नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को संसद में लखीमपुर खीरी कांड को लेकर एसआईटी रिपोर्ट में हुए खुलासे का मुद्दा उठाया और सरकार से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Sack MoS Ajay Mishra) को बर्खास्त करने की मांग की. राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सांसदों ने लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri violence) को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था.
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एसआईटी द्वारा किए गए नए खुलासे को लेकर लखीमपुर खीरी कांड के मुद्दे पर उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है. राहुल ने कहा, 'वे हमें बोलने नहीं दे रहे हैं इसलिए सदन को बाधित किया जा रहा है.'
उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट आ गई है और उनके मंत्री शामिल हैं, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए.'
कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में लखीमपुर खीरी की घटना पर चर्चा के लिए कई स्थगन नोटिस दिए और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद हिंसा को 'पूर्व नियोजित' करार देते हुए राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग की.
राहुल गांधी ने पार्टी के मुख्य सचेतक के. सुरेश और मणिकम टैगोर के साथ मिलकर टेनी को हटाने के लिए दबाव डाला, जिनके बेटे ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करते हुए चार किसानों को कुचल दिया था.
मंगलवार को, लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर कर 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के तहत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हम घटना के पहले दिन से ही कह रहे हैं कि आपराधिक साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया है. अब, एसआईटी रिपोर्ट में इसका खुलासा हो गया है. हम जानना चाहते हैं कि इस आपराधिक साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे. हम जानना चाहते हैं कि क्या गृह राज्यमंत्री स्वयं शामिल थे.
शिवसेना ने भी अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की
इधर, शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि अजय मिश्रा ने पूर्व में दावा किया था कि अगर उनके बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एक भी सबूत सामने आया तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा के बाद उन्हें पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि या तो केंद्र सरकार अजय मिश्रा को बर्खास्त करे या वह नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मामले में तभी न्याय सुनिश्चित होगा जब घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए और सत्ता में बैठे व्यक्ति को पद से हटाया जाए. लेकिन बेशर्म सरकार न केवल उनका बचाव कर रही है, बल्कि रक्षा भी कर रही है. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह एक असंवेदनशील सरकार है जिसको किसानों की कोई परवाह नहीं है जो एक पूर्व नियोजित साजिश के कारण मारे गए.
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अजय मिश्रा के पिछले बयानों का जिक्र करते हुए, शिवसेना सांसद ने कहा कि इन लोगों की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. ये लोग देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं की परवाह नहीं करते हैं. यह सरकार न्याय और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती है.