हाथरस : हाथरस के बहुचर्चित बिटिया मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. आज कोर्ट में इस केस के शिकायतकर्ता (बिटिया के भाई) की जिरह हुई. बिटिया पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने आज भी अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया. कहा कि क्या तब इन्वेस्टीगेशन होगा कि जब सीमा कुशवाहा को जान से मार दिया जाएगा.
बिटिया कांड में बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय पर मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई में इस केस के वादी/बिटिया की भाई की गवाही पर बचाव पक्ष के वकील की जिरह हुई. केस की अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख निर्धारित हुई है. वादी की ओर से आज उसकी प्रमुख वकील सीमा कुशवाहा उपस्थिति रहीं.
वकील सीमा कुशवाहा ने अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा बताया. कहा कि अब वह प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री से पूछती हैं कि क्या आप उस दिन इन्वेस्टिगेशन अन्य केसों की तरह कराएंगे जब सीमा कुशवाहा को जान से मार दिया जाएगा. कहा कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई है. सिर्फ हाथरस कोर्ट से सुरक्षा दी जाती है. इसे आप सब देख रहे हैंं. बताया कि इस केस की अगली सुनवाई 23 सितंबर को है.
सीमा के यह हैं आरोप
बता दें कि 5 मार्च 2021 को हाथरस की कोर्ट पहुंचीं वकील सीमा कुशवाहा ने हाथरस के कुछ वकीलों पर उन्हें घूरने का आरोप लगाने के साथ ही वकीलों के एकत्र हो जाने, ठीक से पैरवी न करने देने और गवाहों को धमकाने के आरोप लगाए थे. ऐसे ही कुछ कारणों से उन्होंने इस केस को हाथरस से ट्रांसफर करने की भी गुहार हाईकोर्ट से लगाई थी लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया.
यह था मामला
14 सितंबर 2020 को जिले की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ दरिंदगी और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. वहीं, इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले के चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लव कुशआरोपी अलीगढ़ जेल में हैं.
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