तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) के विधायक केटी जलील (MLA KT Jaleel) द्वारा सोशल मीडिया पर कश्मीर पर की गयी हालिया विवादित टिप्पणियों को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' और 'पूरी तरह अस्वीकार्य' बताया. खान ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह न केवल अस्वीकार्य है बल्कि मुझे आश्चर्य है कि क्या ये टिप्पणियां किसी साहित्य को पढ़ने या कुछ जानने के बाद की गयी या सिर्फ अज्ञानता में की गयीं. मुझे नहीं पता.'
उन्होंने कहा, 'मुझे इस तरह की टिप्पणी के लिए बहुत दुख है. यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. मुझे इस प्रकार की टिप्पणियों से दुख होता है. क्या हमें अपनी आजादी की अहमियत का अहसास है? क्या हमें अपनी राष्ट्रीय अखंडता का महत्व नहीं मालूम? हम इस तरह की बात कैसे कर सकते हैं?' जलील कुछ निजी वजहों से रविवार सुबह केरल लौटे हैं. माकपा विधायक ए सी मोइदीन ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि जलील घर से एक फोन आने के बाद सुबह केरल लौट गए.
जलील द्वारा की गयी टिप्पणियों पर मोइदीन ने कहा कि उनका रुख उनकी पार्टी की तरह है. माकपा ने पूर्व मंत्री की टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा कि यह पार्टी की राय नहीं है. गौरतलब है कि कश्मीर के संबंध में सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद जलील ने शनिवार को कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया. अपना बयान वापस लेने से कुछ घंटे पहले जलील ने एक और पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने बयान का अर्थ नहीं समझने का दोष आलोचकों पर मढ़ा.
जलील की टिप्पणी का कई लोगों ने, खासतौर पर भाजपा नेताओं ने विरोध किया था. जलील ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख 'भारत अधीन जम्मू-कश्मीर' और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का उल्लेख 'आजाद कश्मीर' के तौर पर किया था. केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि केरल सरकार यह न सोचें कि जलील के टिप्पणियां वापस लेने से यह मामला खत्म हो गया है.
इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने तिरुवनंतपुर के पुलिस आयुक्त के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराते हुए विधायक जलील के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. एबीवीपी के राज्य सचिव एनसीटी श्रीहरि ने 12 अगस्त को पुलिस आयुक्त को शिकायत भेजी. जलील ने इसी दिन अपने फेसबुक पेज पर विवादित टिप्पणियां की थीं. शिकायतकर्ता ने दलील दी कि टिप्पणियां राष्ट्र-विरोधी हैं क्योंकि इनका देश की एकता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
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