पुरुलिया : पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार किया है. बता दें कि शनिवार की सुबह आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत प्रसाद महतो (Ajit Prasad Mahato) ने नाकाबंदी वापस लेने की घोषणा की थी, इससे स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले थे. लेकिन इसके तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने नाकेबंदी वापस लेने से इनकार कर दिया और अभी भी कस्तौर रेलवे स्टेशन पर कतार में बैठे हुए हैं.
इस बैठक में जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे. इस अवसर पर आदिवासी कुर्मी समुदाय के नेता अजीत महतो ने कहा कि यह चर्चा संतोषजनक थी, इसलिए हम नाकेबंदी वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं स्टेशन जाकर सार्वजनिक रूप से नाकेबंदी वापस लेने की घोषणा करूंगा, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हालांकि उन्होंने प्रशासनिक आश्वासन के साथ नाकेबंदी वापस लेने का वादा किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे.
बता दें कि छोटानागपुर टोटेमिक कुर्मी महतो समुदाय ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में सूचीबद्ध करने, सरना धर्म की मान्यता सहित कई मांगों पर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में अनिश्चितकालीन रेल रोको और सड़क नाकेबंदी का आह्वान किया था. इस वजह से क्षेत्र में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो रहा है.
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