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कोरोना की रफ्तार कम : मजदूराें का शहराें की ओर पलायन शुरू - cities from bihar

बिहार सहित देशभर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के साथ ही मजदूराें ने शहराें की तरफ लाैटना शुरू कर दिया है. पटना जंक्शन से रोज हजारों की संख्या में मजदूर परदेस जाने के लिए ट्रेन पकड़ रहे हैं. ईटीवी भारत को मजदूरों ने बताई अपनी बेबसी. देखिए रिपोर्ट...

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Published : Jun 7, 2021, 11:11 AM IST

Updated : Jun 7, 2021, 1:52 PM IST

पटना : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर के डर से दूसरे राज्यों से बिहार लौटे लाखों की संख्या में मजदूर फिर से वापस शहराें की तरफ लाैट रहे हैं. कोरोना के खौफ के कारण वे घर तो लौट गए थे, लेकिन पेट की भूख और जीवन की जरूरताें ने झकझोर कर रख दिया. लिहाजा एक बार फिर मजदूरों का कारवां रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों के लिए रवाना हो रहा है.

क्या हुआ तेरा वादा?
दूसरे प्रदेशों से बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) को बिहार सरकार द्वारा रोजगार मिलने की उम्मीद पर पानी फिर गया. वादे के बाद भी जब उन्हें रोजगार नहीं मिल सका, तो वे फिर से परदेस का रुख करने काे मजबूर हैं. बता दें कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात सहित अन्य राज्यों में जाकर वे मजदूरी करते हैं. तब जाकर परिवार का पेट भरता है.

मजदूराें का शहराें की तरफ लाैटना शुरू

पटना जंक्शन पर उमड़ी भीड़
कोरोना संक्रमण के कारण पटना जंक्शन पर यात्रियों की लगातार कम हो रही संख्या के बीच अचानक अब यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. भारी संख्या में मजदूर यहां ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः अनलॉक : कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट में गिरावट, जानिए आज से कहां-क्या खुलेगा

मजदूरों ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से रोजगार मुहैया करवाई जाएगी. लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो वे फिर से दूसरे राज्य और शहर जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली: 50 फीसद क्षमता के साथ मेट्रो दौड़नी शुरू, ऑड-ईवन के आधार पर खुलेंगे बाजार

सूरत में काम करने वाले अनवर ने कहा, 'अगर बिहार में ही काम मिल जाता तो, उन्हें बाहर जाना नहीं पड़ता. लेकिन परिवार का पेट भरने के लिए कमाना जरूरी है. इसलिए बाहर जा रहे हैं.'

पटना : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर के डर से दूसरे राज्यों से बिहार लौटे लाखों की संख्या में मजदूर फिर से वापस शहराें की तरफ लाैट रहे हैं. कोरोना के खौफ के कारण वे घर तो लौट गए थे, लेकिन पेट की भूख और जीवन की जरूरताें ने झकझोर कर रख दिया. लिहाजा एक बार फिर मजदूरों का कारवां रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों के लिए रवाना हो रहा है.

क्या हुआ तेरा वादा?
दूसरे प्रदेशों से बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) को बिहार सरकार द्वारा रोजगार मिलने की उम्मीद पर पानी फिर गया. वादे के बाद भी जब उन्हें रोजगार नहीं मिल सका, तो वे फिर से परदेस का रुख करने काे मजबूर हैं. बता दें कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात सहित अन्य राज्यों में जाकर वे मजदूरी करते हैं. तब जाकर परिवार का पेट भरता है.

मजदूराें का शहराें की तरफ लाैटना शुरू

पटना जंक्शन पर उमड़ी भीड़
कोरोना संक्रमण के कारण पटना जंक्शन पर यात्रियों की लगातार कम हो रही संख्या के बीच अचानक अब यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. भारी संख्या में मजदूर यहां ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे हैं.

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मजदूरों ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से रोजगार मुहैया करवाई जाएगी. लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो वे फिर से दूसरे राज्य और शहर जा रहे हैं.

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सूरत में काम करने वाले अनवर ने कहा, 'अगर बिहार में ही काम मिल जाता तो, उन्हें बाहर जाना नहीं पड़ता. लेकिन परिवार का पेट भरने के लिए कमाना जरूरी है. इसलिए बाहर जा रहे हैं.'

Last Updated : Jun 7, 2021, 1:52 PM IST
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