नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को तमिलनाडु के ऊटी में नीलगिरी अदालत परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालयों की कमी से निपटने के लिए किए गए उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल की ओर से दाखिल पिछली रिपोर्ट नए अदालत परिसर में महिला वकीलों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से नहीं बताती और न ही यह स्पष्ट करती है कि क्या ऐसी किसी सुविधा में पहले के मुकाबले कटौती की गई है.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को मामले में रविवार तक विस्तृति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
पीठ ने कहा, “उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की जाए. इस तरह की रिपोर्ट रविवार तक इलेक्ट्रॉनिक मोड से इस अदालत की रजिस्ट्री में पहुंच जानी चाहिए और यह मामला सोमवार 12 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.”
जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि यह रिपोर्ट नए न्यायालय परिसर में महिला वकीलों को कैसी सुविधाएं मिल रही हैं और क्या ऐसी सुविधाओं में कोई कमी आई है जो पहले मौजूद थी, इस बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट दायर की जाए. यह रिपोर्ट रविवार तक इस अदालत की रजिस्ट्री में पहुंच जानी चाहिए. यह अदालत रिपोर्ट के आधार पर उचित आदेश पारित करने पर विचार करेगी.
(पीटीआई-भाषा)
यह भी पढ़ें: