कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा डैम के बंद पड़े गेट को खोलने का कार्य लगातार किया जा रहा है. एनडीआरएफ की टीम भी इस पूरे मामले में प्रोजेक्ट प्रबंधन की मदद कर रही है, लेकिन अभी तक डैम के गेट नहीं खोले जा सके हैं. हालांकि नाले में पानी की स्थिति अब पहले के मुकाबले सामान्य है और पानी से किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है, लेकिन अगर बारिश होती है तो स्थिति गंभीर हो सकती है. मौसम खराब होने की चेतावनी को लेकर जिला प्रशासन इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है.
गाद जमा होने से बंद हुए डैम के गेट: मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को गाद जमा होने के चलते डैम के गेट बंद हो गए थे और डैम में पानी ऊपर से बहने लगा था. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी इसकी सूचना जारी कर दी गई थी. बीते सोमवार को मलाणा में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चरण 2 के डैम के गेट गाद होने के कारण बंद हो गए. डैम से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. ऐसे में डैम के टूटने की भी आशंका बन गई थी. जिसे देखते हुए कुल्लू प्रशासन द्वारा पार्वती नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया.
डैम के गेट खोलने में जुटी NDRF टीम: वहीं, एनडीआरएफ टीम और प्रोजेक्ट प्रबंधन गाद के कारण डैम के बंद पड़े गेटों को खोलने का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि डैम में लगभग 30 क्यूसेक पानी है. जिसके चलते अभी फिलहाल के लिए घबराने की बात नहीं है. एनडीआरएफ की टीम भी लगातार डैम के गेट खोलने की कोशिश में लगी हुई है. हालांकि जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिया, हाथी थान सहित पार्वती नदी के किनारे के गांव जैसे जरी से भुतंर तक खाली करवाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
ये इलाके करवाए खाली: गौरतलब है कि 100 मेगावाट की क्षमता का यह डैम मलाणा की पहाड़ी पर बना हुआ है. वहीं, पार्वती नदी के किनारे कई गांवों बसे हैं. ऐसे में जरी, भुंतर, बजौरा में भी ब्यास नदी के किनारे सैकड़ों रिहायशी इलाके हैं. अगर हाइड्रो प्रोजेक्ट का यह मलाणा डैम टूटता है तो इससे कई लोगों आशियाने तबाह हो जाएंगे. इसलिए प्रशासन ने लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, हिमाचल में भारी बारिश को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. जिसके चलते नदी नालों के करीब जाने से सख्त मनाही है.
अभी स्थिति सामान्य: डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि एनडीआरएफ व प्रशासन की टीम मौके पर तैनात है. बाढ़ के चलते सड़क बह गई है. जिसके कारण दूसरी और पहुंचना मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब प्रोजेक्ट प्रबंधन के मेन कार्यालय की ओर पहुंचने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहां से गेट को खोलने का भी कार्य प्रोजेक्ट प्रबंधन व एनडीआरएफ की टीम द्वारा किया जाएगा. फिलहाल स्थिति बिल्कुल सामान्य है और खतरे की कोई बात नहीं है.
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