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वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की घटनाओं में आई कमी : नित्यानंद राय

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) की घटनाओं में कमी आई है. ऐसा सरकार की राष्ट्रीय नीति और बेहतर कार्य योजना के कारण हुआ है. 2009 के मुकाबले ऐसी घटनाएं 77 फीसदी कम हुई हैं. उन्होंने ये भी कहा कि भारत में माओवादी अंतरराष्ट्रीय समूहों से प्रेरित हैं. गौतम देबराय की रिपोर्ट.

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नित्यानंद राय
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Published : Feb 9, 2022, 6:28 PM IST

नई दिल्ली : राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State in Home Ministry, Nityanand Rai) ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना के कारण वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के परिणामस्वरूप हिंसा में लगातार गिरावट आई है. 2009 में सबसे ज्यादा 2258 घटनाएं सामने आई थी. 2021 में इनके मुकाबले 77 फीसदी कमी आई है. ये संख्या घटकर 509 हो गई है.

उन्होंने कहा, 'इसी तरह, नागरिकों और सुरक्षा बलों की मृत्यु भी 2010 में 1005 के उच्चतम स्तर से 85 प्रतिशत कम होकर 2021 में 147 हो गई है.' राय ने कहा कि हिंसा के भौगोलिक प्रसार में भी कमी आई है और वर्ष 2010 में 96 जिलों की तुलना में 2021 में केवल 46 जिलों ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना दी. गौरतलब है कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को रोकने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 से लागू की गई थी.

सुनिए राज्यसभा में नित्यानंद राय का जवाब

उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने काफी प्रयास किए हैं. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, हेलीकॉप्टर, प्रशिक्षण, राज्य पुलिस बलों को हथियारों और उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए वामपंथ प्रभावित राज्यों धन दिया जा रहा है. विशेष बलों (एसएफ) और विशेष खुफिया शाखाओं (एसआईबी) को मजबूत करने के लिए 371 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

इसके साथ ही पिछले छह वर्षों में वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों में स्थानीय जनता के लिए 1236 बैंक शाखाएं खोली गई हैं, 1077 एटीएम स्थापित किए गए हैं. पिछले 5 वर्षों में 4903 डाकघरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 2953 को चालू कर दिया गया है.

भारत में माओवादी अंतरराष्ट्रीय समूहों से प्रेरित : सरकार
वहीं, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भाजपा सांसद (नामित) राकेश सिन्हा द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत में माओवादी अंतरराष्ट्रीय समूहों से प्रेरित हैं. कभी-कभी इन समूहों द्वारा विरोध किया जाता है, जब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि जब कुछ उग्रवादियों की गिरफ्तारी होती है तो ये संगठन मदद के लिए आगे आते हैं.

राय ने कहा, 'वामपंथी उग्रवाद एक खतरनाक विचारधारा है, जो भारत विरोधी नारे लगाते हैं, वे कभी भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं हो सकते.' उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों के मसीहा हैं, जिसके कारण उनके नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा घटती जा रही है. मंत्री ने कहा, 'शहरी नक्सली विचारकों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वामपंथी चरमपंथी बंदूक की नोक पर तानाशाही लाना चाहते हैं.' सिन्हा ने पूछा था कि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में बैठे कुछ लोग कैसे शहरी नक्सल विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं.

वामपंथी विचारधारा की जड़ों के बारे में बोलने की कोशिश करने वाले भाकपा सदस्य को उपसभापति हरिवंश ने अनुमति नहीं दी, जिन्होंने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.

पढ़ें- भारत में घट रहा वामपंथी उग्रवाद, अब केवल 70 जिले प्रभावित

मंत्री ने यह भी कहा, 'हम शहरी नक्सल शब्द का उपयोग नहीं करते हैं, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, जब वामपंथी उग्रवाद की बात आती है, चाहे वह शहर हो या कोई अन्य स्थान, हम उसके अनुसार सख्त कार्रवाई करते हैं.'

गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर में लोक सभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने कहा था कि वामपंथी उग्रवाद (left wing extremism Nityanand Rai) से प्रभावित सबसे अधिक 16 जिले झारखंड में हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 14, बिहार एवं ओडिशा में 10-10 जिले, तेलंगाना में छह, आंध्र प्रदेश में पांच, केरल और मध्य प्रदेश में तीन-तीन जिले हैं.

नई दिल्ली : राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State in Home Ministry, Nityanand Rai) ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना के कारण वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के परिणामस्वरूप हिंसा में लगातार गिरावट आई है. 2009 में सबसे ज्यादा 2258 घटनाएं सामने आई थी. 2021 में इनके मुकाबले 77 फीसदी कमी आई है. ये संख्या घटकर 509 हो गई है.

उन्होंने कहा, 'इसी तरह, नागरिकों और सुरक्षा बलों की मृत्यु भी 2010 में 1005 के उच्चतम स्तर से 85 प्रतिशत कम होकर 2021 में 147 हो गई है.' राय ने कहा कि हिंसा के भौगोलिक प्रसार में भी कमी आई है और वर्ष 2010 में 96 जिलों की तुलना में 2021 में केवल 46 जिलों ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना दी. गौरतलब है कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को रोकने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना 2015 से लागू की गई थी.

सुनिए राज्यसभा में नित्यानंद राय का जवाब

उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने काफी प्रयास किए हैं. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, हेलीकॉप्टर, प्रशिक्षण, राज्य पुलिस बलों को हथियारों और उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए वामपंथ प्रभावित राज्यों धन दिया जा रहा है. विशेष बलों (एसएफ) और विशेष खुफिया शाखाओं (एसआईबी) को मजबूत करने के लिए 371 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

इसके साथ ही पिछले छह वर्षों में वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों में स्थानीय जनता के लिए 1236 बैंक शाखाएं खोली गई हैं, 1077 एटीएम स्थापित किए गए हैं. पिछले 5 वर्षों में 4903 डाकघरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 2953 को चालू कर दिया गया है.

भारत में माओवादी अंतरराष्ट्रीय समूहों से प्रेरित : सरकार
वहीं, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भाजपा सांसद (नामित) राकेश सिन्हा द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत में माओवादी अंतरराष्ट्रीय समूहों से प्रेरित हैं. कभी-कभी इन समूहों द्वारा विरोध किया जाता है, जब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि जब कुछ उग्रवादियों की गिरफ्तारी होती है तो ये संगठन मदद के लिए आगे आते हैं.

राय ने कहा, 'वामपंथी उग्रवाद एक खतरनाक विचारधारा है, जो भारत विरोधी नारे लगाते हैं, वे कभी भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं हो सकते.' उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों के मसीहा हैं, जिसके कारण उनके नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा घटती जा रही है. मंत्री ने कहा, 'शहरी नक्सली विचारकों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वामपंथी चरमपंथी बंदूक की नोक पर तानाशाही लाना चाहते हैं.' सिन्हा ने पूछा था कि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में बैठे कुछ लोग कैसे शहरी नक्सल विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं.

वामपंथी विचारधारा की जड़ों के बारे में बोलने की कोशिश करने वाले भाकपा सदस्य को उपसभापति हरिवंश ने अनुमति नहीं दी, जिन्होंने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.

पढ़ें- भारत में घट रहा वामपंथी उग्रवाद, अब केवल 70 जिले प्रभावित

मंत्री ने यह भी कहा, 'हम शहरी नक्सल शब्द का उपयोग नहीं करते हैं, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, जब वामपंथी उग्रवाद की बात आती है, चाहे वह शहर हो या कोई अन्य स्थान, हम उसके अनुसार सख्त कार्रवाई करते हैं.'

गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर में लोक सभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने कहा था कि वामपंथी उग्रवाद (left wing extremism Nityanand Rai) से प्रभावित सबसे अधिक 16 जिले झारखंड में हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 14, बिहार एवं ओडिशा में 10-10 जिले, तेलंगाना में छह, आंध्र प्रदेश में पांच, केरल और मध्य प्रदेश में तीन-तीन जिले हैं.

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