बरेली : जिले में मिलावटखोरों को कोर्ट ने सख्त सजा दी. अपर जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव ने नकली देसी घी बनाने के पांच आरोपियों को दोषी करार दिया. ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा दी. इसके अलावा सभी दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. मिलावटखोरों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी सजा मानी जा रही है.
14 साल पहले पुलिस ने की थी छापेमारी : मामला 14 साल पहले का है. थाना सुभाष नगर पुलिस ने 15 अक्टूबर 2009 को सर्वोदया नगर के पास अनंत सीमेंट ट्रेडर्स के बेसमेंट में छापेमारी की थी. इस दौरान 5 लोगों को नकली देशी घी बनाते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में पुलिस ने मौके से एल्युमीनियम के ड्रम से नकली देसी घी, नकली देसी घी के सील पैक डिब्बों के अलावा रिफाइंड तेल, देसी घी में मिलाने के लिए रखा पदार्थ भी बरामद किया था. मिलावटखोर इस पदार्थ को नकली घी में खुशबू के लिए मिलाते थे. कुल करीब 26 कुंतल नकली देसी घी बरामद किया गया था.
दो आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी : मिलावटखोरों में बुलंदशहर के डिबाई से महेश, योगेंद्र, लोकमन, सत्य प्रकाश और बरेली के बिहारीपुर निवासी सुबोध को जेल भेजा गया था. पुलिस की कार्रवाई के दौरान दो लोग फरार हो गए थे. अपर जिला कोर्ट के सरकारी वकील तेजपाल सिंह राघव ने बताया कि इस मामले में 14 साल से अदालत में सुनवाई चल रही थी. इस दौरान कोर्ट में आठ गवाहों को पेश किया गया था. शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव की कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों महेश, योगेंद्र, लोकमान, सत्य प्रकाश और बरेली के सुबोध को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई. उन पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं रजनीश और अनुपम को आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया.
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