ETV Bharat / bharat

Budget Session 2023: लोकसभा में सरकार ने कहा, वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की घटनाएं 2020 में 77 प्रतिशत कम दर्ज

author img

By

Published : Mar 14, 2023, 7:02 PM IST

देश में वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसक घटनाओं में कमी आई है. साल 2010 के मुकाबले 2020 में 77 प्रतिशत तक की कमी आई है. यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज सदन को दी.

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है. लोकसभा में पशुपति नाथ सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है. उनके अनुसार, परिणामी मौतों (सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत) में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है जो वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से कम होकर वर्ष 2022 में 98 दर्ज की गई.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंसा के भौगोलिक विस्तार में भी पर्याप्त कमी हुई है. खासतौर पर गिरावट सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत कवर किए गए जिलों में हिंसा मामलों की संख्या कम देखी गई है. अप्रैल 2018 में एसआरई जिलों की संख्या 126 से घटकर 90 हो गई और आगे जुलाई 2021 में 70 तक पहुंच गई. साल 2022 में 45 जिलों के 176 पुलिस थानों में एलडब्ल्यूई संबंधी हिंसा की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. जबकि इसकी तुलना में वर्ष 2010 में अब तक के सर्वाधिक 96 जिलों के 465 पुलिस थानों में हिंसा की रिपोर्ट आई थी. उन्होंने बताया कि झारखंड में भी सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. राज्य में हिंसा की घटनाओं की संख्या में 82 प्रतिशत की कमी हुई है जो वर्ष 2009 में सर्वाधिक 742 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2022 में 132 हो गईं.

उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में सुरक्षा स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा, "झारखंड में हिंसक घटनाओं की संख्या 2009 में 742 मामलों के उच्चतम स्तर से 82 प्रतिशत कम होकर 2022 में 132 घटनाएं हो गई हैं. झारखंड में एसआरई जिलों की संख्या भी साल 2018 में 19 से घटकर साल 2021 में 16 हो गई है." राय ने कहा, "पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और खूंटी के ट्राइ जंक्शन क्षेत्र, बुढ़ा पहाड़ और पारसनाथ पहाड़ियों को माओ आतंक से मुक्त कर दिया गया है. यहां जगह-जगह सुरक्षाबलों की शिविर और जवानों की निरंतर गश्ती बढ़ाई गई, जिससे यह संभव हो सका." राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा नियमित रूप से समीक्षा बैठकें की जाती हैं तथा विभिन्न योजनाओं के तहत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बैठकें और दौरे किए जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है. लोकसभा में पशुपति नाथ सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है. उनके अनुसार, परिणामी मौतों (सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत) में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है जो वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से कम होकर वर्ष 2022 में 98 दर्ज की गई.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंसा के भौगोलिक विस्तार में भी पर्याप्त कमी हुई है. खासतौर पर गिरावट सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत कवर किए गए जिलों में हिंसा मामलों की संख्या कम देखी गई है. अप्रैल 2018 में एसआरई जिलों की संख्या 126 से घटकर 90 हो गई और आगे जुलाई 2021 में 70 तक पहुंच गई. साल 2022 में 45 जिलों के 176 पुलिस थानों में एलडब्ल्यूई संबंधी हिंसा की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. जबकि इसकी तुलना में वर्ष 2010 में अब तक के सर्वाधिक 96 जिलों के 465 पुलिस थानों में हिंसा की रिपोर्ट आई थी. उन्होंने बताया कि झारखंड में भी सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. राज्य में हिंसा की घटनाओं की संख्या में 82 प्रतिशत की कमी हुई है जो वर्ष 2009 में सर्वाधिक 742 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2022 में 132 हो गईं.

उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में सुरक्षा स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा, "झारखंड में हिंसक घटनाओं की संख्या 2009 में 742 मामलों के उच्चतम स्तर से 82 प्रतिशत कम होकर 2022 में 132 घटनाएं हो गई हैं. झारखंड में एसआरई जिलों की संख्या भी साल 2018 में 19 से घटकर साल 2021 में 16 हो गई है." राय ने कहा, "पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और खूंटी के ट्राइ जंक्शन क्षेत्र, बुढ़ा पहाड़ और पारसनाथ पहाड़ियों को माओ आतंक से मुक्त कर दिया गया है. यहां जगह-जगह सुरक्षाबलों की शिविर और जवानों की निरंतर गश्ती बढ़ाई गई, जिससे यह संभव हो सका." राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा नियमित रूप से समीक्षा बैठकें की जाती हैं तथा विभिन्न योजनाओं के तहत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बैठकें और दौरे किए जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.