श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री खाद्य अनुपूरक योजना के तहत रियायती दरों पर 10 किलो अतिरिक्त राशन देने की घोषणा की. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि पिछले चार वर्षों में बिजली टैरिफ बिल 31,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ये बातें जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने शनिवार को श्रीनगर के राजभवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए व्यक्त कीं.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर यूटी में प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन पहले से ही मुफ्त है. हालाँकि, अब से, खाद्य अनुपूरक योजना (Food Suppliment Sheme) के तहत प्रत्येक परिवार को 10 किलो अतिरिक्त राशन दिया जाएगा. एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 14.32 लाख राशन कार्ड धारकों और 57,24000 परिवारों को प्रधानमंत्री के एफएसएस के तहत यूटी में प्राथमिकता वाले घरों के रूप में कवर किया जाएगा. वहां गरीब परिवारों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त 10 किलो राशन 25 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाएगा. इससे यूटी सरकार को सालाना 1.80 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने आगे कहा कि चावल 34 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा और पीएमएफएसएस श्रेणी के जरूरतमंद परिवारों को 25 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाएगा. ऐसे में उन्हें प्रति किलो 9 रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसएसबी भर्ती में देरी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सीबीआई जांच शुरू की गई थी. मामला हाई कोर्ट में है और फैसला आते ही परीक्षाएं होंगी. वहीं नए पदों के लिए परीक्षा की तारीखों की घोषणा 15 दिनों के भीतर की जाएगी.
पंथाल में सड़क बंद होने के मद्देनजर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उपराज्यपाल ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए तीन दिनों के भीतर वैकल्पिक सड़क तैयार करने का प्रयास किया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गरीबों के लिए बिजली दरों में कोई छूट की घोषणा करेगी, उपराज्यपाल ने कहा कि लोगों को उनकी खपत के अनुसार बिजली बिल का भुगतान करना होगा. पिछले चार साल में बिजली टैरिफ बिल 31,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
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