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नेताओं के आश्वासन के बाद भी आदिवासी कुर्मी प्रदर्शनकारियों का नाकेबंदी वापस लेने से इनकार

पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय के लोगों ने अपने नेता अजीत महतो की नाकेबंदी वापस लेने की घोषणा के बाद भी नाकेबंदी को वापस लेने के मना कर दिया है. प्रदर्शनकारी कस्तौर रेलवे स्टेशन पर डटे हुए हैं.

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Published : Sep 24, 2022, 9:29 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 9:38 PM IST

Kurmi community people refuse to withdraw blockade
आदिवासी कुर्मी समुदाय के लोगों का नाकेबंदी वापस लेने से इनकार

पुरुलिया : पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार किया है. बता दें कि शनिवार की सुबह आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत प्रसाद महतो (Ajit Prasad Mahato) ने नाकाबंदी वापस लेने की घोषणा की थी, इससे स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले थे. लेकिन इसके तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार कर दिया और अभी भी कस्तौर रेलवे स्टेशन पर कतार में बैठे हुए हैं.

रेल पटरियों पर बैठे आंदोलनकारी
रेल पटरियों पर बैठे आंदोलनकारी

इस बैठक में जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे. इस अवसर पर आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत महतो ने कहा कि यह चर्चा संतोषजनक थी, इसलिए हम नाकेबंदी वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं स्टेशन जाकर सार्वजनिक रूप से नाकेबंदी वापस लेने की घोषणा करूंगा, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हालांकि उन्होंने प्रशासनिक आश्वासन के साथ नाकेबंदी वापस लेने का वादा किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे.

बता दें कि छोटानागपुर टोटेमिक कुर्मी महतो समुदाय ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में सूचीबद्ध करने, सरना धर्म की मान्यता सहित कई मांगों पर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में अनिश्चितकालीन रेल रोको और सड़क नाकेबंदी का आह्वान किया था. इस वजह से क्षेत्र में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो रहा है.

ये भी पढ़ें - पश्चिम बंगाल: कुर्मी समुदाय के आंदोलन से रुकी ट्रेनों की रफ्तार, राजमार्ग भी घेरा

पुरुलिया : पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार किया है. बता दें कि शनिवार की सुबह आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत प्रसाद महतो (Ajit Prasad Mahato) ने नाकाबंदी वापस लेने की घोषणा की थी, इससे स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले थे. लेकिन इसके तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार कर दिया और अभी भी कस्तौर रेलवे स्टेशन पर कतार में बैठे हुए हैं.

रेल पटरियों पर बैठे आंदोलनकारी
रेल पटरियों पर बैठे आंदोलनकारी

इस बैठक में जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे. इस अवसर पर आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत महतो ने कहा कि यह चर्चा संतोषजनक थी, इसलिए हम नाकेबंदी वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं स्टेशन जाकर सार्वजनिक रूप से नाकेबंदी वापस लेने की घोषणा करूंगा, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हालांकि उन्होंने प्रशासनिक आश्वासन के साथ नाकेबंदी वापस लेने का वादा किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे.

बता दें कि छोटानागपुर टोटेमिक कुर्मी महतो समुदाय ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में सूचीबद्ध करने, सरना धर्म की मान्यता सहित कई मांगों पर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में अनिश्चितकालीन रेल रोको और सड़क नाकेबंदी का आह्वान किया था. इस वजह से क्षेत्र में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो रहा है.

ये भी पढ़ें - पश्चिम बंगाल: कुर्मी समुदाय के आंदोलन से रुकी ट्रेनों की रफ्तार, राजमार्ग भी घेरा

Last Updated : Sep 24, 2022, 9:38 PM IST
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