नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के रेनोवेशन में हुए करोड़ों रुपये के खर्च और इसके निर्माण में नियमों के उल्लंघन संबंधी कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से सात दिन में रिपोर्ट मांगी है.
बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन: सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास में करोड़ों रुपये के खर्च को लेकर बीजेपी नेताओं द्वारा की गई शिकायत तथा मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल ने पहले ही मुख्य सचिव से मामले की रिपोर्ट और जांच करने को कहा था. अब कांग्रेस नेता अजय माकन ने सीएम के सरकारी आवास के निर्माण में हुई अनियमितताओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहना है कि सिविल लाइन दिल्ली के बंग्लो एरियाज में शामिल है. इसके बारे में मास्टर प्लान में लिखा है कि यहां ऊंची इमारत नहीं बनाई जा सकती.
सीएम केजरीवाल ने बनवाया महल: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइंस के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस बंगले में रहते हैं, यह सिंगल स्टोरी इमारत थी. इसमें कांग्रेस के नेता चौधरी प्रेम सिंह, विधानसभा में स्पीकर होने के दौरान रहा करते थे. इसके बाद यहां अमरीश गौतम रहा करते थे, जो डिप्टी स्पीकर के पद पर थे. अब इसे तोड़कर बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर, सेकेंड फ्लोर बनाया गया है. यानी अगर बेसमेंट हटा दें तो यह तीन मंजिला है, जिसके अंदर 20 हजार स्क्वायर फीट का कंस्ट्रक्टेड एरिया है. यह अपने आप में मास्टर प्लान और हेरिटेज लॉ का उल्लंघन है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने उपराज्यपाल को दी शिकायत में यह भी कहा है कि केजरीवाल के बंगले में निर्माण 45 करोड़ रुपये नहीं, बल्कि 171 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. दिल्ली में जब लोग ऑक्सीजन और हॉस्पिटल को तरस रहे थे, तब सीएम केजरीवाल ने 171 करोड़ रुपये खर्च कर महल बनवाया.
इस तरह 171 करोड़ रुपये हुए खर्च: अजय माकन का दावा है कि सीएम केजरीवाल के मकान के बगल में चार और मकान पड़ते हैं. 45 राजपुर रोड, 47 राजपुर रोड, 8ए फ्लैग स्टाफ रोड और 8बी फ्लैग स्टाफ रोड, इन सभी जगहों पर मिलाकर 22 ऑफिसर के फ्लैट हैं. जिसमें से 15 फ्लैट खाली करा दिए गए या इन्हें तोड़ दिया गया. 7 के बारे में इंस्ट्रक्शन दिए गए हैं कि अब यह दोबारा अलॉट नहीं होंगे. यह भी बहुत जल्दी खाली होने वाले हैं. इन 22 ऑफिसर फ्लैट की कमी की भरपाई करने के लिए केजरीवाल सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में 21 फ्लैट टाइप खरीदे हैं, जिसकी कीमत 126 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यानि 126 करोड़ रुपये फ्लैट खरीदने में और 45 करोड़ रुपये सीएम आवास के निर्माण में खर्च हुए.
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आरोप लगाकर सत्ता को किया स्थापित: उपराज्यपाल को दी गई शिकायत में माकन ने यह भी कहा है कि दिल्ली की जनता यह समझना चाहती है कि किस तरीके से इन लोगों ने दिल्ली की जनता को गुमराह किया है. सबसे अधिक सादगी की मिसाल रखने वाली और दिल्ली का विकास करने वाली शीला दीक्षित के खिलाफ उल्टा सीधा बोल कर उन पर झूठे आरोप लगाकर सीएम केजरीवाल ने अपनी सत्ता को स्थापित किया और अब वह महलों में रह रहे हैं. इतना ही नहीं. इन्हें सेंट्रल गवर्नमेंट की सिक्योरिटी, दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी बड़ी-बड़ी गाड़ियां और पंजाब पुलिस की सिक्योरिटी सभी इनको चाहिए.
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