नई दिल्ली : खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भारत की नोडल संस्था, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने 1 लाख से अधिक नई विनिर्माण और सेवा इकाइयों की स्थापना में मदद की है. जिसके परिणामस्वरूप प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 8.25 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ. KVIC ने इस उपलब्धि को हासिल किया भले ही देश पिछले वित्तीय वर्ष में तीन महीने के लिए आंशिक रूप से बंद रहा हो.2008 में पीएमईजीपी योजना के शुभारंभ के बाद से यह पहली बार है जब केवीआईसी ने एक वित्तीय वर्ष में एक लाख से अधिक नई इकाइयां स्थापित की हैं.
ये 1,03,219 इकाइयां लगभग 12,000 करोड़ रुपये की कुल पूंजी पर स्थापित की गई हैं जिसमें से केवीआईसी ने 2,978 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया और बैंक ऋण प्रवाह लगभग 9,000 करोड़ रुपये था. पिछले वित्तीय वर्ष में केवीआईसी द्वारा दी गई 2,978 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी भी 2008 के बाद से सर्वाधिक है. केवीआईसी ने ईटीवी भारत को भेजे एक बयान में कहा, "देश भर में 8,25,752 नए रोजगार सृजित हुए, जो पीएमईजीपी के तहत अब तक का सबसे अधिक है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में रोजगार सृजन और इकाई स्थापना के मुकाबले पीएमईजीपी के तहत सृजित इकाइयों और रोजगार की संख्या में 39% की वृद्धि हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में सब्सिडी राशि में भी 36% की वृद्धि देखी गई है. 2014-15 से पीएमईजीपी के तहत स्थापित इकाइयों की संख्या में 114% का इजाफा हुआ है जबकि इसी अवधि के दौरान रोजगार सृजन में 131% की वृद्धि हुई है. इसी तरह वितरित सब्सिडी की राशि में भी वर्ष 2021-22 में 165% की वृद्धि हुई.
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि कोविड -19 महामारी के मद्देनजर स्थानीय विनिर्माण और स्वरोजगार पर इस बड़े जोर ने चमत्कार किया है. बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और प्रवासियों को पीएमईजीपी के तहत स्वरोजगार गतिविधियों के लिए प्रेरित किया गया. इसके अलावा परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने के लिए एमएसएमई मंत्रालय और केवीआईसी द्वारा लिए गए नीतिगत फैसलों ने केवीआईसी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करने में मदद की.
केवीआईसी ने हाल के वर्षों में पीएमईजीपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई पहल की हैं. 2016 में KVIC ने PMEGP के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लांच किया था. 2016 से पूर्व आवेदनों को मैन्युअल दाखिला किया जाता था और औसतन सालाना केवल 70,000 आवेदन ही प्राप्त होते थे. ऑनलाइन पोर्टल के लागू होने के बाद केवीआईसी को औसतन 4 लाख आवेदन प्रति वर्ष प्राप्त होते हैं. पीएमईजीपी पोर्टल आवेदकों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के अपने आवेदनों को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है. इसके अलावे केवीआईसी ने सभी पीएमईजीपी इकाइयों की जियो-टैगिंग भी शुरू कर दी है ताकि किसी भी समय इकाइयों की वास्तविक भौतिक स्थिति और उनके प्रदर्शन को जांचा जा सके. अब तक 1 लाख से अधिक पीएमईजीपी इकाइयों को जियो-टैग किया जा चुका है. यह किसी भी व्यक्ति को मोबाइल ऐप का उपयोग करके पीएमईजीपी इकाइयों का पता लगाने में सक्षम बनाता है.
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