पटना: 'जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए.' आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्टैंड को लेकर भरोसा नहीं हो रहा है. यही वजह है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने एक बार फिर गुरु गोलवलकर की किताब 'बंच ऑफ थॉट्स' का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें आरक्षण का विरोध किया गया था. उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के नेता तो उसी पुस्तक को फॉलो करते हैं.
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लालू ने आरक्षण पर मोहन भागवत को घेरा: आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी वास्तव में आरक्षण विरोधी हैं. लालू ने कहा कि गुरु गोलवलकर ने जो बंच ऑफ थॉट्स में लिखा है, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी कर रहे हैं, क्योंकि बंच ऑफ थॉट्स में रिजर्वेशन के खिलाफ लिखा गया है.
"बीजेपी ढोंगी है, पगलाया हुआ है. सबका मालिक एक है. राम कहो या रहीम कहो. गुरु गोलवलकर ने जो बंच ऑफ थॉट्स में लिखा है, वही मोदी कर रहे हैं और वही मोहन भागवत भी कर रहे हैं. ये लोग आरक्षण के विरोधी हैं"- लालू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय जनता दल
सनातन धर्म पर क्या बोले लालू?: इस्कॉन मंदिर में बेटे तेजप्रताप यादव के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने आए लालू यादव से जब सनातन धर्म को लेकर जारी विवाद पर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी ढोंगी पार्टी है. इंडिया गठबंधन के कारण लोकसभा चुनाव 2024 में संभावित हार से बीजेपी के नेता डर गए हैं. बेवजह का विवाद पैदा किया जा रहा है. मेरा मानना है कि जिसको जिसमें आस्था है, उसको लोग मानते हैं. वैसे सबका मालिक है. राम कहो या रहीम कहो, सभी एक हैं.
आरक्षण पर मोहन भागवत ने क्या बोला?: दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने 6 सितंबर को कहा था, सामाजिक व्यवस्था में हमने अपने बंधुओं को पीछे छोड़ दिया. उनकी देखभाल हमने नहीं की और यह 2000 वर्षों तक चला. ऐसे में जब तक उनको समानता नहीं प्रदान करते हैं, तब तक कुछ विशेष उपचार होना ही चाहिए. आरक्षण उसमें से एक है. लिहाजा तब तक आरक्षण को जारी रखना चाहिए.'
क्या है बंच ऑफ थॉट्स?: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दूसरे सर संघचालक रहे एमएस गोलवलकर ने 'बंच ऑफ थॉट्स' की रचना की थी. यह पुस्तक 1966 में प्रकाशित हुई थी. लालू का दावा है कि इसमें दलितों और ओबीसी के लिए आरक्षण का विरोध किया गया था. हालांकि इसको लेकर मोहन भागवत कुछ साल पहले ही स्पष्ट कह चुके हैं कि 'बंच ऑफ थॉट्स' शाश्वत नहीं है. उन्होंने कहा था, ' कुछ बातें कुछ परिस्थितियों में किसी खास संदर्भ में कही जाती हैं, वे शाश्वत नहीं हैं.' इसके बाद भी आरजेडी और कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों के नेता संघ और बीजेपी को घेरते रहते हैं.