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लश्कर का अरबाज मीर आतंकी घोषित, कुलगाम में महिला शिक्षक की हत्या में था शामिल - Home Ministry declared Arbaz Mir terrorist

गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में शिक्षिका रजनी बाला समेत लक्षित हत्याओं में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य अरबाज अहमद मीर को आतंकवादी घोषित कर दिया है.

Etv BharatLashkar's Arbaz Mir declared terrorist (symbolic picture)
Etv Bharatलश्कर का अरबाज मीर आतंकी घोषित (प्रतीकात्मक चित्र )
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Published : Jan 7, 2023, 11:05 AM IST

Updated : Jan 7, 2023, 11:26 AM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य अरबाज़ अहमद मीर को लक्षित गतिविधियों में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया है. उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या का भी आरोप है.

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की. इसमें कहा गया कि मीर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है. वह वर्तमान में पाकिस्तान में है और सीमा पार से लश्कर के लिए काम कर रहा है. अधिसूचना ने में कहा गया, 'मीर टारगेट किलिंग में शामिल है और जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है.

वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का ट्रांसपोर्ट करके आतंकवादियों का समर्थन करता है.' जम्मू की रजनी बाला की 31 मई, 2022 को कुलगाम जिले में उनके कार्यस्थल, सरकारी हाई स्कूल, गोपालपोरा के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुफबल गांव का रहने वाले मंजूर अहमद मीर का बेटा मीर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियार या गोला-बारूद या विस्फोटक ले जाकर आतंकवादियों का समर्थन करता है.

अधिसूचना में कहा गया, 'केंद्र सरकार का मानना है कि अरबाज़ अहमद मीर आतंकवाद में शामिल है और उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में एक आतंकवादी के रूप में जोड़ा गया है. यूएपीए के तहत चौथी अनुसूची में शामिल होने के साथ, मीर आतंकवादी घोषित होने वाला 51वां व्यक्ति होगा.

ये भी पढ़ें- उड़ान में पेशाब मामलाः वकील का दावा-महिला को मुआवजे के तौर पर 15 हजार का भुगतान किया था

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 को व्यक्तियों और संघों की कुछ गैरकानूनी गतिविधियों की अधिक प्रभावी रोकथाम और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने और उनसे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया है. केंद्र अधिनियम की चौथी अनुसूची में किसी व्यक्ति का नाम जोड़ने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) और उप-धारा (2) के खंड (ए) का उपयोग करता है, यदि यह मानता है कि वह आतंकवाद में शामिल है.

(एएनआई)

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य अरबाज़ अहमद मीर को लक्षित गतिविधियों में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया है. उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या का भी आरोप है.

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की. इसमें कहा गया कि मीर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है. वह वर्तमान में पाकिस्तान में है और सीमा पार से लश्कर के लिए काम कर रहा है. अधिसूचना ने में कहा गया, 'मीर टारगेट किलिंग में शामिल है और जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है.

वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का ट्रांसपोर्ट करके आतंकवादियों का समर्थन करता है.' जम्मू की रजनी बाला की 31 मई, 2022 को कुलगाम जिले में उनके कार्यस्थल, सरकारी हाई स्कूल, गोपालपोरा के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुफबल गांव का रहने वाले मंजूर अहमद मीर का बेटा मीर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियार या गोला-बारूद या विस्फोटक ले जाकर आतंकवादियों का समर्थन करता है.

अधिसूचना में कहा गया, 'केंद्र सरकार का मानना है कि अरबाज़ अहमद मीर आतंकवाद में शामिल है और उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में एक आतंकवादी के रूप में जोड़ा गया है. यूएपीए के तहत चौथी अनुसूची में शामिल होने के साथ, मीर आतंकवादी घोषित होने वाला 51वां व्यक्ति होगा.

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गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 को व्यक्तियों और संघों की कुछ गैरकानूनी गतिविधियों की अधिक प्रभावी रोकथाम और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने और उनसे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया है. केंद्र अधिनियम की चौथी अनुसूची में किसी व्यक्ति का नाम जोड़ने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) और उप-धारा (2) के खंड (ए) का उपयोग करता है, यदि यह मानता है कि वह आतंकवाद में शामिल है.

(एएनआई)

Last Updated : Jan 7, 2023, 11:26 AM IST
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