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Karnataka result : कांग्रेस के डीके शिवकुमार की बड़ी जीत, राजनीतिक सफर पर डालिए नजर

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Published : May 13, 2023, 12:43 PM IST

Updated : May 13, 2023, 10:49 PM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं. कनकपुरा सीट से केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने बाजी मारी है. भाजपा के आर अशोक चुनाव हार गए हैं. आइए नजर दौड़ाते हैं डीके शिवकुमार (DK Sivakumar) के सफर पर.

D K Shivakumar won
कनकपुरा सीट से केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार जीते

रामनगर (कर्नाटक): कनकपुरा सीट से केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार को करीब 75 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं, उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की है. डोड्डा अलाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार (डीके शिवकुमार) राज्य की राजनीति में अपने करिश्मे के साथ एक लोकप्रिय नेता हैं. वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं और वोक्कालिगा समुदाय के एक प्रभावशाली नेता हैं. कांग्रेस आलाकमान के साथ उनके अच्छे संबंध हैं और मुख्यमंत्री बनने की सूची में भी वे पहले नंबर पर हैं.

व्यक्तिगत परिचय: शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को कनकपुर तालुक के डोड्डा अलाहल्ली गांव के केम्पेगौड़ा और गौरम्मा के यहा हुआ था. 1993 में उषा से शादी करने वाले शिवकुमार की तीन संतान हैं, ऐश्वर्या, अभ्रना और आकाश. भाई डीके सुरेश भी राजनीति में सक्रिय हैं और बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के सांसद हैं. शिवकुमार वर्तमान में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं और उन्होंने कनकपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा.

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शिवकुमार जीते

डीके का सफर: 1989 में उन्होंने सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतकर निर्वाचन क्षेत्र में जेडीएस सत्ता के प्रभाव को कम किया. 1991 में, डीके शिवकुमार ने एस बंगारप्पा के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाद में वह बंगारप्पा कैबिनेट में मंत्री बने.

1999 के चुनावों में सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए, वह एसएम कृष्णा कैबिनेट में सहकारिता मंत्री बने. 2002 में शहरी विकास मंत्री के रूप में कार्य किया. 2008 में, वे निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्वितरण के बाद कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र में आए. वह 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में कनकपुर से लगातार जीते. 2013 में सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और ऊर्जा पोर्टफोलियो का कार्यभार संभाला. वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में जल संसाधन और कन्नड़ और संस्कृति मंत्री थे.

छात्र राजनीति से शुरू किया था सफर : डीके शिवकुमार ने 1980 के दशक की शुरुआत में एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. वह धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी के रैंकों के माध्यम से ऊपर उठे. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1989 में जीता जब वे मैसूर जिले के सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान सभा के लिए चुने गए. तब उनकी उम्र महज 27 साल थी. कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र के गठन के बाद, उन्होंने लगातार जीत हासिल की और प्रभुत्व स्थापित किया. उन्हें 2018 के चुनावों के बाद कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल गठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है.

डीके शिवकुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के भी करीबी हैं. वह भारत के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं. 2018 के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने कुल 840 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. फिलहाल उन्होंने 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है.

पढ़ें- ये हैं कर्नाटक की सबसे हाई प्रोफाइल सीटें, डीके शिवकुमार जीते, बोम्मई और प्रियांक आगे, जानें अन्य वीआईपी सीटों पर कौन आगे, कौन पीछे

रामनगर (कर्नाटक): कनकपुरा सीट से केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार को करीब 75 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं, उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की है. डोड्डा अलाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार (डीके शिवकुमार) राज्य की राजनीति में अपने करिश्मे के साथ एक लोकप्रिय नेता हैं. वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं और वोक्कालिगा समुदाय के एक प्रभावशाली नेता हैं. कांग्रेस आलाकमान के साथ उनके अच्छे संबंध हैं और मुख्यमंत्री बनने की सूची में भी वे पहले नंबर पर हैं.

व्यक्तिगत परिचय: शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को कनकपुर तालुक के डोड्डा अलाहल्ली गांव के केम्पेगौड़ा और गौरम्मा के यहा हुआ था. 1993 में उषा से शादी करने वाले शिवकुमार की तीन संतान हैं, ऐश्वर्या, अभ्रना और आकाश. भाई डीके सुरेश भी राजनीति में सक्रिय हैं और बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के सांसद हैं. शिवकुमार वर्तमान में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं और उन्होंने कनकपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा.

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शिवकुमार जीते

डीके का सफर: 1989 में उन्होंने सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतकर निर्वाचन क्षेत्र में जेडीएस सत्ता के प्रभाव को कम किया. 1991 में, डीके शिवकुमार ने एस बंगारप्पा के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाद में वह बंगारप्पा कैबिनेट में मंत्री बने.

1999 के चुनावों में सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए, वह एसएम कृष्णा कैबिनेट में सहकारिता मंत्री बने. 2002 में शहरी विकास मंत्री के रूप में कार्य किया. 2008 में, वे निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्वितरण के बाद कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र में आए. वह 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में कनकपुर से लगातार जीते. 2013 में सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और ऊर्जा पोर्टफोलियो का कार्यभार संभाला. वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में जल संसाधन और कन्नड़ और संस्कृति मंत्री थे.

छात्र राजनीति से शुरू किया था सफर : डीके शिवकुमार ने 1980 के दशक की शुरुआत में एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. वह धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी के रैंकों के माध्यम से ऊपर उठे. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1989 में जीता जब वे मैसूर जिले के सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान सभा के लिए चुने गए. तब उनकी उम्र महज 27 साल थी. कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र के गठन के बाद, उन्होंने लगातार जीत हासिल की और प्रभुत्व स्थापित किया. उन्हें 2018 के चुनावों के बाद कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल गठबंधन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है.

डीके शिवकुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के भी करीबी हैं. वह भारत के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं. 2018 के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने कुल 840 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. फिलहाल उन्होंने 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है.

पढ़ें- ये हैं कर्नाटक की सबसे हाई प्रोफाइल सीटें, डीके शिवकुमार जीते, बोम्मई और प्रियांक आगे, जानें अन्य वीआईपी सीटों पर कौन आगे, कौन पीछे

Last Updated : May 13, 2023, 10:49 PM IST
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