शिमला: हिमाचल में आई आपदा अपने साथ करोड़ों की संपत्ति बहा ले गई. आपदा में अब तक 348 लोगों की जान जा चुकी है. आसमान से बरसती आफत ने पूरे प्रदेश को तहस-नहस कर दिया है. आलम ये है कि एक माह पहले लोगों के लिए खोली गई किरतपुर-मनाली फोरलेन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है. भारी बारिश और लैंडस्लाइड से फोरलेन की सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है. जिसकी वजह से हजारों गाड़ियां जहां-तहां फंसी पड़ी है. बजौरा में करीब 500 छोटे-बड़े वाहन फंसे हुए हैं. वहीं, थलौट में गाड़ियां फंसने फल सब्जियां सड़ने लगी है. जिससे मजबूर होकर ड्राइवर फल सब्जियों को ब्यास नदी में फेंक रहे हैं.
एक माह पहले खुला फोरलेन क्षतिग्रस्त: गौरतलब है कि पिछले ही महीने हिमाचल की महत्वकांझी सड़क परियोजनाओं में से एक किरतपुर-मनाली फोरलेन को लोगों के लिए खोला गया था. 11 सालों में 1500 करोड़ से बनी इस फोरलेन को किरतपुर से नेरचौक तक खोला दिया गया है, लेकिन भारी बारिश से यह फोरलेन पर जगह-जगह लैंडस्लाइड होने और सड़क में आई बड़ी-बड़ी दरारों से इसकी निर्माण और गुणवत्ता पर सवाल खड़े होंने लगे हैं. ट्रक चालकों और स्थानीय लोगों ने किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण को लेकर एनएचएआई पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुणचारी ने बताया कि बारिश के कारण फोरलेन की जो हालत हुई है, उसे सुधारने के लिए एनएचएआई के एक्सपर्ट की एक टीम यहां पर दौरा करने आएगी. उस टीम द्वारा जो सुझाव दिए जाएंगे, उन्हीं पर काम किया जाएगा. फोरलेन को अस्थायी तौर पर बहाल करने का कार्य जारी है.
कुल्लू-मंडी को जोड़ने वाली सड़कें बाधित: जिला कुल्लू और मंडी को जोड़ने वाली किरतपुर मनाली फोरलेन और कुल्लू कटोला संपर्क मार्ग दोनों सड़क मार्ग बीते 3 दिनों से बंद हैं. जिसकी वजह से 500 से अधिक गाड़ियां बजौरा में फंसी हुई हैं. ट्रक ड्राइवर लाहौल और कुल्लू से फल-सब्जियां लेकर बाहरी मंडियों की ओर निकले थे, लेकिन सड़क मार्ग बाधित होने के चलते हुए अब यहां पर फंस गए हैं. तीन दिनों से फंसे होने के कारण वाहन में रखी सब्जी और फल खराब होने लगे हैं. थलोट में फंसे जीप ड्राइवरों ने फल व सब्जियों को ब्यास नदी में बहा दिया. साथ ही सड़क बंद होने से नाराज ड्राइवरों ने एनएचएआई के खिलाफ भी अपना रोष व्यक्त किया.
रोड बंद होने से सड़कों पर फंसी गाड़ियां: ड्राइवरों ने कहा एनएचएआई और जिला प्रशासन सड़क बहाली के कार्य में ढील बरत रहा है. इसका खामियाजा किसानों, बागवानों, व्यापारी और गाड़ी ड्राइवरों को भुगतना पड़ रहा है. वाहन चालक सुरजीत, आसिफ और मनजीत ने कहा कि तीन दिनों से वह लोग यहां पर फंसे हुए हैं, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है. जीप और ट्रकों में रखी फल-सब्जियां अब खराब हो गई है. व्यापारी और किसानों को भी इसका लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में अधिकतर वाहन चालकों ने फलों और सब्जियों को ब्यास नदी में फेंक दिया है. ड्राइवर लोग अब सड़क बहाली का इंतजार कर रहे हैं.
व्यापारियों में सड़क बंद होने से नाराजगी: व्यापारी रमेश कुमार, युसूफ और गुरिंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने अभी भी जिला कुल्लू और लाहौल में कई जगहों में फल-सब्जियां खरीदी है. अगर इसी तरह से सड़क मार्ग बाधित रहा तो, उन्हें लाखों रुपए का नुकसान उठाना होगा. अब सरकार और प्रशासन को चाहिए कि कृषि व सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए सड़क बहाली का कार्य तेजी से किया जाए.
इन जगहों पर फंसी हैं गाड़ियां: मंडी जिले में बजौरा वाया कटोला सड़क पर करीब 300 छोटे बड़े गाड़ियां, मंडी के 4 मिल में करीब 70 ट्रक, नागचला डडौर फोरलेन पर करीब 300 ट्रक और गुड्स व्हीकल्स, जिनको कल्लू की तरफ जाना है, सब फंसे पड़े हैं. क्योंकि इन सब जगहों पर अब और गाड़ियां खड़ी करने की जगह नहीं बची है. इसलिए सुंदर नगर के डैहर क्षेत्र में नाका लगा दिया गया है, वहां पर करीब 400 गाड़ियों को खड़ा करने की क्षमता है, अभी करीब 70 गुड्स व्हीकल खड़े हो चुके हैं. यदि यह जगह भी भर जाता है तो, जिला बिलासपुर में गाड़िया खड़ी करने के लिए नई जगह चिन्हित की जाएगी. क्योंकि नीचे से आने वाले पैसेंजर और गुड्स व्हीकल की संख्या बढ़ती जा रही है.
मालवाहक गाड़ियों को सड़क खुलने का इंतजार: 70 से ज्यादा पुलिसकर्मी केवल वाहनों को रोकने के लिए इन स्थानों पर तैनात किए गए हैं. करीब 2000 लाइट मोटर पैसेंजर व्हीकल कारें और जीपें सुंदरनगर बल्ह मंडी क्षेत्र में खड़े वाहनों की लाइनों से हटकर इधर-उधर फैल गए हैं, कल्लू की तरफ जाने वाली सड़क खुलने का इंतजार कर रहे है. इसके अलावा चंडीगढ़, दिल्ली और अन्य शहरों में सैकड़ों की संख्या में मालवाहक वाहन इंतजार कर रहे हैं, जो सड़क खुलने की खबर मिलते ही मंडी की तरफ चल पड़ेंगे.
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