पानी निकलने का हमें पता चला, तो हमने संक्रमण की आशंका को देखते हुए उनके नमूने जांच के लिए भेजने का फैसला किया.'
प्राणी उद्यान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे समय-समय पर विश्लेषण के लिए पशुओं के नमूनों को सीसीएमबी भेजते रहते हैं. प्राणी उद्यान के अधिकारियों ने बताया कि शेरों में बुखार जैसे लक्षण दिखे थे जिसके बाद उनके नमूने लेकर सीसीएमबी भेजे गए.
अधिकारियों ने बताया कि पशुओं के नमूने दो तरह से लिए जाते हैं, एक 'स्क्वीज कैज' के जरिए से या उन्हें बेहोश करके. 'स्क्वीज़ कैज' पद्धति में, जानवर को एक तंग पिजड़े में बंद किया जाता है ताकि नमूना लेने के दौरान वह विरोध न कर सके.
तेलंगना सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पशुओं का ध्यान रखने वाले कर्मी शेरों का ख्याल रख रहे हैं और उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराई गई हैं. वहीं खाई को हवादार रखा गया है और संक्रमण मुक्त किया गया है.
इस बीच केंद्रीय पर्यवरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित पशु सामान्य तरीके से व्यवहार कर रहे हैं. सीसीएमबी- लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला (एलएसीलोएनईएस) की चार मई की रिपोर्ट के अनुसार, पुष्टि हुई है कि नेहरू प्राणी उद्यान के आठ एशियाई शेर सार्स-कोव2 वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा, 'आठ शेरों को पृथक कर दिया गया है और उनकी उचित देखभाल की गई है और आवश्यक उपचार दिया गया है. इलाज के बाद सभी आठ शेरों के स्वास्थ्य में सुधार दिखाई दे रहा है और वे ठीक हो रहे हैं.'
विज्ञप्ति में कहा गया है, 'वे सामान्य रूप से व्यवहार कर रहे हैं और अच्छी तरह से खाना खा रहे हैं. सभी चिड़िया घर कर्मचारियों की सुरक्षा के उपाय पहले से ही शुरू कर दिए गए हैं और बाहरी संपर्क से बचाने के लिए चिड़िया घर को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है.'
देश में कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार के मद्देनजर, मंत्रालय ने हाल ही में अगले आदेश तक आगंतुकों के लिए सभी प्राणी उद्यान, राष्ट्रीय उद्यान, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव अभयारण्यों को बंद करने के लिए एक परामर्श जारी किया था.
पीटीआई-भाषा.
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