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अकबर ने भी जारी किया था भगवान राम पर सिक्का, सोने की मोहर व चांदी का रुपया भी

Akbar Coins On Ram, कोटा के न्यूमिसमैटिस्ट शैलेश जैन का कहना है कि अकबर ने अपने 50 साल के शासन में कई सिक्के जारी किए थे. इनमें कुछ सिक्के हिंदू देवी-देवताओं पर भी थे. यहां तक की भगवान राम पर भी जारी तीन सिक्कों की पहचान हुई है.

Akbar coins on Ram
राम पर अकबर ने जारी किए थे सिक्के
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 10:50 AM IST

राम पर अकबर ने जारी किए थे सिक्के...

कोटा. अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर उनका मंदिर बनकर तैयार है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को संपन्न होगी. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में अलग-अलग आयोजन भी हो रहे हैं. इस बीच कोटा के न्यूमिसमैटिस्ट (मुद्रा व सिक्कों के जानकार) एडवोकेट शैलेश जैन का दावा है कि भगवान श्री राम पर अकबर ने भी सिक्के जारी किए थे. जैन का कहना है कि अकबर ने कई अलग-अलग तरह की मुद्रा अपने 50 साल के शासन में जारी की थी. इनमें हिंदू देवी-देवताओं पर भी थी. इनमें से कुछ सिक्के भगवान श्रीराम, लक्ष्मणजी और माता सीता पर भी जारी किए गए थे. यह आज भी हमारे देश के म्यूजियम और सिक्कों का कलेक्शन करने वाले लोगों के पास है.

एडवोकेट शैलेश जैन बताते हैं कि वो बीते 30 सालों से न्यूमिसमैटिस्ट है. सिक्को के संग्रह के साथ भारतीय मुद्रा पर भी उन्होंने शोध किया है. उनके 50 से ज्यादा सिक्कों की प्रतियां कई जगह पर प्रकाशित भी हुई हैं. वहीं, 50 से ज्यादा सिक्कों की खोज भी उन्होंने की है. वे एक्जीबिशन में सिक्को की पहचान करने के लिए जाने जाते हैं.

Akbar coins on Ram
अकबर ने राम पर तीन सिक्के किए थे जारी

अकबर की राम अंकित 3 मुद्राओं की हुई पहचान : न्यूमिसमेटिस्ट एडवोकेट शैलेश जैन के पास करीब 10 हजार से ज्यादा सिक्कों का संग्रह है. इनमें तांबा, लोहा, मेटल से लेकर सोने और चांदी के भी सिक्के मौजूद है. जैन का कहना है कि अकबर ने अपने 50 साल के शासन में कई सिक्के जारी किए थे. इनमें कुछ सिक्के हिंदू देवी-देवताओं पर भी थे. यहां तक की भगवान राम पर भी जारी तीन सिक्कों की पहचान हुई है. इसमें अकबर ने चांदी का रुपया जारी किया था, जिस पर उर्दू में राम अंकित है.

इसके अलावा दो चर्चित सिक्के भी है, जिनमें आधा मोहर सोना और आधा रुपया चांदी पर जारी किया गया था. एडवोकेट जैन का कहना है कि अकबर का चांदी का रुपया उनके पास कलेक्शन में मौजूद है, जबकि दो दुर्लभ सिक्के थे जिनमें आधा चांदी की मोहर और आधा रुपया है.

इसे भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा : बिन बताए कार सेवा में अयोध्या गए थे सेठाराम, पुलिस ने नारे लगाते मुंह में मारी थी गोली

दिल्ली और वाराणसी में हैं दो सिक्के : एडवोकेट शैलेश जैन का कहना है कि उनके पास भगवान राम पर अकबर के शासन में चलाया गया एक सिक्का है, यह पंच मार्क कॉइन है, जबकि सोने की आधी मोहर और चांदी का आधा रुपया दोनों ही सिक्के काफी चर्चित है. इसमें सोने की आधी मोहर दिल्ली के नेशनल म्यूजियम और चांदी का आधा रुपया वाराणसी के भारत कला भवन में मौजूद है. इनमें नागरी भाषा में रामसिया लिखा है. इसके अलावा भगवान राम धनुष हाथ में लिए है और माता सीता के हाथ में फूल है. यह सिक्के अकबर ने अपने शासन के अंतिम वर्ष इलाही 50 में जारी किए थे. सोने की आधी मोहर पर जारी होने का समय इलाही 50 और महीना फरवरदिन लिखा हुआ है. इसी तरह से चांदी के आधे रुपए पर इलाही 50 और जारी होने का महीना अमरदाद है.

Akbar coins on Ram
अकबर के सिक्कों पर ऊर्दू में लिखा 'राम'

सेकुलर बना रहने की थी योजना : एडवोकेट जैन ने बताया कि अकबर का जन्म 1542 में हुआ था. वहीं 13 साल की उम्र में ही वह गद्दी पर बैठ गया था. ऐसे में वह 1556 में बादशाह बन गया था. उसने करीब 50 साल शासन किया है. 1605 तक उसका शासन रहा है. उसने दो चर्चित सिक्के अपने शासन के अंतिम वर्ष इलाही 50 में जारी किए थे. अकबर के शासनकाल के दौरान अधिकांश हिंदू लोग ही उसके साम्राज्य के अधीन रहते थे. कई हिंदू रियासतें भी उसके अधीन थी. ऐसे में वह सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और सभी के बीच सेकुलर बना रहने के लिए इस तरह के क्रियाकलाप करता था, ताकि जनता कभी विद्रोह नहीं करें.

राम पर अकबर ने जारी किए थे सिक्के...

कोटा. अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर उनका मंदिर बनकर तैयार है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को संपन्न होगी. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में अलग-अलग आयोजन भी हो रहे हैं. इस बीच कोटा के न्यूमिसमैटिस्ट (मुद्रा व सिक्कों के जानकार) एडवोकेट शैलेश जैन का दावा है कि भगवान श्री राम पर अकबर ने भी सिक्के जारी किए थे. जैन का कहना है कि अकबर ने कई अलग-अलग तरह की मुद्रा अपने 50 साल के शासन में जारी की थी. इनमें हिंदू देवी-देवताओं पर भी थी. इनमें से कुछ सिक्के भगवान श्रीराम, लक्ष्मणजी और माता सीता पर भी जारी किए गए थे. यह आज भी हमारे देश के म्यूजियम और सिक्कों का कलेक्शन करने वाले लोगों के पास है.

एडवोकेट शैलेश जैन बताते हैं कि वो बीते 30 सालों से न्यूमिसमैटिस्ट है. सिक्को के संग्रह के साथ भारतीय मुद्रा पर भी उन्होंने शोध किया है. उनके 50 से ज्यादा सिक्कों की प्रतियां कई जगह पर प्रकाशित भी हुई हैं. वहीं, 50 से ज्यादा सिक्कों की खोज भी उन्होंने की है. वे एक्जीबिशन में सिक्को की पहचान करने के लिए जाने जाते हैं.

Akbar coins on Ram
अकबर ने राम पर तीन सिक्के किए थे जारी

अकबर की राम अंकित 3 मुद्राओं की हुई पहचान : न्यूमिसमेटिस्ट एडवोकेट शैलेश जैन के पास करीब 10 हजार से ज्यादा सिक्कों का संग्रह है. इनमें तांबा, लोहा, मेटल से लेकर सोने और चांदी के भी सिक्के मौजूद है. जैन का कहना है कि अकबर ने अपने 50 साल के शासन में कई सिक्के जारी किए थे. इनमें कुछ सिक्के हिंदू देवी-देवताओं पर भी थे. यहां तक की भगवान राम पर भी जारी तीन सिक्कों की पहचान हुई है. इसमें अकबर ने चांदी का रुपया जारी किया था, जिस पर उर्दू में राम अंकित है.

इसके अलावा दो चर्चित सिक्के भी है, जिनमें आधा मोहर सोना और आधा रुपया चांदी पर जारी किया गया था. एडवोकेट जैन का कहना है कि अकबर का चांदी का रुपया उनके पास कलेक्शन में मौजूद है, जबकि दो दुर्लभ सिक्के थे जिनमें आधा चांदी की मोहर और आधा रुपया है.

इसे भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा : बिन बताए कार सेवा में अयोध्या गए थे सेठाराम, पुलिस ने नारे लगाते मुंह में मारी थी गोली

दिल्ली और वाराणसी में हैं दो सिक्के : एडवोकेट शैलेश जैन का कहना है कि उनके पास भगवान राम पर अकबर के शासन में चलाया गया एक सिक्का है, यह पंच मार्क कॉइन है, जबकि सोने की आधी मोहर और चांदी का आधा रुपया दोनों ही सिक्के काफी चर्चित है. इसमें सोने की आधी मोहर दिल्ली के नेशनल म्यूजियम और चांदी का आधा रुपया वाराणसी के भारत कला भवन में मौजूद है. इनमें नागरी भाषा में रामसिया लिखा है. इसके अलावा भगवान राम धनुष हाथ में लिए है और माता सीता के हाथ में फूल है. यह सिक्के अकबर ने अपने शासन के अंतिम वर्ष इलाही 50 में जारी किए थे. सोने की आधी मोहर पर जारी होने का समय इलाही 50 और महीना फरवरदिन लिखा हुआ है. इसी तरह से चांदी के आधे रुपए पर इलाही 50 और जारी होने का महीना अमरदाद है.

Akbar coins on Ram
अकबर के सिक्कों पर ऊर्दू में लिखा 'राम'

सेकुलर बना रहने की थी योजना : एडवोकेट जैन ने बताया कि अकबर का जन्म 1542 में हुआ था. वहीं 13 साल की उम्र में ही वह गद्दी पर बैठ गया था. ऐसे में वह 1556 में बादशाह बन गया था. उसने करीब 50 साल शासन किया है. 1605 तक उसका शासन रहा है. उसने दो चर्चित सिक्के अपने शासन के अंतिम वर्ष इलाही 50 में जारी किए थे. अकबर के शासनकाल के दौरान अधिकांश हिंदू लोग ही उसके साम्राज्य के अधीन रहते थे. कई हिंदू रियासतें भी उसके अधीन थी. ऐसे में वह सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और सभी के बीच सेकुलर बना रहने के लिए इस तरह के क्रियाकलाप करता था, ताकि जनता कभी विद्रोह नहीं करें.

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