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कोर्ट ने लालू यादव के करीबी अमित कात्याल को पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा, ईडी ने किया था गिरफ्तार

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 1:31 PM IST

land for job scam : जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू यादव को एक बड़ा झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने अमित कात्याल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में

नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल को बुधवार को ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया. अमित कात्याल को 11 नवंबर को ईडी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उसके बाद उसे राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद ईडी ने 12 नवंबर को कात्याल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश कर 14 दिन की हिरासत की मांग की थी. लेकिन, कोर्ट ने उसे चार दिन की हिरासत में भेजा था.

इसके बाद 16 नवंबर को ईडी की मांग पर कोर्ट ने कात्याल की ईडी हिरासत छह दिन और बढ़ा दी थी, जो आज 22 नवंबर को खत्म हुई. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जुलाई महीने में लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद तेजस्वी भी जमानत पर चल रहे हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव के एक और करीबी अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी के अनुसार कात्याल लालू यादव के करीबी सहयोगी होने के साथ मामले में लाभार्थी कंपनी एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. यह कंपनी साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर पंजीकृत है. लालू यादव के परिवार द्वारा इस आवासीय इमारत का इस्तेमाल किया जा रहा था. संपत्ति को कागज पर मैसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है. लेकिन, इसका प्रयोग विशेष रूप से तेजस्वी यादव के द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : Land For Jobs Scam : लालू के करीबी अमित कात्याल गिरफ्तार, लैंड फॉर जॉब स्कैम में ED की बड़ी कार्रवाई

इस घोटाले में ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद जुलाई माह में तेजस्वी यादव के खिलाफ भी सप्पलीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है, जब 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई ने इस मामले में वर्ष 2007 में केस दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया था तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 105 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. लालू परिवार ने नकद पैसे देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई का आरोप है कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी. इस मामले में पैसे के लेनदेन को लेकर ईडी भी जांच कर रही है. मामले में रेलवे के अधिकारियों सहित कुल 17 लोगों को आरोपित बनाया गया है.

ये भी पढ़ें : कोर्ट में मनीष स‍िसोद‍िया बोले- दिक्कत होती है, CBI ने कहा- आरोपियों की तरफ से हो रही देरी

नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल को बुधवार को ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया. अमित कात्याल को 11 नवंबर को ईडी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उसके बाद उसे राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद ईडी ने 12 नवंबर को कात्याल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश कर 14 दिन की हिरासत की मांग की थी. लेकिन, कोर्ट ने उसे चार दिन की हिरासत में भेजा था.

इसके बाद 16 नवंबर को ईडी की मांग पर कोर्ट ने कात्याल की ईडी हिरासत छह दिन और बढ़ा दी थी, जो आज 22 नवंबर को खत्म हुई. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जुलाई महीने में लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद तेजस्वी भी जमानत पर चल रहे हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव के एक और करीबी अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी के अनुसार कात्याल लालू यादव के करीबी सहयोगी होने के साथ मामले में लाभार्थी कंपनी एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं. यह कंपनी साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर पंजीकृत है. लालू यादव के परिवार द्वारा इस आवासीय इमारत का इस्तेमाल किया जा रहा था. संपत्ति को कागज पर मैसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फो सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है. लेकिन, इसका प्रयोग विशेष रूप से तेजस्वी यादव के द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.

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इस घोटाले में ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद जुलाई माह में तेजस्वी यादव के खिलाफ भी सप्पलीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है, जब 2004 से 2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. सीबीआई ने इस मामले में वर्ष 2007 में केस दर्ज किया था. सीबीआई के अनुसार लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया था तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 105 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. लालू परिवार ने नकद पैसे देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई का आरोप है कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी. इस मामले में पैसे के लेनदेन को लेकर ईडी भी जांच कर रही है. मामले में रेलवे के अधिकारियों सहित कुल 17 लोगों को आरोपित बनाया गया है.

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