नई दिल्ली: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को लेकर विवाद चल रहा है. केंद्र सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, इस प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है. इस पूरे विवाद पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने याचिकार्ताओं को आड़े हाथ लिया है. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को लेकर विवाद चल रहा है. केंद्र सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, इस प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है.
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This is how they waste the precious time of Hon'ble Supreme Court where thousands of common citizens are waiting and seeking dates for Justice. https://t.co/5kouG8Px2K
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वहीं, इस पूरे विवाद पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने याचिकार्ताओं को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने जर्नलिस्ट एन राम, एडवोकेट प्रशांत भूषण और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर प्रतिक्रिया दी है. रिजिजू ने कहा कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं.
कानून मंत्री ने साधा निशाना
कानून मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस तरह ये लोग देश की सर्वोच्च अदालत का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं, जहां हजारों लोग रोज न्याय के लिए आते हैं और अपनी बारी का इंतजार करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका
बता दें, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर केंद्र की मोदी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि BBC Documentary: : द मोदी क्वेश्चन पर सरकार का प्रतिबंध लगाना असंवैधानिक है.
जानें, क्या है विवाद
पीएम मोदी को लेकर बीबीसी ने एक डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाई है, जिसे 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' का नाम दिया गया है. यह डॉक्यूमेंट्री सन 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित है. इस फिल्म को लेकर कई यूनिवर्सिटी में भी विवाद हुआ है. राजधानी दिल्ली के जेएनयू में तो हालात इतने बिगड़ गए कि पथराव की नौबत आ गई.