लखनऊ: हाल ही में एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज(MC Saxena Medical College) की मान्यता के लिए मजदूरों की सेहत से खिलवाड़ होने का खुलासा हुआ. यहां परिसर स्थित डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल में मजदूरों को बंधक बनाने का भंडाफोड़ हुआ जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो बार नोटिस भी जारी किए गए थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से जवाब न देने की सूरत में सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द(mc saxena medical collage license cancelled) कर दिया. मामले में जिला प्रशासन को भी पत्र भेजा गया है
इसके से बाद डॉ. एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज व उससे संबंधित कॉलेजों की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं. अब बैंक ने भी कॉलेज पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बैंक ने हॉस्पिटल गेट पर नोटिस चस्पा कर लोन का भुगतान करने को कहा है. कॉलेज ने बैंक ऑफ इंडिया से कॉलेज ने 19 करोड़ 27 लाख 23 हजार 827 रुपये का लोन ले रखा है. जब से मजदूरों को जबरन मरीज बनाए जाने की घटना सामने आई है तब से कई तरह के खुलासे हो रहे हैं. सोमवार को बैंक ने कॉलेज गेट पर नोटिस चस्पा की.
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अस्पताल गेट से हटा शुगर फ्री आलू की बिक्री का बोर्ड
अस्पताल प्रशासन ने शुगर फ्री बिक्री का बोर्ड हटा लिया है और अब यहां आलू की बिक्री नहीं होगी. सोमवार को चार से पांच सुरक्षा गार्ड अस्पताल गेट पर मुस्तैद रहे. अस्पताल में इलाज संग शुगर फ्री आलू की बिक्री का धंधा(sale of sugar free potato in hospital) भी चल रहा था. इसके लिए बाकायदा अस्पताल प्रशासन ने गेट पर बोर्ड लगा रखा था. बता दें कि यहां हर महीने हजारों रुपये का आलू का कारोबार हो रहा था. पांच किलो आलू की कीमत 60 रुपये थी.
125 ज्यादा मजदूर बनाए गए थे बंधक
मंगलवार को दुबग्गा स्थित डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल में मान्यता के लिए दिहाड़ी मजदूरों को बंधक बनाया गया था जिसमें 125 से अधिक मजदूरों को भर्ती कर मरीज दर्शाया गया था. इनमें 13 से ज्यादा मजदूरों को इंजेक्शन भी लगाए गए थे. मामला पकड़ में आने पर स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल प्रशासन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा एवं तमाम ब्यौरा देने को कहा गया था. लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी हॉस्पिटल प्रशासन का कोई जवाब नहीं आने की सूरत में आखिरकार अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया गया.
ऐसे हुआ था भंडाफोड़
डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल में मजदूरों को बंधक बना लिया गया था. मान्यता के लिए मजदूरों को पैसा देकर मरीज दर्शाया गया. और मजदूरों को वीगो व इंजेक्शन भी लगाए गए थे. ऐसे में घबराए मजदूरों ने हंगामा किया और एक मजदूर किसी तरह जान बचाकर भागने में कामयाब हुआ था. इसी मजदूर ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी.