ETV Bharat / bharat

पूर्वी लद्दाख गतिरोध: भारत-चीन परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर हुए सहमत - mutually acceptable solution

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख से संबंधित बाकी मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता की. दोनों परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए (india china agree to work out mutually acceptable solution). पूर्वी लद्दाख के शेष विवादित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता हुई थी.

india china
भारत चीन
author img

By

Published : Apr 24, 2023, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख से संबंधित शेष मुद्दों के समाधान को लेकर रविवार को सैन्य स्तर की वार्ता के दौरान खुलकर और गहन चर्चा की तथा परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए (india china agree to work out mutually acceptable solution). हालांकि, तीन वर्षों से जारी सीमा गतिरोध के समाप्त होने की दिशा में स्पष्ट रूप से आगे बढ़ने को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं.

विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर और गहन चर्चा की.

मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए.' बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए.

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके.' गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है.

मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों देशों के नेताओं और मार्च 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप मुक्त रूप से और स्पष्ट चर्चा हुई.' इसमें कहा गया है कि अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सुरक्षा एवं स्थिरता बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की.

जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में संघर्ष के शेष क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान पर जोर दिया. वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीजिंग में कहा कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों का तेजी से समाधान निकालने को लेकर गहराई से विचारों का आदान- प्रदान किया.

दो मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ नई दिल्ली में जी20 समूह की एक बैठक से इतर बैठक की थी. इसमें जयशंकर ने कांग से कहा था कि भारत, चीन के संबंध की स्थिति 'असामान्य' है.

पूर्वी लद्दाख के शेष विवादित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता हुई थी. यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुई थी. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले यह बैठक हुई, जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्री स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने यहां आएंगे। यह बैठक भारत की अध्यक्षता में होने वाली है.

रविवार की सैन्य वार्ता दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों के बीच पिछले दौर की बातचीत के करीब चार महीने बाद हुई थी. इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया. यही सैन्य कोर लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर सीमा सुरक्षा व्यवस्था संभालती है.

पूर्वी लद्दाख में पांच मई, 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद वहां गतिरोध शुरू हुआ था. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई दौर की वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे तथा गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिक पीछे हटाए थे. हालांकि, कुछ मुद्दे अभी भी शेष हैं.

पढ़ें- RTI Reply: सरकार ने कहा, भारत-चीन के बीच सामान्य रूप से परिभाषित वास्तविक नियंत्रण रेखा नहीं

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख से संबंधित शेष मुद्दों के समाधान को लेकर रविवार को सैन्य स्तर की वार्ता के दौरान खुलकर और गहन चर्चा की तथा परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए (india china agree to work out mutually acceptable solution). हालांकि, तीन वर्षों से जारी सीमा गतिरोध के समाप्त होने की दिशा में स्पष्ट रूप से आगे बढ़ने को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं.

विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर और गहन चर्चा की.

मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत हुए.' बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए.

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके.' गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है.

मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों देशों के नेताओं और मार्च 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप मुक्त रूप से और स्पष्ट चर्चा हुई.' इसमें कहा गया है कि अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सुरक्षा एवं स्थिरता बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की.

जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में संघर्ष के शेष क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान पर जोर दिया. वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीजिंग में कहा कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों का तेजी से समाधान निकालने को लेकर गहराई से विचारों का आदान- प्रदान किया.

दो मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ नई दिल्ली में जी20 समूह की एक बैठक से इतर बैठक की थी. इसमें जयशंकर ने कांग से कहा था कि भारत, चीन के संबंध की स्थिति 'असामान्य' है.

पूर्वी लद्दाख के शेष विवादित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता हुई थी. यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुई थी. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले यह बैठक हुई, जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्री स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने यहां आएंगे। यह बैठक भारत की अध्यक्षता में होने वाली है.

रविवार की सैन्य वार्ता दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों के बीच पिछले दौर की बातचीत के करीब चार महीने बाद हुई थी. इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया. यही सैन्य कोर लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर सीमा सुरक्षा व्यवस्था संभालती है.

पूर्वी लद्दाख में पांच मई, 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद वहां गतिरोध शुरू हुआ था. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई दौर की वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे तथा गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिक पीछे हटाए थे. हालांकि, कुछ मुद्दे अभी भी शेष हैं.

पढ़ें- RTI Reply: सरकार ने कहा, भारत-चीन के बीच सामान्य रूप से परिभाषित वास्तविक नियंत्रण रेखा नहीं

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.