कोझिकोड (केरल): ट्रेन में आगजनी मामले के आरोपी शाहरुख सैफी को कोर्ट ने 11 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. कोर्ट ने पुलिस के द्वारा 14 दिनों की हिरासत मांगे जाने के अनुरोध को खारिज कर दिया. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में कार्यवाही पूरी की गई. आरोपी को गुरुवार को केरल पुलिस महाराष्ट्र के रत्नागिरी से केरल लेकर आई थी. इस दौरान हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जांच करवाई.
शाहरुख सैफी की मेडिकल रिपोर्ट जारी की गई कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति संतोषजनक है. लिवर फंक्शन टेस्ट सामान्य थे. एलएफटी रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या नहीं है. मेडिकल बोर्ड ने रिमांड पर लिए गए आरोपी को अस्पताल से छुट्टी देने का फैसला किया है. शाहरुख सैफी को आज जेल शिफ्ट किया जाएगा. जांच टीम आज कोर्ट में कस्टडी अर्जी दाखिल करने के लिए चल रही है. बता दें कि आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया तो एनआईए की टीम भी कोर्ट पहुंच गई. इस बीच मामले में रेलवे पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 302 हत्या को भी शामिल किया गया है.
दूसरी तरफ विस्तृत पूछताछ के बाद, जांच दल का लक्ष्य पहले अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस की डी1 और डी2 बोगियों में ले जाकर सबूत इकट्ठा करना है, जिसमें आग लगा दी गई थी. फॉरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी के शरीर पर चोट के निशान चार दिन पुराने हैं. जांच दल ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि चोट चलती ट्रेन से गिरने के कारण लगी होगी. पुलिस ने कल इसकी पुष्टि करते हुए बयान दर्ज किया.
आरोपी अजमेर जाने की कोशिश में रत्नागिरी से पहले खेड़ा में ट्रेन से नीचे गिर गया था. यहां मुख्य चिंता यह है कि क्या किसी ने उसे धक्का देकर बाहर कर दिया और उसे सफल बनाने की कोशिश की. चोट की रिपोर्ट के साथ आगे की पूछताछ में यह पता चल सकता है कि उसके साथ सह-अपराधी हैं या नहीं. मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि जलने की चोट बहुत मामूली है और एक फीसदी से भी कम है.
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आपको बता दें कि अलाप्पुझा कन्नूर एक्सप्रेस ट्रेन में 2 अप्रैल की घटना के बाद से संदिग्ध आरोपी फरार हो गया था. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कथित तौर पर कहासुनी के बाद शख्स ने एक यात्री को आग के हवाले कर दिया था. इस आजगनी में कम से कम आठ यात्री झुलस गए थे.