तिरुपति : सीखना सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे हर चीज में महारत हासिल हो गई है. यह बात रविवार को यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही.
यहां से करीब 130 किलोमीटर दूर मदनपल्ले में श्री एम. के सत्संग फाउंडेशन आश्रम में योग प्रशिक्षकों एवं शिक्षकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है और उनसे उबरने में योग लाभदायक है.
राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं हर किसी को एक बात की सलाह देता हूं, आप जीवन को स्कूल की तरह लें.' उन्होंने कहा, 'अगर आप सीखना जारी रखते हैं और हर कोई सीखने का प्रयास करता है...अगर कोई कहता है कि उसे पूरा विश्वास है और मुझे कुछ नहीं सीखना है तथा मेरा व्यक्तित्व पूर्ण है तो यह गलत धारणा है.'
उन्होंने प्रशिक्षुओं से बात की और योग कक्षाओं के उनके निजी अनुभवों के बारे में जानकारी ली.
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इससे पहले राष्ट्रपति पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर हेलीकॉप्टर से मदनपल्ले पहुंचे जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी ने अपनी कैबिनेट के कुछ सहयोगियों के साथ उनका स्वागत किया.