तिरुपति: तिरुमाला के रास्ते में लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पास अधिकारियों ने एक तेंदुए को पकड़ लिया (leopard captured), जिसके बारे में संदेह है कि उसने हाल ही में एक 6 साल की बच्ची को मार डाला था. वन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि तेंदुआ रविवार रात को जाल में फंसा और उसे श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान (तिरुपति चिड़ियाघर) में शिफ्ट कर दिया गया है.
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शांतिप्रिया पांडे ने बताया, 'हमने जानवर को पकड़ लिया, लेकिन हमें नहीं पता कि यह वही तेंदुआ है या नहीं, इसलिए हम स्थानीय आईआईएसईआर टीम के साथ डीएनए विश्लेषण कर रहे हैं.'
वन विभाग ने तेदुए की यूरिन और बाल के सैंपल और हमले की जगह से खून के धब्बे और लार के नमूने जांच के लिए भेजे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह वही जानवर है जिसने लड़की को मार डाला था या एक महीने पहले लड़के पर हमले में शामिल था.
शांतिप्रिया ने कहा कि यदि पकड़ा गया जानवर वही पाया जाता है जिसने लड़की पर हमला किया था, तो उसे चिड़ियाघर में रखा जाएगा क्योंकि उसने मानव मांस का स्वाद चखा है. डीएनए जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह लग सकता है. तब तक सटीक रूप से यह कहा जा सकता है कि इसी जानवर ने हमला किया था. क्योंकि लड़की पर जिस तरह से हमला किया गया उसका पैटर्न भालू के हमला करने जैसा है, क्योंकि बच्ची की खोपड़ी फट गई थी.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा : इस बीच, सूत्रों ने बताया कि तिरुमाला स्टेप्स के आसपास पांच और तेंदुए घूमते देखे गए हैं. तेंदुओं की देखी गई तस्वीरें हड्डियों के साथ लगाए गए ट्रैप कैमरों में रिकॉर्ड की गई हैं. इसके बाद से श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर टीटीडी और वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जा रही है.
वन विभाग ने हमलों को रोकने के लिए कुछ लघु और दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश की है, जिसमें उस स्थान पर जानवरों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए सातवें मील पर 24x7 वन्यजीव चौकी स्थापित करना शामिल है.
इसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों को समय पर सचेत करने के लिए मंदिर के अधिकारियों, सुरक्षा कर्मचारियों और अन्य लोगों के साथ जानकारी साझा करना है, जिसमें एक ट्रैंकुलाइजिंग टीम और एक बचाव वैन को स्टैंडबाय पर रखना शामिल है.
इसके अलावा, पांडे ने कहा कि विभाग ने शाम के समय पैदल तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है क्योंकि तिरुमाला में जानवर ज्यादातर रात्रिचर होते हैं. प्रत्येक 20 मीटर पर जनशक्ति बढ़ाना, जानवरों और अन्य को पहचानने वाले पशु चिकित्सा कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना कुछ और सिफारिशें हैं.
दीर्घकालिक उपायों में विशेषज्ञ की राय को शामिल करने के बाद जानवरों के आने-जाने के रास्ते और विभिन्न क्रॉसिंग पॉइंट बनाना शामिल है. शांतिप्रिया के अनुसार, हालांकि तेंदुए आमतौर पर बच्चा चोर होते हैं, उन्होंने कहा कि तिरुमाला में ऐसी घटनाएं ज्यादा नहीं हुईं.
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(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)