मुंबई: मुंबई ब्लास्ट (1993 Mumbai blasts) के गुनहगार याकूब मेमन (Yakub Memon) की कब्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कब्र को सजाने पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने सवाल उठाया है कि आखिर एक गुनहगार की कब्र को क्यों सजाया गया है. जो शख्स सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार था, उसकी कब्र को इतना सम्मान क्यों दिया जा रहा है? वहीं, ताजा जानकारी के मुताबिक, याकूब मेमन की कब्र पर लाइटिंग (Lighting on Yakub Memon's grave) को अब हटा लिया गया है. बढ़ते विवाद को देखते हुए लाइटिंग हटाई गई है.
बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि, ये कब्र किसी पीरबाबा की नहीं बल्कि 93 मुंबई ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की है. एक गुनहगार की कब्र को सफेद मार्बल लगाकर मजार बना दी गई है. सवाल उठ रहा है कि 93 ब्लास्ट के गुनहगार के कब्र की ऐसी साज-सज्जा क्यों? बता दें कि 12 मार्च 1993 को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के इशारे पर मुंबई में सीरियल बम धमाके किए गए थे. जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 लोग घायल हो गए थे.
दूसरी तरफ बड़ा कब्रस्तान के ट्रस्टी शोएब खतीब ने कहा कि इस तरह की कोई सजावट नहीं की गई है. इससे जुड़ा एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है. संभावना है कि वीडियो या फोटो बड़ी रात का हो. उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है कि किसी कब्र को सजाया नहीं जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यह सच है कि याकूब मेमन की कब्र संगमरमर की बनाई गई है.
कौन है याकूब मेमन
1993 बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन पर धमाकों की साजिश के लिए पैसे जुटाने का आरोप है. उसे साल 1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. 27 जुलाई 2007 को टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन को मौत की सजा सुनाई थी. उसका पूरा नाम याकूब अब्दुल रजाक मेमन है. वह पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था. जेल में रहने के दौरान उसने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी शुरू की थी. साल 2013 में उसने इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. बता दें कि मुंबई बम धमाकों में याकूब के परिवार के 4 लोग शामिल थे. इसमें मुख्य आरोपी याकूब मेमन का बड़ा भाई टाइगर मेमन था, जो फिलहाल दाऊद इब्राहिम के साथ पाकिस्तान में रहता है.
53वें जन्मदिन के दिन फांसी से दो घंटे पहले गुरुवार सुबह पांच बजे तक याकूब मेमन को उम्मीद थी कि वह बच सकता है. नागपुर सेंट्रल जेल के स्टाफ के मुताबिक, 1993 के मुंबई ब्लास्ट में दोषी ठहराए गए याकूब मेमन को क्षमादान पर भरोसा था. बुधवार दोपहर बाद याकूब से भाई सुलेमान और चचेरे भाई उस्मान ने कुछ मिनट के लिए मुलाकात की थी. उसी शाम सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने फिर मुलाकात की थी. इसके बाद दोनों भाई होटेल लौट गए थे.