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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- 'जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की जमीन नहीं, अमन-चैन की जमीन है'

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मंगलवार को मीडिया कर्मियों के साथ रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर को अमन-चैन की जमीन बताया. इसके अलावा उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन पर भी बात की.

Lieutenant Governor Manoj Sinha
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
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Published : May 23, 2023, 7:05 PM IST

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मीडिया से हुए रूबरू

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की जमीन नहीं, बल्कि अमन-चैन की जमीन है. उन्होंने श्रीनगर में राजभवन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी का स्वागत करता हूं. मैं कश्मीर में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का अवसर प्रदान करने के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. जम्मू-कश्मीर स्थायी पर्यटन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ संख्या में पर्यटक आए थे. मुझे बताया गया है कि श्रीनगर में जी20 बैठक में भाग लेने के लिए 27 देशों के 57 प्रतिनिधिमंडल आए हैं और यह भारत में जी20 बैठकों में अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा है. आतंकवाद पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की जमीन नहीं, बल्कि अमन-चैन की जमीन है. जमीनी लोकतंत्र को सशक्त बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र मीडिया संचालित हो रहा है और यहां प्रतिदिन 400 से अधिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि आपको हैरानी होगी कि पिछले साल 60 लाख से ज्यादा युवाओं ने खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया. हम कोशिश कर रहे हैं कि गुलमर्ग को इंटरनेशनल स्पोर्ट्स वेन्यू बनाया जाए. हम अपने प्रतिनिधियों को गुलमर्ग ले जाना चाहते थे, लेकिन रसद और समय की कमी के कारण हमें योजना रद्द करनी पड़ी. जम्मू-कश्मीर में औसतन हर दिन 527 युवाओं ने स्टार्टअप शुरू किया है. साथ ही, हमें उद्योग स्थापित करने की अनुमति के लिए प्रतिदिन लगभग 5-7 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों को बढ़ावा देते हुए कहा कि जल्द ही हम जम्मू-कश्मीर को एक डिजिटल समाज बनाने जा रहे हैं. उन्होंने यूटी में विकसित नए अस्पतालों, कॉलेजों और अन्य विकास परियोजनाओं के बारे में भी बात की. यह कहते हुए कि मैं दावा करता हूं कि हम जम्मू और कश्मीर को बदलना जारी रखेंगे, सिन्हा ने कहा कि अगले पांच वर्षों में, किसानों की आय में सुधार के लिए 5,013 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 6 लाख से अधिक महिलाएं स्थायी आय उत्पन्न करने में सक्षम हैं. हमारा हस्तशिल्प भी अब ऊपर की ओर बढ़ रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम अपनी कुछ संपत्तियों की नीलामी करने की योजना बना रहे हैं, ताकि कश्मीर में बेहतर निजी आवास सुविधाएं हों. साथ ही केंद्र सरकार के समक्ष मेट्रो परियोजना की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगले साल कश्मीर को कन्याकुमारी से रेल नेटवर्क के जरिए जोड़ा जा रहा है.

सिन्हा ने कहा कि इन दो सालों में श्रीनगर और जम्मू के बीच हवाई और सड़क संपर्क में काफी सुधार हुआ है. गोफर्स्ट एयरवेज के बंद होने से विमान किराया प्रभावित हुआ है. जम्मू और कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए तैयार और सक्षम हैं. अगर कुछ चूक हुई है, जो हमें पिछली सरकारों से मिली है. हम इस बात पर काम कर रहे हैं कि देशों को उनकी सलाह की समीक्षा कैसे करनी है.

पढ़ें: G20 Summit In Srinagar: सफल हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन से कश्मीरी खुशहाल, पाकिस्तान का बिगड़ रहा हाल

उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रेस को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल सात पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उन्हें पत्रकारिता के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया. अन्य देशों में यह संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है. जी20 हमारे लिए गर्व की बात है और पाकिस्तान को हमारे मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें अपने देश पर ध्यान देना चाहिए.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मीडिया से हुए रूबरू

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की जमीन नहीं, बल्कि अमन-चैन की जमीन है. उन्होंने श्रीनगर में राजभवन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सभी का स्वागत करता हूं. मैं कश्मीर में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का अवसर प्रदान करने के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. जम्मू-कश्मीर स्थायी पर्यटन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ संख्या में पर्यटक आए थे. मुझे बताया गया है कि श्रीनगर में जी20 बैठक में भाग लेने के लिए 27 देशों के 57 प्रतिनिधिमंडल आए हैं और यह भारत में जी20 बैठकों में अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा है. आतंकवाद पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की जमीन नहीं, बल्कि अमन-चैन की जमीन है. जमीनी लोकतंत्र को सशक्त बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र मीडिया संचालित हो रहा है और यहां प्रतिदिन 400 से अधिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि आपको हैरानी होगी कि पिछले साल 60 लाख से ज्यादा युवाओं ने खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया. हम कोशिश कर रहे हैं कि गुलमर्ग को इंटरनेशनल स्पोर्ट्स वेन्यू बनाया जाए. हम अपने प्रतिनिधियों को गुलमर्ग ले जाना चाहते थे, लेकिन रसद और समय की कमी के कारण हमें योजना रद्द करनी पड़ी. जम्मू-कश्मीर में औसतन हर दिन 527 युवाओं ने स्टार्टअप शुरू किया है. साथ ही, हमें उद्योग स्थापित करने की अनुमति के लिए प्रतिदिन लगभग 5-7 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों को बढ़ावा देते हुए कहा कि जल्द ही हम जम्मू-कश्मीर को एक डिजिटल समाज बनाने जा रहे हैं. उन्होंने यूटी में विकसित नए अस्पतालों, कॉलेजों और अन्य विकास परियोजनाओं के बारे में भी बात की. यह कहते हुए कि मैं दावा करता हूं कि हम जम्मू और कश्मीर को बदलना जारी रखेंगे, सिन्हा ने कहा कि अगले पांच वर्षों में, किसानों की आय में सुधार के लिए 5,013 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 6 लाख से अधिक महिलाएं स्थायी आय उत्पन्न करने में सक्षम हैं. हमारा हस्तशिल्प भी अब ऊपर की ओर बढ़ रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम अपनी कुछ संपत्तियों की नीलामी करने की योजना बना रहे हैं, ताकि कश्मीर में बेहतर निजी आवास सुविधाएं हों. साथ ही केंद्र सरकार के समक्ष मेट्रो परियोजना की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगले साल कश्मीर को कन्याकुमारी से रेल नेटवर्क के जरिए जोड़ा जा रहा है.

सिन्हा ने कहा कि इन दो सालों में श्रीनगर और जम्मू के बीच हवाई और सड़क संपर्क में काफी सुधार हुआ है. गोफर्स्ट एयरवेज के बंद होने से विमान किराया प्रभावित हुआ है. जम्मू और कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए तैयार और सक्षम हैं. अगर कुछ चूक हुई है, जो हमें पिछली सरकारों से मिली है. हम इस बात पर काम कर रहे हैं कि देशों को उनकी सलाह की समीक्षा कैसे करनी है.

पढ़ें: G20 Summit In Srinagar: सफल हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन से कश्मीरी खुशहाल, पाकिस्तान का बिगड़ रहा हाल

उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रेस को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल सात पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उन्हें पत्रकारिता के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया. अन्य देशों में यह संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है. जी20 हमारे लिए गर्व की बात है और पाकिस्तान को हमारे मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें अपने देश पर ध्यान देना चाहिए.

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