तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस ने उन खबरों का खंडन कर दिया है, जिसमें के. सुधाकरन के इस्तीफे की बात कही गई थी. मीडिया में यह खबरें आई थी कि आरएसएस के समर्थन में टिप्पणी करने के बाद अनुभवी नेता के. सुधाकरन ने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है. हालांकि, नेता ने ऐसा कोई पत्र लिखे जाने से इनकार किया.
मीडिया की आलोचना करते हुए केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीसन ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया अनैतिक कृत्यों का सहारा ले रही है. सतीसन ने कहा, पिनाराई विजयन सरकार इतने सारे घोटालों के बीच फंसी हुई है और उसे नीचा दिखाने के लिए कांग्रेस को निशाना बनाकर निराधार खबरें फैलाई जा रही हैं. हमारी पार्टी में कोई मुद्दा नहीं है और किसी को फर्जी खबरें चलाकर मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है. अगर आपको लगता है कि इस तरह की खबरों से हमारी साख पर चोट लगेगी तो आप बिल्कुल गलत हैं. इससे मीडिया की साख को झटका लगेगा.
विपक्ष के पूर्व नेता रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट रूप से इन खबरों को खारिज कर कहा कि हर कोई सुधाकरन के साथ है और पार्टी एकजुट है. पार्टी में कोई मुद्दा नहीं है. सुधाकरन ने हाल ही में आरएसएस के समर्थन में टिप्पणी कर पार्टी में हलचलें तेज कर दी थी.
मीडिया में क्या आई थी खबरें - सूत्रों के अनुसार, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे पत्र में, वरिष्ठ नेता ने विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन से समर्थन नहीं मिलने का हवाला देते हुए अपना पद छोड़ने की पेशकश की. सूत्रों ने कहा कि इस्तीफा देने की इच्छा के पीछे एक और कारण है, जो उन्होंने पत्र में लिखा, वह है- उनका बिगड़ता स्वास्थ्य.
सोमवार को बाल दिवस के अवसर पर, सुधाकरन ने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जनसंघ के संस्थापक और आरएसएस नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति जताकर लोकतंत्र की खातिर सांप्रदायिक फासीवादियों के साथ समझौता किया था. इसके अलावा, 9 नवंबर को, उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वामपंथी ताकतों के दबाव में आकर उनके गृह नगर-कन्नूर में आरएसएस के कार्यालयों की रक्षा की थी. इस पर बाद में, उन्होंने सफाई के तौर पर कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी, लेकिन तब तक उनकी पार्टी के लोगों के दिल्ली में एआईसीसी कार्यालय को ईमेल कर दिया था.
(आईएएनएस)