नई दिल्ली/मुंबई : राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को शहर में हल्की बारिश होने की संभावना जताई है. आईएमडी के मुताबिक, साक्षेप आर्द्रता का स्तर शाम में 54 फीसदी था. यह सुबह आठ बजे 80 प्रतिशत था. उसने बताया कि न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा था.
-
Isolated heavy rainfall very likely over Telangana on 05th, 08th & 09th; Marathwada during 05th-08th; Coastal Karnataka during 07th-09th; South Interior Karnataka & Kerala & Mahe during 06th-09th; Odisha during 06th-08th and over East Madhya Pradesh during 05th-09th July, 2022. pic.twitter.com/ZWUGBo9IRQ
— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 5, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Isolated heavy rainfall very likely over Telangana on 05th, 08th & 09th; Marathwada during 05th-08th; Coastal Karnataka during 07th-09th; South Interior Karnataka & Kerala & Mahe during 06th-09th; Odisha during 06th-08th and over East Madhya Pradesh during 05th-09th July, 2022. pic.twitter.com/ZWUGBo9IRQ
— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 5, 2022Isolated heavy rainfall very likely over Telangana on 05th, 08th & 09th; Marathwada during 05th-08th; Coastal Karnataka during 07th-09th; South Interior Karnataka & Kerala & Mahe during 06th-09th; Odisha during 06th-08th and over East Madhya Pradesh during 05th-09th July, 2022. pic.twitter.com/ZWUGBo9IRQ
— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 5, 2022
आईएमडी ने पहले बुधवार के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था और मध्यम से भारी बारिश या गरज के साथ बारिश होने का अनुमान जताया था. मौसम संबंधी चेतावनी के लिए आईएमडी चार रंगों वाले कोड का उपयोग करता है - हरा (कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), पीला (नजर रखें और सतर्क रहें), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें). दिल्ली में मानसून की पहली बारिश 30 जून की सुबह हुई थी, जिससे भीषण गर्मी से काफी राहत मिली थी. आईएमडी के अनुसार, बुधवार को न्यूनतम तापमान 28 डिग्री तो अधिकतम पारा 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.
-
#WATCH | Heavy rainfall lashes Mumbai this morning, visuals from Bandra. pic.twitter.com/tSo7sIIBhc
— ANI (@ANI) July 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | Heavy rainfall lashes Mumbai this morning, visuals from Bandra. pic.twitter.com/tSo7sIIBhc
— ANI (@ANI) July 6, 2022#WATCH | Heavy rainfall lashes Mumbai this morning, visuals from Bandra. pic.twitter.com/tSo7sIIBhc
— ANI (@ANI) July 6, 2022
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने का दिया निर्देश : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मंगलवार को महाराष्ट्र में अगले चार दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य प्रशासन के अधिकारियों को एहतियात बरतने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जानमाल का कोई नुकसान न हो. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुंबई के पास स्थित रायगढ़ जिले में कुंडलिका नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मुंबई और उसके कुछ पड़ोसी जिलों में मंगलवार सुबह भारी बारिश हुई और कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. आईएमडी ने दक्षिण कोंकण क्षेत्र और गोवा के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और उत्तरी कोंकण, उत्तर मध्य एवं दक्षिण मध्य महाराष्ट्र तथा मराठवाड़ा क्षेत्रों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है.
मौसम विभाग मौजूदा मौसम प्रणालियों के आधार पर चार रंग के ‘अलर्ट’ जारी करता है. ‘ग्रीन अलर्ट’ (कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), ‘येलो अलर्ट’ (स्थिति पर नजर रखें), ‘ऑरेंज अलर्ट’ (स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें) और ‘रेड अलर्ट’ (स्थिति से निपटने लिए कदम उठाएं). आईएमडी के अनुसार, मराठवाड़ा क्षेत्र में आंधी, बिजली कड़कने, भारी बारिश के साथ 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के आसार हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के कलेक्टर के साथ सम्पर्क में हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से तैयार रहने को कहा गया है.
पढ़ें: असम में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 180 पहुंची, 14 लाख लोग अब भी प्रभावित
बयान में कहा गया कि मुंबई की स्थिति पर भी करीबी नजर रखी जा रही है. बयान के अनुसार, रायगढ़ जिले में कुंडलिका नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अंबा, सावित्री, पातालगंगा, उल्हास और गढ़ी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है. बयान के अनुसार, बढ़ती बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिंदे ने मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव के साथ बातचीत की. जिलों के प्रभारी (गार्जियन) सचिवों को अपने जिलों में पहुंचने और स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है.
बयान में कहा गया कि भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि किसी प्रकार की जानमाल की हानि न हो. मुख्यमंत्री कोंकण क्षेत्र के सभी जिला कलेक्टर के साथ सम्पर्क में हैं. बयान के अनुसार, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भारी बारिश के मद्देनजर सतर्क रहने और एहतियात बरतने को कहा गया है. ठाणे, पालघर, रायगढ़, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और कोल्हापुर जहां तेज बारिश हो रही है लोगों को बाढ़ आने के खतरे को लेकर आगाह कर दिया गया है.
मानसून सक्रिय चरण में, कुल कमी घटकर दो प्रतिशत रही : मध्य भारत में कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है, जिससे इस क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई के समय भरपूर बारिश हुई है. मौसम कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि मध्य भारत और पश्चिमी तट पर अगले पांच दिन सक्रिय मानसून की स्थिति रहेगी, जबकि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बुधवार से मौसमी बारिश होने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि मध्य प्रदेश के मध्य भागों में कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के तहत एक संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण और गुजरात से महाराष्ट्र तक एक अपतटीय कम दबाव के क्षेत्र के चलते इन इलाकों के साथ-साथ तेलंगाना, केरल, तटीय कर्नाटक और ओडिशा में भी अगले पांच दिन के लिए व्यापक वर्षा का पूर्वानुमान है.
पढ़ें: मुंबई में भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों में हुई अच्छी बारिश की वजह से देश में इसकी कुल कमी पिछले शुक्रवार के आठ प्रतिशत के आंकड़े से घटकर दो प्रतिशत होने में मदद मिली है. दैनिक वर्षा पर आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि बारिश संबंधी कमी उत्तर प्रदेश (-48 फीसदी), झारखंड (-42 फीसदी), केरल (-38 फीसदी), ओडिशा (-26 फीसदी), मिजोरम (-25 फीसदी), मणिपुर (-24 फीसदी) और गुजरात (-22 प्रतिशत) बनी हुई है. कृषि के मोर्चे पर, खरीफ फसलों की बुवाई धीमी रही है क्योंकि किसानों ने एक जुलाई तक 278.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 294.42 लाख हेक्टेयर थी.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि 43.45 लाख हेक्टेयर में चावल की बुवाई हुई है जो 2021 के 59.56 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 16.11 लाख हेक्टेयर कम है. वर्ष 2021 के 26.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस साल अभी तक 28.06 लाख हेक्टेयर में दलहन बोया गया है, जो 1.83 लाख हेक्टेयर अधिक है. वहीं, 2021 के 50.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार मोटे अनाज की खेती के कुल क्षेत्रफल में 46.34 लाख हेक्टेयर की गिरावट देखी गई है.