श्रीनगर: कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का एक परिवार अपने बेटे की वापसी की मांग कर रहा है. परिवार का आरोप है कि उनके बेटे को स्थानीय सेना इकाई ने उठाया था. बेटा उनकी हिरासत में गायब हो गया है. हालांकि, सेना ने परिवार को बताया कि राशिद उनकी हिरासत से 'भाग गया', जबकि पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.
30 वर्षीय अब्दुल राशिद डार के परिजनों ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और सेना से अपने बेटे को उन्हें सौंपने का आग्रह किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मामले में हस्तक्षेप करने की भी अपील की.
राशिद के बड़े भाई हिलाल अहमद डार ने कहा कि 41 आरआर कैंप के जवानों ने 15 दिसंबर की शाम कुनन गांव में उनके घर पर छापा मारा और राशिद को उठा लिया. हिलाल ने कहा कि 'सेना ने मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे बिना पुलिस और सरपंच के हमारे घर पर छापा मारा. राशिद खाना खा रहा था वह लोग उसे उठा ले गए. सेना ने कहा कि राशिद से पूछताछ करनी है.'
उन्होंने कहा कि उस दिन से उनके भाई को सेना ने नहीं सौंपा उनका कहना है कि राशिद उनकी हिरासत से भाग गया है. उनका कहना है कि 'इतने बड़े सैन्य शिविर से सैनिकों के बीच से कोई कैसे भाग सकता है.'
एसएसपी कुपवाड़ा युगल मन्हास ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सेना के कोर कमांडर से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
उन्होंने ट्वीट किया, 13 दिसंबर को सेना द्वारा हिरासत में लिया गया एक युवक कथित तौर पर उनकी हिरासत से भाग गया और अब लापता है. सेना की हिरासत से एक नागरिक के लापता होने से चिंता है. कोर कमांडर से कृपया हस्तक्षेप करने का अनुरोध करें.'
दर्जनों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर के लालचौक में सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और राशिद डार को परिवार को सौंपने की मांग की. एक राजनीतिक कार्यकर्ता सुहैल खान ने कहा, 'हम सेना से राशिद डार को रिहा करने और उसे उसके परिवार को लौटाने की अपील करते हैं. अगर सेना उसे वापस नहीं सौंपती है, तो हम विरोध तेज करेंगे.'
इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर श्रीनगर सेना के प्रवक्ता इमरान मौसवी ने कहा कि वह 'विवरण के साथ मीडिया बात करेंगे, हालांकि, उन्होंने बाद में कोई जवाब नहीं दिया है.
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