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विवाद में घिरने के बाद बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार का बदला गया विभाग

विपक्ष के लगातार विरोध के बाद आखिरकार कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री पद से हटा दिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कार्तिकेय सिंह से विधि विभाग छीन लिया है. विधि विभाग के स्थान पर अब कार्तिकेय सिंह को गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Karthikeya Kumar Etv Bharat
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Published : Aug 31, 2022, 8:19 AM IST

पटना : बिहार में महगठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. विपक्ष लगातार हमला कर रहा था. इसी बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्तिकेय कुमार कानून मंत्री (Minister kartikeya Kumar) पद से हटा दिया है. कार्तिकेय कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया है.

ये भी पढ़ें - 10 दिन भी सरकार के पूरे नहीं हुए.. नीतीश के इन मंत्रियों ने बढ़ा दी टेंशन

कार्तिकेय सिंह का बदला विभाग : विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

कई थानों में हैं मामले दर्जः दरअसल, मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister Kartikeya Kumar Singh) पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.

ये भी पढ़ें: कार्तिकेय सिंह के वारंटी होने के आरोप पर बोले लालू यादव, सुशील मोदी झूठा है

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंट : आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है.

16 अगस्त को कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं.

"मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है"- कार्तिकेय सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

"14 जुलाई 2022 को कार्तिकेय सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से अग्रिम जमानत के लिए याचिका कार्तिकेय सिंह की ओर से न्यायालय के सामने दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट का जो आदेश जारी किया गया है, उसके मुताबिक अभी जबतक जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तबतक उनकी गिरफ्तारी पर रोक है. अभी जो जानकारी आ रही है, अगर उस संदर्भ में देखा जाए तो फरारी नहीं कहा जा सकता"- अजय प्रताप शर्मा, शिकायतकर्ता राजू सिंह के वकील

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

पटना : बिहार में महगठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. विपक्ष लगातार हमला कर रहा था. इसी बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्तिकेय कुमार कानून मंत्री (Minister kartikeya Kumar) पद से हटा दिया है. कार्तिकेय कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया है.

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कार्तिकेय सिंह का बदला विभाग : विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

कई थानों में हैं मामले दर्जः दरअसल, मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister Kartikeya Kumar Singh) पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है.

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मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंट : आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है.

16 अगस्त को कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं.

"मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है"- कार्तिकेय सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

"14 जुलाई 2022 को कार्तिकेय सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से अग्रिम जमानत के लिए याचिका कार्तिकेय सिंह की ओर से न्यायालय के सामने दाखिल की गई है. जिस पर कोर्ट का जो आदेश जारी किया गया है, उसके मुताबिक अभी जबतक जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तबतक उनकी गिरफ्तारी पर रोक है. अभी जो जानकारी आ रही है, अगर उस संदर्भ में देखा जाए तो फरारी नहीं कहा जा सकता"- अजय प्रताप शर्मा, शिकायतकर्ता राजू सिंह के वकील

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

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