तिरुवंनतपुरम : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के हफ्तों बाद केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन के पद से इस्तीफा देने की खबरें आ रही हैं. सूत्रों ने बताया कि आठ बार सांसद रहे रामचंद्रन ने इस्तीफा देने की इच्छा जताई है, लेकिन दिल्ली में पार्टी नेतृत्व ने उनसे नए अध्यक्ष के चुने जाने तक पद पर बने रहने को कहा है.
कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया, रामचंद्रन ने उसी दिन पद छोड़ने की इच्छा जताई थी जिस दिन रमेश चेन्नीथला को विपक्ष के नेता पद से हटाया गया था. अब उन्होंने लिखित में इस्तीफा दे दिया है. मेरी समझ के मुताबिक आलाकमान ने उन्हें नया अध्यक्ष चुने जाने तक पद पर बने रहने को कहा है. रामचंद्रन से इस पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया.
वरिष्ठ नेता ने यह कदम तब उठाया है जब अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) ने विधानसभा में विधायक दल के नेता के तौर पर वरिष्ठ नेता वी डी सतीशन को नामांकित कर दिया. वह रमेश चेन्नीथला का स्थान लेंगे जो पिछले पांच साल से सदन में पार्टी की अगुवाई कर रहे थे. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि विपक्ष के नेता पद के बाद केपीसीसी प्रमुख को भी बदला जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय नेतृत्व जमीनी स्तर से लेकर पार्टी की प्रदेश ईकाई में पूरी तरह बदलाव करना चाहता है.
छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस-यूडीएफ के महज 41 सीटें ही जीतने के बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक समूह विशेष तौर पर युवा कांग्रेस के सदस्य राज्य में पार्टी के नेतृत्व में पूरी तरह बदलाव की मांग कर रहे हैं. रामचंद्रन के इस्तीफे की खबरें आने के बाद चेन्नीथला ने अपने फेसबुक पेज पर 76 वर्षीय नेता के योगदानों की तारीफ की और उन्हें 'गैर-भ्रष्ट नेता' बताया. उन्होंने याद दिलाया कि रामचंद्रन के नेतृत्व में ही पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 20 में से 19 सीटें मिली थीं. उन्होंने कहा कि उस समय किसी ने भी उन्हें बधाई नहीं दी.
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चेन्नीथला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि विधानसभा चुनावों में पार्टी की विफलता के लिए केवल मुल्लापल्ली रामचंद्रन ही जिम्मेदार हैं. मेरा मानना है कि उनसे कहीं ज्यादा मैं, पूर्व मुख्यमंत्री उम्मन चांडी और अन्य नेता हार के लिए जिम्मेदार हैं. कन्नूर से वरिष्ठ नेता के. सुधाकरण केपीसीसी प्रमुख के पद के अहम दावेदारों में से एक हैं. वह मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के कटु आलोचक माने जाते हैं.